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आजमगढ़: भगवान भोलेनाथ के मंदिर पर दिखा कोरोना का असर, मंदिर पर नहीं जुटी भीड़

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में भंवर नाथ स्थित मंदिर पर सोमवार को भक्तों की भीड़ नहीं दिखी. भंवर नाथ मंदिर पर आम दिनों में हमेशा भक्तों का तांता लगा रहता था, लेकिन कोरोना की वजह से सावन के पहले सोमवार को भी भक्तों की भीड़ नहीं दिखी.

आजमगढ़
भवर नाथ मंदिर
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Published : Jul 6, 2020, 10:44 AM IST

आजमगढ़: जनपद में स्थित भगवान भोलेनाथ के भंवर नाथ स्थित मंदिर में इस बार भक्तों की संख्या में काफी कमी रही है. जिस तरह से सावन के पहले सोमवार में इतनी कम संख्या में भक्त आए, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना वायरस से जनपद की जनता किस तरह से डरी हुई है.

वैसे तो भंवर नाथ स्थित भगवान भोलेनाथ के मंदिर में हर सोमवार को ही भक्तों का मेला उमड़ता है, लेकिन जिस तरह से आज सावन का पहला सोमवार होने के बावजूद भी भक्तों की भीड़ नदारद रही इससे लगता है कि कहीं न कहीं लोग कोरोना के कारण डरे हुए हैं.

आजमगढ़
कतारबद्ध होकर चढ़ाया जल.

भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में हर सोमवार को भक्तों का भारी मेला उमड़ता है. पूरे देश में कोरोना का संक्रमण चल रहा है. ऐसे में इस ऐतिहासिक और प्रसिद्ध मंदिर से भक्तों की भीड़ नदारद रही. सबसे खास बात यह है कि मंदिर में पहली बार आने वाले सभी भक्तों के टेंपरेचर भी मापे पर जा रहे हैं, जिससे मंदिर में भी संक्रमण का खतरा न उत्पन्न हो सके.

बता दें कि भगवान भंवर नाथ मंदिर के बारे में मान्यता है कि इस मंदिर पर जब मुगल शासक औरंगजेब ने आक्रमण किया था तो भगवान भोलेनाथ ने भंवरे के रूप में प्रकट होकर इस मंदिर की रक्षा की थी. तभी से इस मंदिर की और अधिक महत्ता बढ़ गई है. यही कारण है कि हर सोमवार और सावन महीने के साथ-साथ महाशिवरात्रि में इस मंदिर पर भक्तों का भारी मेला उमड़ता है. इस मंदिर में जो भी भगवान भोलेनाथ का भक्त अपने मन की मुराद मांगता है भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मुराद को पूरी करते हैंं.

आजमगढ़: जनपद में स्थित भगवान भोलेनाथ के भंवर नाथ स्थित मंदिर में इस बार भक्तों की संख्या में काफी कमी रही है. जिस तरह से सावन के पहले सोमवार में इतनी कम संख्या में भक्त आए, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना वायरस से जनपद की जनता किस तरह से डरी हुई है.

वैसे तो भंवर नाथ स्थित भगवान भोलेनाथ के मंदिर में हर सोमवार को ही भक्तों का मेला उमड़ता है, लेकिन जिस तरह से आज सावन का पहला सोमवार होने के बावजूद भी भक्तों की भीड़ नदारद रही इससे लगता है कि कहीं न कहीं लोग कोरोना के कारण डरे हुए हैं.

आजमगढ़
कतारबद्ध होकर चढ़ाया जल.

भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में हर सोमवार को भक्तों का भारी मेला उमड़ता है. पूरे देश में कोरोना का संक्रमण चल रहा है. ऐसे में इस ऐतिहासिक और प्रसिद्ध मंदिर से भक्तों की भीड़ नदारद रही. सबसे खास बात यह है कि मंदिर में पहली बार आने वाले सभी भक्तों के टेंपरेचर भी मापे पर जा रहे हैं, जिससे मंदिर में भी संक्रमण का खतरा न उत्पन्न हो सके.

बता दें कि भगवान भंवर नाथ मंदिर के बारे में मान्यता है कि इस मंदिर पर जब मुगल शासक औरंगजेब ने आक्रमण किया था तो भगवान भोलेनाथ ने भंवरे के रूप में प्रकट होकर इस मंदिर की रक्षा की थी. तभी से इस मंदिर की और अधिक महत्ता बढ़ गई है. यही कारण है कि हर सोमवार और सावन महीने के साथ-साथ महाशिवरात्रि में इस मंदिर पर भक्तों का भारी मेला उमड़ता है. इस मंदिर में जो भी भगवान भोलेनाथ का भक्त अपने मन की मुराद मांगता है भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मुराद को पूरी करते हैंं.

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