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आजमगढ़ में घाघरा का कहर, बाढ़ की चपेट में 80 गांव - घाघरा नदी में बाढ़

यूपी के आजमगढ़ जिले में घाघरा नदी इन दिनों उफान पर है. बाढ़ के पानी से जिले के अस्सी गांव प्रभावित हैं. बाढ़ प्रभावितों का आरोप है कि प्रशासन उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रहा है, जिससे उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बाढ़ की चपेट में 80 गांव
बाढ़ की चपेट में 80 गांव
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Published : Aug 19, 2020, 7:35 PM IST

आजमगढ़: जनपद के तागड़ी तहसील के देवारा क्षेत्र में घाघरा के बढ़ते जलस्तर से 80 गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर गए हैं, जिसके कारण यहां पर रहने वाले लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ का पानी आ जाने से इनके घर पानी में डूब गए हैं, जिसके कारण यहां पर रहने वाले लोगों को सड़कों पर जीवन यापन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

बाढ़ की चपेट में 80 गांव.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले रामनाथ का कहना है कि जिला प्रशासन भले ही लोगों की मदद करने का दावा कर रहा है, लेकिन हम लोगों को मिट्टी के तेल तक की समस्या हो रही है. बाढ़ का पानी आ जाने के कारण लगातार घरों से सांप और बिच्छू निकल रहे हैं. बिजली की लाइन काट दी गई है, जिसके कारण हम लोगों को अपने घर में अंधेरे में जीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जो राहत सहायता है वह भी चुन-चुनकर लोगों को दी जा रही है.

वहीं पीड़ित घनश्याम का कहना है कि जिस तरह से इस पूरे इलाके में बाढ़ का पानी भर गया है, यहां पर जिला प्रशासन ने मेडिकल की कोई व्यवस्था नहीं की है, जिसके चलते लोग बीमार भी हो रहे हैं. उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितों की मेडिकल समस्या पर जरा भी ध्यान नहीं दिया है. यहां से 20 किलोमीटर दूर तक कहीं पर भी मेडिकल का एक भी कैंप नहीं लगाया गया है.

वहीं इस बारे में आजमगढ़ के जिलाधिकारी राजेश कुमार का कहना है कि प्रभावितों का पूरी तरीके से जिला प्रशासन ध्यान रख रहा है. लंच पैकेट बंटवाने की व्यवस्था की जा रही है. बाढ़ से जिन किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं, उन्हें सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलाया जाएगा.

आजमगढ़: जनपद के तागड़ी तहसील के देवारा क्षेत्र में घाघरा के बढ़ते जलस्तर से 80 गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर गए हैं, जिसके कारण यहां पर रहने वाले लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ का पानी आ जाने से इनके घर पानी में डूब गए हैं, जिसके कारण यहां पर रहने वाले लोगों को सड़कों पर जीवन यापन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

बाढ़ की चपेट में 80 गांव.

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले रामनाथ का कहना है कि जिला प्रशासन भले ही लोगों की मदद करने का दावा कर रहा है, लेकिन हम लोगों को मिट्टी के तेल तक की समस्या हो रही है. बाढ़ का पानी आ जाने के कारण लगातार घरों से सांप और बिच्छू निकल रहे हैं. बिजली की लाइन काट दी गई है, जिसके कारण हम लोगों को अपने घर में अंधेरे में जीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जो राहत सहायता है वह भी चुन-चुनकर लोगों को दी जा रही है.

वहीं पीड़ित घनश्याम का कहना है कि जिस तरह से इस पूरे इलाके में बाढ़ का पानी भर गया है, यहां पर जिला प्रशासन ने मेडिकल की कोई व्यवस्था नहीं की है, जिसके चलते लोग बीमार भी हो रहे हैं. उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितों की मेडिकल समस्या पर जरा भी ध्यान नहीं दिया है. यहां से 20 किलोमीटर दूर तक कहीं पर भी मेडिकल का एक भी कैंप नहीं लगाया गया है.

वहीं इस बारे में आजमगढ़ के जिलाधिकारी राजेश कुमार का कहना है कि प्रभावितों का पूरी तरीके से जिला प्रशासन ध्यान रख रहा है. लंच पैकेट बंटवाने की व्यवस्था की जा रही है. बाढ़ से जिन किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं, उन्हें सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलाया जाएगा.

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