आजमगढ़: जिला जेल में कैदियों के दो गुटों में मारपीट का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने जेल में छापेमारी की. छापेमारी के दौरान जेल से 35 मोबाइल फोन बरामद हुए. शनिवार शाम पांच बजे से चल रही छापेमारी देर रात तक चलती रही. वहीं उग्र कैदियों को रोकने में जब पुलिस-प्रशासन नाकामयाब हुआ तब CISF के जवानों की मदद ली गई, जिसके बादस्थिति नियंत्रण में हुई.
दरअसल, आजमगढ़ जिला कारागार में इस समय 1,200 से अधिक कैदी बंद हैं. इनमें पूर्व मंत्री अंगद यादव, पूर्व विधायक सुरेंद्र मिश्रा, विक्रम सिंह, कलीम जमाई, धर्मेंद्र पासी और सचिन पांडे जैसे राजनीतिक अपराधियों के साथ पेशेवर अपराधी भी शामिल हैं. जिला कारागार में छापेमारी को लेकर एसपी त्रिवेणी सिंह ने कहा कि जिला जेल में मोबाइल के प्रयोग होने की सूचना पर छापेमारी की गई थी.
छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में जेल से मोबाइल फोन बरादम हुए थे, जिसके बाद कैदियों में आक्रोश व्याप्त था और उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया था. एसपी ने बताया कि कैदियों का हंगामा इतना बड़ा कि उसे रोकना मुश्किल हो गया था, जिसके बाद सीआईएसफ के जवानों की मदद ली गई. तब जाकर स्थिति नियंत्रण में हुई.
छापेमारी में पूर्व मंत्री अंगद यादव के पास से पांच मोबाइल, पूर्व विधायक सुरेंद्र के पास से छह मोबाइल, अपराधी विक्रम सिंह के पास से चार मोबाइल, कालीम जामाई के पास से चार मोबाइल, सचिन पांडे के पास से दो मोबाइल बरामद हुए हैं. डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने बताया कि इस घटना में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. डीएम ने कहा कि इसमें जेल प्रशासन के कई कर्मचारी औरअधिकारी संलिप्त हैं, जिनकी जांच की जा रही है.