आजमगढ़: जनपद में गुरुवार को यूपी कांग्रेस कमेटी एससी-एसटी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आलोक प्रसाद पहुंचे. इस दौरान उन्होंने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में लगातार दलित उत्पीड़न और महिला हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं, ये निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है.
आलोक प्रसाद ने कहा कि पूर्वांचल में दलित उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. दलितों के घर जलाना, दलित की बेटियों के साथ दुष्कर्म और महिला हिंसा की घटनाएं. इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने एक टीम गठित की है. ये टीम जिन-जिन जनपदों में उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही हैं, वहां जाकर पीड़ित लोगों से मिलेगी. इसी क्रम में आज मेरा आजमगढ़ आना हुआ है.
उन्होंने कहा कि उभारपुर में दलितों के साथ मारपीट में भाजपा जिलाध्यक्ष का नाम प्रकाश में आया है. वहां के दलितों का कहना है कि पुलिस ने भी सत्ता के नाम पर उत्पीड़न किया. दलितों को पीटने के आरोप में भाजपा जिलाध्यक्ष ऋषि कांत राय पर आरोप लगा. बाद में पुलिस ने जांच में जिलाध्यक्ष का नाम मुकदमे से निकाल दिया. दलित उत्पीड़न की घटनाओं को हल्की धाराओं में दर्ज किया गया. इससे अंदाजा लगता है कि प्रदेश सरकार दलितों के साथ भेदभाव कर रही हैं. आजमगढ़ जनपद में भी 4 दलित उत्पीड़न की घटनाएं हुईं हैं. सभी घटनाओं में पुलिस ने अलग-अलग थ्योरी गढ़ी, जोकि निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है.
बताते चलें कि आजमगढ़ जनपद में विगत सप्ताह दलित उत्पीड़न की 4 घटनाएं हुईं थीं. इनमें से तीन घटनाओं में सांप्रदायिक लोगों पर मारपीट और दलित लड़कियों से छेड़खानी के आरोप लगे थे. वहीं एक घटना में भाजपा के जिलाध्यक्ष ऋषि कांत राय के बेटों पर मुकदमा भी पंजीकृत हुआ. हालांकि पुलिस इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर रही है. वहीं विपक्षियों का आरोप है कि पुलिस ने इतने बड़े मामले में हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. निश्चित रूप से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस पर सत्ता का दबाव किस कदर हावी है.