आजमगढ़ः पूरे देश में चल रहे लॉकडाउन के कारण लगातार जनपद में प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. ऐसे में जिला प्रशासन का दावा है कि बाहर से आने वाले सभी प्रवासी मजदूरों को जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए तहसील स्तर के शेल्टर होम में रखा जा रहा है. जहां पर उन्हें रहने के साथ-साथ खाने-पीने की भी व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है.
ईटीवी भारत ने जब जिला प्रशासन निजामाबाद तहसील के प्राथमिक विद्यालय बेगपुर आयमा में बनाए गए शेल्टर होम का निरीक्षण किया तो प्रशासन के दावे की पोल खुल गई. जिला प्रशासन भले ही दावा कर रहा है कि यहां पर रहने वाले लोगों को खाने-पीने की व्यवस्था के साथ-साथ किसी तरह की समस्या नहीं होने दी जाएगी. यहां पर रहने वाले लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से हम लोगों के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की गई.
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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मुंबई से आए राम सहारे मौर्य का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से यहां पर कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है. यहां सिर्फ रहने की व्यवस्था है. खाने-पीने के साथ-साथ चारपाई भी हम लोगों ने अपने घरों से मंगाई है. रिंकू मौर्य का कहना है कि प्रशासन सिर्फ हम लोगों को गुमराह कर रहा है.