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मेट्रोमोनियल साइट पर फर्जी दारोगा बनकर युवतियों को ठगने वाला 3 लोगों के साथ गिरफ्तार

पुलिस ने फर्जी दरोगा बनकर मेट्रोमोनियल साइट से लड़कियों के साथ ठगी करने वाले गिरोह को गिरफ्तार का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 11, 2023, 9:40 PM IST

एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने गिरोह का खुलासा करते हुए मीडिया को दी जानकारी

आजमगढ़: पुलिस की वर्दी पहनकर प्रतिष्ठित लोगों के साथ सोशल मीडिया पर फोटो प्रसारित कर वैवाहिक रिश्ते के लिए इच्छुक युवतियों को अपने जाल में फंसाकर की ठगी करने वाला फर्जी दरोगा सोमवार को मामा सहित तीन लोगों के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ गया. ठगी करने वाला यह गिरोह लखनऊ और पूर्वांचल के कई जिलों में भोली भाली लड़कियों को अपना शिकार बना चुका है. इस गिरोह के कब्जे से पुलिस ने वैगनआर एवं स्विफ्ट कार, तमंचा, कारतूस और पुलिस की वर्दी बरामद की है.

एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल के मुताबिक बलिया जिले के सहतवार थाना अंतर्गत दुधैला ग्राम निवासी धीरज सिंह पुलिस की वर्दी पहन कर खुद को दरोगा बताते हुए लगभग तीन सालों से सोशल मीडिया पर वैवाहिक विज्ञापन के लिए सक्रिय एक मेट्रोमोनियल साइट और सोशल मीडिया के माध्यम से युवतियों को अपने जाल में फंसाकर ठगी करता था. पुलिस और नेताओं के साथ फोटो प्रोफाईल पर उसकी तस्वीर देख उसके प्रभाव में आने वाली युवतियों से नजदीकी बढ़ा कर अचानक अपनी मजबूरी बताकर उनसे पैसो की मांग करने के बाद अपना संपर्क तोड़ लेता था. इस तरह से वह बलिया, मिर्जापुर एवं लखनऊ में कई युवतियों को अपना शिकार बना चुका है.

ठगी के मामले में उसके खिलाफ प्रयागराज और लखनऊ में मुकदमे भी दर्ज हैं. इसके खिलाफ जिले के फूलपुर एवं शहर कोतवाली में भी दो मुकदमें दर्ज हैं. इन मामलों में आरोपित धीरज सिंह ने खुद को आजमगढ़ जिले में तैनात होने की जानकारी देकर कानपुर जिले के संचेड़ी थाना अंतर्गत रामपुर भीमसेन कला का निवासी पुरवा बृजेन्द्र सिंह से 70 हजार रुपये और फूलपुर कोतवाली में तैनाती बताते हुए एक अन्य युवती को 50 हजार रुपये की ठगी की है. इस गोरखधंधे में आरोपित धीरज सिंह का मामा पंकज सिंह और अन्य कई साथी भी शामिल हैं.

इसे भी पढ़े-सावधान! लखनऊ में ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय

एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने बताया कि गिरोह की तलाश में जुटी पुलिस को सोमवार को सूचना मिली कि धीरज सिंह अपने मामा पंकज सिंह एवं उसके दो अन्य साथी पूर्वांचल एक्सप्रेस- वे से लखनऊ की ओर जा रहे हैं. पुलिस सक्रिय हुई और मुबारकपुर क्षेत्र में सठियांव के समीप बने कट और सिधारी क्षेत्र में बैठौली पुल के समीप वैगनआर एवं स्विफ्ट कार में सवार चार लोगों की गिरफ्तारी कर लिया. पकड़े गए लोगों में धीरज सिंह निवासी दुधैला थाना सहतवार, पंकज सिंह ग्राम नौकागांव थाना रेवती, राजेश सिंह ग्राम श्रीनगर थाना बैरिया और प्रवीण प्रताप सिंह पुत्र महेश्वर सिंह निवासी नौकागांव थाना रेवती जनपद बलिया के निवासी बताए गए हैं. पुलिस पकड़े गए अभियुक्तों के आपराधिक रिकार्ड खंगालने में जुटी है.

एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने बताया कि पुलिस की वर्दी पहनकर मेट्रोमोनियल साइट के माध्यम से युवतियों के साथ ठगी करने वाले अन्तर्जनपदीय गैंग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह गिरोह 2020 से सक्रिय है. इस गिरोह के सदस्य वर्दी पहन कर मेट्रोमोनियल साइट पर अपने आपको सब इंस्पेक्टर बताते थे. पुलिस के मेडल, पुलिस अधिकारियों और नेताओं के साथ फोटो अपनी प्रोफाइल पर अपलोड करते थे. इसके साथ ही नियमित रूप से वर्दी पहन कर विभिन्न दफ्तरों में जाते और समारोह में भी शामिल होते थे. इसके बाद मेट्रोमोनियल साइट के जरिए आरोपियों को शादी के प्रोपोजल आते थे. तब यह युवतियों से नजदीकी बढ़ाते थे और फिर मां के ऑपरेशन के नाम पर पैसे मांगते थे. आजमगढ़ में आरोपीयों के खिलाफ एक आर्म्स एक्ट दर्ज किया गया है.


