आजमगढ़: जनता दर्शन में आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं. इसके अलावा जानकारी की जा रही है कि हरित पट्टी पर कैसे अवैध कॉलोनियां डेवलप हो गईं. इस मामले पर डीएम ने एडीए सचिव से रिपोर्ट मांगी थी. इसके साथ ही एडीए के चपरासी को डीएम कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. भ्रष्टाचार के मामले में डीएम के सख्त रुख अपनाने के बाद प्रशासनिक हलकों में खलबली मच गई है.
मामले में डीएम अमृत त्रिपाठी ने बताया कि एडीएम फाइनेंस और पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन के नेतृत्व में टीम का गठन कर दिया गया है. यह टीम ग्रीन बेल्ट में अवैध कालोनियों के निर्माण पर जांच रिपोर्ट देगी. प्रत्येक विभाग में करप्शन रोकने के लिए शासन की तरफ से एंटी करप्शन सेल की व्यवस्था है. सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर उन्हें रंगे हाथों पकड़ा जा सकता है. डीएम ने बताया कि एंटी करप्शन सेल के नंबर को प्रत्येक विभाग में डिस्प्ले कराया जाएगा, जिससे लोग सीधे शिकायत कर सकेंगे. इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा.
बता दें कि जनसुनवाई में जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी से शहरी क्षेत्र के कुछ लोगों ने एडीए के जेई व एई के साथ दो चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के खिलाफ मौखिक शिकायत की थी. पैसे न देने पर नोटिस देने और काम रुकवाने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे. मामले में डीएम ने एडीए सचिव बैजनाथ को भी तलब किया था और उनसे जानकारी ली थी. एडीए सचिव ने भी जनता की मौखिक शिकायत के आधार पर ही जेई, एई व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की.
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इसके चलते डीएम ने दोनों चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को अपने कार्यालय से संबद्ध कर लिया. इसके साथ ही दो अफसरों की टीम की जांच आख्या में यह देखा जाएगा कि किस कर्मचारी ने विभागीय कार्यों के दायित्वों का निर्वहन नहीं किया और प्रतिबंधित क्षेत्र में उनकी अनदेखी से अवैध निर्माण हो गए.
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