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आजमगढ़: DM के अश्वासन के बाद किसानों ने स्थगित किया धरना - आजमगढ़ ताजा खबर

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में किसान मुआवजे की मांग को लेकर बीते कई दिनों से धरना कर रहे थे. डीएम के आश्वासन के बाद किसानों ने धरना स्थगित कर दिया है.

जिलाधिकारी एनपी सिंह.
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Published : Sep 3, 2019, 12:11 PM IST

आजमगढ़: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से होकर गुजर रहे गोरखपुर लिंक हाईवे के लिए अधिक मुआवजे की मांग कर रहे किसान कई दिनों से धरना दे रहे थे. सूचना पाकर पहुंचे डीएम ने किसानों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने का आश्वाशन दिया, जिसके बाद किसानों ने धरना समाप्त कर दिया.

जानकारी देते जिलाधिकारी एनपी सिंह.

इसे भी पढ़ें:- आवारा पशुओं को मिलेगा गोपालकों का सहारा, सरकार देगी चारे का मुआवजा

मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने दिया धरना

  • आजमगढ़ से होकर गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित है.
  • इसके लिए किसानों की जमीनें अधिग्रहित करने के लिए दर निर्धारित की गई थी.
  • जिसके बाद कम दर का आरोप लगाकर अतरौलिया समेत कई गांव के किसान इसका विरोध कर रहे हैं.
  • किसानों की मांग है कि हमें 2015 में बने एनएच-277 के अनुरूप ही मुआवजा दिया जाए.
  • किसानों का कहना है कि उन्हें 2016 में बने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के मुआवजे की राशि को आधार मान मुआवजा दिया जा रहा था.
  • इससे गुस्साए किसानों ने धरने के दौरान जिला प्रशासन की तेरहवीं तक कर डाली.
  • मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी ने किसानों को समझा-बुझाकर धरना समाप्त कराया.

इसे भी पढ़ें- बिहार के पांच सफाईकर्मियों की गाजियाबाद में मौत, 10-10 लाख मुआवजा

आपको बता दें कि 2015 में बने एनएच-277 का रेट 2016 में बने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के रेट से ज्यादा था, जिसके बाद किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस मामले को लेकर जिलाधिकारी ने 2015 में बने एनएच की दरों की जांच के आदेश भी दे दिए थे.

यह केवल दर निर्धारित है, अगर किसान अपनी जमीन इसी दर में देना चाहे तो दें या कोई आपत्ति है तो इसे बताएं. जिसे हम सरकार तक पहुंचा देंगे. इस आश्वासन के बाद किसानों ने धरना समाप्त कर दिया है.
- एनपी सिंह, जिलाधिकारी

आजमगढ़: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से होकर गुजर रहे गोरखपुर लिंक हाईवे के लिए अधिक मुआवजे की मांग कर रहे किसान कई दिनों से धरना दे रहे थे. सूचना पाकर पहुंचे डीएम ने किसानों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने का आश्वाशन दिया, जिसके बाद किसानों ने धरना समाप्त कर दिया.

जानकारी देते जिलाधिकारी एनपी सिंह.

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मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने दिया धरना

  • आजमगढ़ से होकर गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित है.
  • इसके लिए किसानों की जमीनें अधिग्रहित करने के लिए दर निर्धारित की गई थी.
  • जिसके बाद कम दर का आरोप लगाकर अतरौलिया समेत कई गांव के किसान इसका विरोध कर रहे हैं.
  • किसानों की मांग है कि हमें 2015 में बने एनएच-277 के अनुरूप ही मुआवजा दिया जाए.
  • किसानों का कहना है कि उन्हें 2016 में बने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के मुआवजे की राशि को आधार मान मुआवजा दिया जा रहा था.
  • इससे गुस्साए किसानों ने धरने के दौरान जिला प्रशासन की तेरहवीं तक कर डाली.
  • मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी ने किसानों को समझा-बुझाकर धरना समाप्त कराया.

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आपको बता दें कि 2015 में बने एनएच-277 का रेट 2016 में बने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के रेट से ज्यादा था, जिसके बाद किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस मामले को लेकर जिलाधिकारी ने 2015 में बने एनएच की दरों की जांच के आदेश भी दे दिए थे.

यह केवल दर निर्धारित है, अगर किसान अपनी जमीन इसी दर में देना चाहे तो दें या कोई आपत्ति है तो इसे बताएं. जिसे हम सरकार तक पहुंचा देंगे. इस आश्वासन के बाद किसानों ने धरना समाप्त कर दिया है.
- एनपी सिंह, जिलाधिकारी

Intro:एंकर- पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से होकर गुजर रहे गोरखपुर लिंक हाईवे के लिए अधिक मुआवजे की मांग कर किसान कई दिनों से धरना कर रहे थे जिन्होंने डीएम के आश्वासन के बाद अपना धरना समाप्त किया।


Body:वीवो1- आजमगढ़ से होकर गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे प्रस्तावित है जिसके लिए किसानों की जमीनें अधिग्रहित करने के लिए दर निर्धारित कर दी गयी थी। जिसके बाद कम दर का आरोप लगा अतरौलिया समेत कई गांव के किसानों ने इसका विरोध कर दिया और 2015 में बने एनएच 277 के अनुरूप ही मुआवजे की मांग की। जबकि 2016 में बनी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के मुआवजे की राशि को आधार मान किसानों को मुआवजा दिया जा रहा था।

धरने के दौरान किसानों ने जिला प्रशासन की तेरहवीं तक कर डाली जिसके बाद मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी ने जब उन्हें समझाया तो किसानों ने उनके आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया।


वीवो2- जिलाधिकारी एनपी सिंह ने बताया कि उन्होंने किसानों से बताया कि यह केवल दर निर्धारित है अगर आप अपनी जमीन इसी दर में देना चाहे तो दे या कोई आपत्ति है तो इसे बताए जिसे जिलाधिकारी कानून के दायरे में रहकर सरकार तक यह बात पहुचा दे। डीएम के इस अस्वासन के बाद किसानो ने धरना समाप्त कर लिया।




Conclusion:आपको बता दें कि 2015 में बने एनएच 277 का रेट 2016 में बनी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के रेट से ज्यादा था जिसके बाद किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया इस मामले को लेकर जिला अधिकारी ने 2015 में बनी एनएच की दरों की जांच के आदेश भी दे दिए थे।

प्रत्युष सिंह
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