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एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने गिरोह का खुलासा करते हुए मीडिया को दी जानकारी

आजमगढ़: पुलिस की वर्दी पहनकर प्रतिष्ठित लोगों के साथ सोशल मीडिया पर फोटो प्रसारित कर वैवाहिक रिश्ते के लिए इच्छुक युवतियों को अपने जाल में फंसाकर की ठगी करने वाला फर्जी दरोगा सोमवार को मामा सहित तीन लोगों के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ गया. ठगी करने वाला यह गिरोह लखनऊ और पूर्वांचल के कई जिलों में भोली भाली लड़कियों को अपना शिकार बना चुका है. इस गिरोह के कब्जे से पुलिस ने वैगनआर एवं स्विफ्ट कार, तमंचा, कारतूस और पुलिस की वर्दी बरामद की है.

एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल के मुताबिक बलिया जिले के सहतवार थाना अंतर्गत दुधैला ग्राम निवासी धीरज सिंह पुलिस की वर्दी पहन कर खुद को दरोगा बताते हुए लगभग तीन सालों से सोशल मीडिया पर वैवाहिक विज्ञापन के लिए सक्रिय एक मेट्रोमोनियल साइट और सोशल मीडिया के माध्यम से युवतियों को अपने जाल में फंसाकर ठगी करता था. पुलिस और नेताओं के साथ फोटो प्रोफाईल पर उसकी तस्वीर देख उसके प्रभाव में आने वाली युवतियों से नजदीकी बढ़ा कर अचानक अपनी मजबूरी बताकर उनसे पैसो की मांग करने के बाद अपना संपर्क तोड़ लेता था. इस तरह से वह बलिया, मिर्जापुर एवं लखनऊ में कई युवतियों को अपना शिकार बना चुका है.

ठगी के मामले में उसके खिलाफ प्रयागराज और लखनऊ में मुकदमे भी दर्ज हैं. इसके खिलाफ जिले के फूलपुर एवं शहर कोतवाली में भी दो मुकदमें दर्ज हैं. इन मामलों में आरोपित धीरज सिंह ने खुद को आजमगढ़ जिले में तैनात होने की जानकारी देकर कानपुर जिले के संचेड़ी थाना अंतर्गत रामपुर भीमसेन कला का निवासी पुरवा बृजेन्द्र सिंह से 70 हजार रुपये और फूलपुर कोतवाली में तैनाती बताते हुए एक अन्य युवती को 50 हजार रुपये की ठगी की है. इस गोरखधंधे में आरोपित धीरज सिंह का मामा पंकज सिंह और अन्य कई साथी भी शामिल हैं.

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एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने बताया कि गिरोह की तलाश में जुटी पुलिस को सोमवार को सूचना मिली कि धीरज सिंह अपने मामा पंकज सिंह एवं उसके दो अन्य साथी पूर्वांचल एक्सप्रेस- वे से लखनऊ की ओर जा रहे हैं. पुलिस सक्रिय हुई और मुबारकपुर क्षेत्र में सठियांव के समीप बने कट और सिधारी क्षेत्र में बैठौली पुल के समीप वैगनआर एवं स्विफ्ट कार में सवार चार लोगों की गिरफ्तारी कर लिया. पकड़े गए लोगों में धीरज सिंह निवासी दुधैला थाना सहतवार, पंकज सिंह ग्राम नौकागांव थाना रेवती, राजेश सिंह ग्राम श्रीनगर थाना बैरिया और प्रवीण प्रताप सिंह पुत्र महेश्वर सिंह निवासी नौकागांव थाना रेवती जनपद बलिया के निवासी बताए गए हैं. पुलिस पकड़े गए अभियुक्तों के आपराधिक रिकार्ड खंगालने में जुटी है.

एसपी सिटी शैलेन्द्र लाल ने बताया कि पुलिस की वर्दी पहनकर मेट्रोमोनियल साइट के माध्यम से युवतियों के साथ ठगी करने वाले अन्तर्जनपदीय गैंग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह गिरोह 2020 से सक्रिय है. इस गिरोह के सदस्य वर्दी पहन कर मेट्रोमोनियल साइट पर अपने आपको सब इंस्पेक्टर बताते थे. पुलिस के मेडल, पुलिस अधिकारियों और नेताओं के साथ फोटो अपनी प्रोफाइल पर अपलोड करते थे. इसके साथ ही नियमित रूप से वर्दी पहन कर विभिन्न दफ्तरों में जाते और समारोह में भी शामिल होते थे. इसके बाद मेट्रोमोनियल साइट के जरिए आरोपियों को शादी के प्रोपोजल आते थे. तब यह युवतियों से नजदीकी बढ़ाते थे और फिर मां के ऑपरेशन के नाम पर पैसे मांगते थे. आजमगढ़ में आरोपीयों के खिलाफ एक आर्म्स एक्ट दर्ज किया गया है.


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