आजमगढ़ : जनपद में रामलीला आयोजन के नाम पर अश्लीलता सामने आई है. जिस मंच पर भगवान श्रीराम की लीलाओं का मंचन होना था वहां 'बार बालाएं' फिल्मी गानों पर ठुमके लगाती नजर आईं. यही नहीं आयोजक मंडल के भी कुछ लोग बालाओं के साथ मंच पर झूमते-नाचते नजर आए. इस दौरान भीड़ भी नियंत्रण के बाहर दिखी. यही नहीं यह नाच-गाना पुलिस चौकी के बगल में हुआ, जहां कोरोना प्रोटोकाल की खुलकर धज्जियां उड़ाई गईं, लेकिन पुलिस मौन रही. इस घटना से हिंदू संगठनों में काफी गुस्सा दिख रहा है.
हिन्दू संगठनों ने जताया विरोध
हर साल की तरह इस बार भी हरौला थाना क्षेत्र के माहुल बाजार में पुलिस चौकी के पास रामलीला का आयोजन किया जा रहा है. कोरोना काल की वजह से रामलीला में भीड़ कम इकट्ठा हो रही थी. भीड़ इकट्ठा करने के लिए 'बार बालाओं' को भी बुलाया गया. बालाएं रामलीला के मंच पर जमकर ठुमके लगा रही हैं. वहीं धर्म के नाम पर अश्लीलता फैलाने को लेकर हिन्दू संगठनों की ओर से आपत्ति भी जताई जा रही है.
भीड़ इकट्ठा कराने के लिए अश्लील डांस
कारोना संक्रमण के डर से रामलीला देखने के लिए लोगों भीड़ नहीं जुट रही है. इस बात से आयोजक परेशान हैं. उन्होंने भीड़ इकट्ठा कराने के लिए 'बार बालाओं' को बुला लिया. जैसे ही इसकी जानकारी पास पड़ोस के गांव के लोगों को हुई कि रामलीला में बार बालाओं का डांस होना है. भारी संख्या में भीड़ जुट गई. आलम यह था कि रामलीला मैदान में कहीं भी पैर रखने को जगह नहीं मिल रही थी. भीड़ देख आयोजक भी झूम उठे. फिर क्या था रामलीला के बजाय बार बालाओं का ठुमका शुरू हुआ और पूरी रात चलता रहा.
आयोजकों ने भी लगाए ठुमके
खास बात है कि 'बार बालाओं' के साथ आयोजक भी ठुमके लगाते नजर आए. कोई लुंगी डांस कर रहा था तो कोई बोतल लेकर झूमता नजर आया. वहीं पुलिस पूरी तरह खामोश रही. आयोजक हो या आम जनता खुलकर कारोना प्रोटोकाल की धज्जी उड़ा रहे थे. इतना सब होने के बाद भी प्रशासन मौन व्रत रखकर बैठा हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार रामलीला में दर्शक नहीं आए तो भीड़ जुटाने के लिए आयोजकों ने अश्लीलता परोस दी.