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अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट से बाहर हुई VHP, प्रवक्ता बोले-सिर्फ यही सत्य नहीं

यूपी के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट का गठन कर दिया गया. साथ ही इसके सदस्यों के नाम का भी एलान कर दिया. ट्रस्ट में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) को भी शामिल नहीं किया गया है. इस पर ईटीवी भारत ने विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा से बात की. उन्होंने कहा कि यह सूची अंतिम नहीं है, इसमें अभी बदलाव किया जा सकता है.

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट से बाहर हुई VHP.
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Published : Feb 5, 2020, 11:50 PM IST

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा कर दी. इसके कुछ ही घंटों बाद सभी सदस्यों की भी घोषणा हो गई. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट करते हुए एक दलित को सदस्य बनाने की घोषणा की. ट्रस्ट के अन्य सदस्यों में श्रीरामलला विराजमान का केस लड़ने वाले के. पाराशर को अध्यक्ष बनाया गया है.

विहिप प्रवक्ता से बातचीत करतेे संवाददाता.

महंत नृत्य गोपाल दास और विहिप को नहीं मिली जगह
ट्रस्ट में अन्य सदस्यों के रूप में पूरे देश भर से साधु-संतों को भी इसमें शामिल किया गया है. अयोध्या के राज परिवार से भी एक सदस्य को चुना गया है. अयोध्या से डॉक्टर अनिल मिश्रा को भी स्थान मिला है. वहीं श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) को इसमें सदस्य नहीं बनाया गया है.

प्रवक्ता ने दी प्रतिक्रया
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि ट्रस्ट के सदस्यों के नामों की आधिकारिक घोषणा नहीं हैं. सबका मकसद राम मंदिर का निर्माण होना है. किसी के व्यक्तिगत हित और लाभ से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन यह सूची अंतिम नहीं मानी जा सकती.

'यह सूची सत्य नहीं'
उन्होंने कहा कि हम सूची का पूर्ण स्वरूप देखे बिना इसे सत्य नहीं मान सकते, क्योंकि इसमें अभी कोषाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और महासचिव की घोषणा होनी बाकी है. हम तभी पूर्ण रूप से सत्य मानेंगे, जब प्रधानमंत्री मोदी सदस्यों की घोषणा करेंगे अथवा सरकार का कोई प्रवक्ता खुद सामने आकर सदस्यों के नाम बताएगा.

सूची में हो सकता है बदलाव
शरद शर्मा ने कहा कि अयोध्या के राज परिवार और आयुर्वेदिक डॉक्टर अनिल मिश्रा को शामिल किया गया है, यह बहुत प्रसन्नता की बात है, लेकिन यह अंतिम नहीं हो सकता. सदस्यों की संख्या अभी घटाई अथवा बढ़ाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि हमें सरकारी आदेश का इंतजार है.

ये भी पढ़ें: अयोध्या से दूर मस्जिद के लिए जमीन देना SC के फैसले की अवहेलना : जिलानी

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा कर दी. इसके कुछ ही घंटों बाद सभी सदस्यों की भी घोषणा हो गई. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट करते हुए एक दलित को सदस्य बनाने की घोषणा की. ट्रस्ट के अन्य सदस्यों में श्रीरामलला विराजमान का केस लड़ने वाले के. पाराशर को अध्यक्ष बनाया गया है.

विहिप प्रवक्ता से बातचीत करतेे संवाददाता.

महंत नृत्य गोपाल दास और विहिप को नहीं मिली जगह
ट्रस्ट में अन्य सदस्यों के रूप में पूरे देश भर से साधु-संतों को भी इसमें शामिल किया गया है. अयोध्या के राज परिवार से भी एक सदस्य को चुना गया है. अयोध्या से डॉक्टर अनिल मिश्रा को भी स्थान मिला है. वहीं श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) को इसमें सदस्य नहीं बनाया गया है.

प्रवक्ता ने दी प्रतिक्रया
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि ट्रस्ट के सदस्यों के नामों की आधिकारिक घोषणा नहीं हैं. सबका मकसद राम मंदिर का निर्माण होना है. किसी के व्यक्तिगत हित और लाभ से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन यह सूची अंतिम नहीं मानी जा सकती.

