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फर्जी पासपोर्ट मामले में अफगानी नागरिक समेत तीन हुए दोष मुक्त

आजमगढ़ की कोर्ट ने फर्जी पासपोर्ट मामले (fake passport cases) में अफगानी नागरिक समेत तीनों आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के विरुद्ध फर्जी पासपोर्ट बनाने अथवा रखने का पर्याप्त साक्ष्य मौजूद नहीं है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 6, 2024, 7:24 PM IST

आजमगढ़: जिले में फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक अफगानी नागरिक समेत तीन आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है. यह फैसला अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नंबर दस देवेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार को सुनाया.

अभियोजन के अनुसार 2 फरवरी 2020 को फूलपुर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक कृष्ण कुमार गुप्ता माहुल मोड़ पर गश्त कर रहे थे. तभी मुखबिर की सूचना पर किरामत उल्ला अहमद जई को अफगानिस्तान से गिरफ्तार किया. अफगानी नागरिक किरामत उल्लाह ने बताया कि फर्जी पासपोर्ट साहिबे आलम ने फूलपुर से बनाया था. इसके अलावा साहिबे आलम ने आबिद अब्दुल्ला का अफगानिस्तान का भी फर्जी पासपोर्ट बनाया था. इस काम में मनोज ने सहयोग किया था.

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पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद सभी आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से कृष्ण कुमार गुप्ता, उप निरीक्षक दिनेश चंद्र पाठक, विवेचक कमला शंकर गिरी, तत्कालीन ग्राम प्रधान अमृता, मोहम्मद जावेद, ताहिर, शैलेंद्र कुमार मौर्य, हेड कांस्टेबल राहुल कुमार सिंह, कांस्टेबल भगवान यादव, हेड कांस्टेबल बच्चे लाल यादव समेत कुल नौ गवाहों को अदालत में पेश किया गया. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची कि आरोपी आबिद अब्दुल्ला के विरुद्ध फर्जी पासपोर्ट बनाने अथवा रखने का पर्याप्त साक्ष्य मौजूद नहीं है. इसके अलावा न ही साहिबे आलम और मनोज के विरुद्ध कोई साक्ष्य है.

अदालत ने तीनों आरोपी आबिद अब्दुल्ला, साहिबे आलम और मनोज को दोष मुक्त कर दिया. इस मुकदमे के एक अन्य आरोपी किरामतुल्लाह को अदालत ने 2 सितंबर 2023 को दोष मुक्त करते हुए विवेचक कमला शंकर गिरी के विरुद्ध ठीक ढंग से विवेचना न करने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था.

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आजमगढ़: जिले में फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक अफगानी नागरिक समेत तीन आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है. यह फैसला अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नंबर दस देवेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार को सुनाया.

अभियोजन के अनुसार 2 फरवरी 2020 को फूलपुर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक कृष्ण कुमार गुप्ता माहुल मोड़ पर गश्त कर रहे थे. तभी मुखबिर की सूचना पर किरामत उल्ला अहमद जई को अफगानिस्तान से गिरफ्तार किया. अफगानी नागरिक किरामत उल्लाह ने बताया कि फर्जी पासपोर्ट साहिबे आलम ने फूलपुर से बनाया था. इसके अलावा साहिबे आलम ने आबिद अब्दुल्ला का अफगानिस्तान का भी फर्जी पासपोर्ट बनाया था. इस काम में मनोज ने सहयोग किया था.

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पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद सभी आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से कृष्ण कुमार गुप्ता, उप निरीक्षक दिनेश चंद्र पाठक, विवेचक कमला शंकर गिरी, तत्कालीन ग्राम प्रधान अमृता, मोहम्मद जावेद, ताहिर, शैलेंद्र कुमार मौर्य, हेड कांस्टेबल राहुल कुमार सिंह, कांस्टेबल भगवान यादव, हेड कांस्टेबल बच्चे लाल यादव समेत कुल नौ गवाहों को अदालत में पेश किया गया. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची कि आरोपी आबिद अब्दुल्ला के विरुद्ध फर्जी पासपोर्ट बनाने अथवा रखने का पर्याप्त साक्ष्य मौजूद नहीं है. इसके अलावा न ही साहिबे आलम और मनोज के विरुद्ध कोई साक्ष्य है.

अदालत ने तीनों आरोपी आबिद अब्दुल्ला, साहिबे आलम और मनोज को दोष मुक्त कर दिया. इस मुकदमे के एक अन्य आरोपी किरामतुल्लाह को अदालत ने 2 सितंबर 2023 को दोष मुक्त करते हुए विवेचक कमला शंकर गिरी के विरुद्ध ठीक ढंग से विवेचना न करने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था.

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