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आजमगढ़: लाई-चना के सहारे 500 किमी की यात्रा पर निकला झांसी का एक परिवार - देश में लॉकडाउन का असर

देश में लॉकडाउन के दौरान सरकार स्थानीय स्तर पर सुविधा मुहैय्या करवाने की बात कर रही है. लेकिन लोगों का भरोसा शायद सरकार पर नहीं है. लोग खुद पर भरोसा करके हजारों किलोमीटर की यात्रा पैदल ही कर रहे हैं. ऐसा ही एक परिवार आजमगढ़ में मिला, जो 500 किलोमीटर की यात्रा के लिए लाई-चना लेकर निकल चुका है.

azamgarh during lockdown
लॉकडाउन के दौरान पैदल निकले लोग.
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Published : Mar 30, 2020, 7:24 PM IST

Updated : Mar 30, 2020, 8:20 PM IST

आजमगढ़ः महराजगंज थाना क्षेत्र के सरदहां में फुल्की का कारोबार करने एक परिवार झांसी से आया था. लेकिन देश मे लॉकडाउन होने के बाद यह परिवार यहां फंसा हुआ महसूस कर रहा था. जिसके बाद लॉकडाउन के छठवें दिन, खाने की समस्या को देखते हुए अपने कुनबे के साथ ये परिवार पैदल ही आज़मगढ़ से झांसी के लिए रवाना हो गया है.
4 दिन से भूखा था परिवार

पैदल जा रही पार्वती ने बताया, कि वह झांसी जा रही है. उन्हें कोई वाहन की सुविधा नहीं मिली. पार्वती का कहना था, कि 4 दिन से वो लोग कुछ खाये नहीं हैं, इसलिए उन्होंने ये निर्णय लेना पड़ा.

खाने के नाम पर केवल सूखा चावल
कुनबे के मुखिया श्यामलाल ने बताया, कि वो लोग फुल्की का कारोबार करने आये थे. लेकिन लॉकडाउन के बाद उन्हें कुछ खाने को नहीं मिल रहा था. वहीं प्रधान से कहने पर उन्हें केवल सूखा चावल ही मिला, जिसको बिना तेल मसाला और गैस के कैसे बनायें. इसलिए ही वह झांसी के लिए निकले हैं.

बता दें, कि सरकार की तरफ से जो जहां फंसा हुआ है उसे वहीं सुविधा देने का फैसला लिया गया है, लेकिन आज़मगढ़ में डीएम के प्रयास के बाद भी उनके अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं. जिसके चलते स्थिति सुधर नहीं रही है.

आजमगढ़ः महराजगंज थाना क्षेत्र के सरदहां में फुल्की का कारोबार करने एक परिवार झांसी से आया था. लेकिन देश मे लॉकडाउन होने के बाद यह परिवार यहां फंसा हुआ महसूस कर रहा था. जिसके बाद लॉकडाउन के छठवें दिन, खाने की समस्या को देखते हुए अपने कुनबे के साथ ये परिवार पैदल ही आज़मगढ़ से झांसी के लिए रवाना हो गया है.
4 दिन से भूखा था परिवार

पैदल जा रही पार्वती ने बताया, कि वह झांसी जा रही है. उन्हें कोई वाहन की सुविधा नहीं मिली. पार्वती का कहना था, कि 4 दिन से वो लोग कुछ खाये नहीं हैं, इसलिए उन्होंने ये निर्णय लेना पड़ा.

खाने के नाम पर केवल सूखा चावल
कुनबे के मुखिया श्यामलाल ने बताया, कि वो लोग फुल्की का कारोबार करने आये थे. लेकिन लॉकडाउन के बाद उन्हें कुछ खाने को नहीं मिल रहा था. वहीं प्रधान से कहने पर उन्हें केवल सूखा चावल ही मिला, जिसको बिना तेल मसाला और गैस के कैसे बनायें. इसलिए ही वह झांसी के लिए निकले हैं.

बता दें, कि सरकार की तरफ से जो जहां फंसा हुआ है उसे वहीं सुविधा देने का फैसला लिया गया है, लेकिन आज़मगढ़ में डीएम के प्रयास के बाद भी उनके अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं. जिसके चलते स्थिति सुधर नहीं रही है.

Last Updated : Mar 30, 2020, 8:20 PM IST
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