'यह सूची सत्य नहीं'
उन्होंने कहा कि हम सूची का पूर्ण स्वरूप देखे बिना इसे सत्य नहीं मान सकते, क्योंकि इसमें अभी कोषाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और महासचिव की घोषणा होनी बाकी है. हम तभी पूर्ण रूप से सत्य मानेंगे, जब प्रधानमंत्री मोदी सदस्यों की घोषणा करेंगे अथवा सरकार का कोई प्रवक्ता खुद सामने आकर सदस्यों के नाम बताएगा.

सूची में हो सकता है बदलाव
शरद शर्मा ने कहा कि अयोध्या के राज परिवार और आयुर्वेदिक डॉक्टर अनिल मिश्रा को शामिल किया गया है, यह बहुत प्रसन्नता की बात है, लेकिन यह अंतिम नहीं हो सकता. सदस्यों की संख्या अभी घटाई अथवा बढ़ाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि हमें सरकारी आदेश का इंतजार है.

ये भी पढ़ें: अयोध्या से दूर मस्जिद के लिए जमीन देना SC के फैसले की अवहेलना : जिलानी

Intro:अयोध्या. राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की आज प्रधानमंत्री ने घोषणा कर दी है। इसके कुछ ही घंटों बाद सभी सदस्यों की घोषणा भी हो गई है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट करते हुए एक दलित को सदस्य बनाने की घोषणा की। जिसमे अन्य सदस्यों मे श्रीरामलला विराजमान का केस लड़ने वाले के पाराशर को अध्यक्ष बनाया गया है, ट्रस्ट में अन्य सदस्यों के रूप में पूरे देश भर से साधु संतों को भी इसमें शामिल किया गया है। अयोध्या के राज परिवार से भी एक सदस्य को चुना गया है। अयोध्या से डॉक्टर अनिल मिश्रा को भी स्थान मिला है।
सबसे महत्वपूर्ण एक और बात आज यहाँ देखने को मिली, कि श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अदध्यक्ष नृत्य गोपाल दस को इसमे स्थान नहीं मिल पाया है। इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण बात ये भी है कि, विश्व हिन्दू परिषद के किसी भी व्यक्ति को इसमे सदस्य नहीं बनाया गया है।
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि यह ट्रस्ट के सदस्यों के नाम जो सामने आए यह अच्छी बात है। सबका मकसद राम मंदिर का निर्माण होना है। किसी के व्यक्तिगत हित और लाभ से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन यह सूची अंतिम नहीं मानी जा सकती। हमें सूची का पूर्ण स्वरूप देखे बिना सत्य नहीं मान सकते। क्योंकि इसमें अभी कोषाअध्यक्ष उपाध्यक्ष सचिव महासचिव की घोषणा होनी बाकी है।
हम तभी पूर्ण रुप से सत्य मानेंगे जब प्रधानमंत्री मोदी सदस्यों की घोषणा करेंगे अथवा सरकार का कोई प्रवक्ता खुद सामने आकर सदस्यों के नाम बताएगा।
Body:अयोध्या के राज परिवार और आयुर्वेदिक डॉ अनिल मिश्रा को शमीमल किया गया है, इसकी जानकारी हुई है यह बहुत प्रसन्नता की बात है। लेकिन यह अंतिम नहीं हो सकता। सदस्यों की संख्या अभी घटाई अथवा बढ़ाई जा सकती है। हमें सरकारी आदेश का इंतजार है।
आपको बताते चलें कि आज ही ट्रस्ट कि घोषणा हूई है, इसके कुछ ही देर बाद सदस्यों कि भी घोषणा कर दी गई है, लेकिन ज़मीन अयोध्या के महत्वपूर्ण साधु संतो और विश्व हिन्दू परिषद के किसी भी सदस्य का नाम तक इसके नाही होने से सभी को निराशा हाथ लगी है।Conclusion:एक्सक्लूसिव है।
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