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कोरोना से तबाह हुआ ब्लैक पॉटरी का भविष्य, भुखमरी की कगार पर कारीगर

कोविड-19 के चलते आजमगढ़ जनपद में ब्लैक पॉटरी के कारीगरों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई. संक्रमण के चलते यातायात पर लगी पाबंदी से कारीगरों को दूसरे राज्यों से मिलने वाला काम बंद हो गया है. इससे उनके सामने खाने के लाले पड़ गए हैं.

स्पेशल रिपोर्ट.
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Published : Aug 29, 2020, 9:15 PM IST

आजमगढ़: 'वन डिस्ट्रिक, वन प्रोडक्ट' के तहत आजमगढ़ जनपद के निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी वैसे तो पूरी दुनिया में मशहूर है. साथ ही यहां पर बने काली मिट्टी से बर्तनों की मांग देश के सभी राज्यों में रहती है, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते काली मिट्टी का काम करने वाले कारीगारों को निराशा हाथ लगी है. दरअसल, कोविड-19 के चलते कारीगारों को दूसरे राज्यों से मिलने वाला काम बंद हो गया है. इससे कारीगारों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है.

कोविड-19 का असर व्यापार पर दिखा
राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कारीगर रामजतन प्रजापति का कहना है कि जिस तरह से पूरे देश में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है. इसका असर व्यापार पर देखने को मिला है. वहीं संक्रमण के चलते दूसरे राज्यों से मिलने वाला ऑर्डर भी कैंसिल हो गया है. इसके कारण कारीगरों को भूखमरी का शिकार होना पड़ा है. वहीं कारीगरों की आजीविका बंद होने से बच्चों के पालन पोषण में काफी परेशानी हो रही है.

सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कारीगर रामजतन प्रजापति ने बताया कि महाराष्ट्र, गुजरात, कोलकाता, दिल्ली के साथ देश के कई राज्यों से काली मिट्टी से बने उत्पादों का आर्डर मिलता था पर इस बार कोविड-19 के चलते सारे ऑर्डर कैंसिल हो गए हैं. इसके कारण कारीगरों के सामने रोजी-रोटी का सवाल पैदा हो गया है. वहीं इस मुश्किल की घड़ी में सरकार की तरफ से भी किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल पा रही है.

स्पेशल रिपोर्ट.

ब्लैक पॉटरी के लिए निजामाबाद है मशहूर
आजमगढ़ जनपद के निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी पूरी दुनिया में काली मिट्टी से बने उत्पादों के लिए मशहूर है और यही कारण है कि देश के दूसरे राज्यों में यहां से बने काली मिट्टी के उत्पाद जाते हैं पर जिस तरह से पूरे देश में कोविड-19 का संक्रमण है. इसके चलते यहां के शिल्पकारों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. यहां पर काली मिट्टी से सजावटी सामान घरेलू इस्तेमाल की वस्तुओं के साथ-साथ बहुत से सामान बनाए जाते हैं. इसकी मांग देश के सभी राज्यों में होती है और इसी से यहां के लोगों की जीविका चलती है.

इसे भी पढ़ें- आजमगढ़: घाघरा की लहरों में विलीन हुआ पुल, 8 गांव के लोग परेशान

आजमगढ़: 'वन डिस्ट्रिक, वन प्रोडक्ट' के तहत आजमगढ़ जनपद के निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी वैसे तो पूरी दुनिया में मशहूर है. साथ ही यहां पर बने काली मिट्टी से बर्तनों की मांग देश के सभी राज्यों में रहती है, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते काली मिट्टी का काम करने वाले कारीगारों को निराशा हाथ लगी है. दरअसल, कोविड-19 के चलते कारीगारों को दूसरे राज्यों से मिलने वाला काम बंद हो गया है. इससे कारीगारों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है.

कोविड-19 का असर व्यापार पर दिखा
राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कारीगर रामजतन प्रजापति का कहना है कि जिस तरह से पूरे देश में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है. इसका असर व्यापार पर देखने को मिला है. वहीं संक्रमण के चलते दूसरे राज्यों से मिलने वाला ऑर्डर भी कैंसिल हो गया है. इसके कारण कारीगरों को भूखमरी का शिकार होना पड़ा है. वहीं कारीगरों की आजीविका बंद होने से बच्चों के पालन पोषण में काफी परेशानी हो रही है.

सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कारीगर रामजतन प्रजापति ने बताया कि महाराष्ट्र, गुजरात, कोलकाता, दिल्ली के साथ देश के कई राज्यों से काली मिट्टी से बने उत्पादों का आर्डर मिलता था पर इस बार कोविड-19 के चलते सारे ऑर्डर कैंसिल हो गए हैं. इसके कारण कारीगरों के सामने रोजी-रोटी का सवाल पैदा हो गया है. वहीं इस मुश्किल की घड़ी में सरकार की तरफ से भी किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिल पा रही है.

स्पेशल रिपोर्ट.

ब्लैक पॉटरी के लिए निजामाबाद है मशहूर
आजमगढ़ जनपद के निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी पूरी दुनिया में काली मिट्टी से बने उत्पादों के लिए मशहूर है और यही कारण है कि देश के दूसरे राज्यों में यहां से बने काली मिट्टी के उत्पाद जाते हैं पर जिस तरह से पूरे देश में कोविड-19 का संक्रमण है. इसके चलते यहां के शिल्पकारों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. यहां पर काली मिट्टी से सजावटी सामान घरेलू इस्तेमाल की वस्तुओं के साथ-साथ बहुत से सामान बनाए जाते हैं. इसकी मांग देश के सभी राज्यों में होती है और इसी से यहां के लोगों की जीविका चलती है.

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