लखनऊ: छत्तीसगढ़ के बीजापुर के नक्सली हमले में रामनगरी अयोध्या के रानोपाली निवासी लाल राजकुमार यादव भी शहीद हुए हैं. शहीद की सूचना के बाद उनके घर में कोहराम मच गया. रविवार की देर रात जिलाधिकारी अनुज कुमार झा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार पांडेय ने शहीद सीआरपीएफ जवान के परिजन से मिलकर ढांढस बंधाया है.
कोबरा कमांडो थे राजकुमार
अयोध्या धाम के रानोपाली निवासी राजकुमार यादव केन्द्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) में हेड कांस्टेबल पद पर कार्यरत थे. अभी कुछ दिन पहले ही उन्हें छत्तीसगढ़ में तैनाती मिली थी. वे कोबरा कमांडो थे.
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पूरे इलाके में कोहराम
रविवार को माओवादियों से हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए हैं. इस मुठभेड़ में अयोध्या के लाल राजकुमार यादव शहीद हो गए हैं. इसकी सूचना जब परिवार वालों को मिली, तो परिवार के साथ पूरे इलाके में कोहराम मच गया.
उनकी मां कैंसर पीड़ित
राजकुमार यादव 1995 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. उनके पीछे दो छोटे भाई, पत्नी ज्ञानमती यादव और दो बेटे हैं. बीते जनवरी माह में राजकुमार अपनी बीमार मां का इलाज लखनऊ के अपोलो हॉस्पिटल में कराकर ड्यूटी पर पुनः लौटे थे. उनकी मां कैंसर से पीड़ित हैं.
रविवार देर रात जिलाधिकारी, एसएसपी व सिटी मजिस्ट्रेट ने शहीद के घर पहुंचकर परिवार से मिले और उन्हें ढांढस बंधाया. महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने पीड़ित परिवार को सांत्वना देने के बाद रानोपाली वार्ड का नाम शहीद राजकुमार यादव के नाम पर रखने की घोषणा की है.
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चंदौली के लाल धर्मदेव हुए शहीद
छत्तीसगढ़ बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर बड़ा नक्सली हमला हुआ है. मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए, जिसमें चन्दौली के लाल धर्मदेव कुमार भी शामिल हैं. जो कि जिले के नक्सल प्रभावित शहाबगंज के ठेकहा चईका गांव के रहने वाले हैं. शहादत की सूचना जिलाधिकारी और एसपी उनके घर पहुंचे और परिवार के लोगों को ढांढस बंधाया.
1 सप्ताह पहले ही पहुंचे थे सुकमा
छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में शहीद हुए धर्मदेव (32) अपने पीछे बूढ़े पिता रामआश्रय गुप्ता कृष्णावती देवी के साथ दो बेटियां और एक गर्भवती पत्नी को छोड़ गए हैं. तीन भाइयों में धर्मदेव सबसे बड़े थे, जबकि शहीद के सबसे छोटे भाई धनंजय कुमार भी सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ में ही तैनात हैं. वहीं तीसरे भाई आनन्द कुमार घर पर ही रहते हैं. शहीद धर्मदेव की शादी करीब एक दशक पूर्व मीना देवी से हुई थी, जिनकी दो बेटियां ज्योति (8) व साक्षी (5) हैं.
भाई आनन्द ने बताया कि अभी एक हफ्ते पहले ही धर्मदेव का असम से छत्तीसगढ़ ट्रांसफर हुआ था. होली के वक्त परिवार के साथ छुट्टी बिताकर पहुंचे ही थे और अब इस हादसे की खबर आई. घर में मातम है. वहीं गर्भवती पत्नी को यह मालूम ही नहीं कि उसका सुहाग शहीद हो गया है.
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नक्सलियों से लोहा लेते शहीद हुए धर्मदेव
शहीद धर्मदेव व उनके सबसे छोटे भाई धनंजय एक साथ सीआरपीएफ में 2012 में भर्ती हुए थे. उनकी ट्रेनिंग भी साथ हुई बाद में धर्मदेव कोबरा कमांडो ट्रेनिंग के लिए चले गए. ट्रेनिंग के बाद असम और अभी एक हफ्ते पहले छत्तीसगढ़ के बीजापुर पहुंचे थे. नक्सल प्रभावित शहाबगंज के रहने वाले धर्मदेव को भी नहीं मालूम था कि नक्सलियों से लोहा लेते हुए वह शहीद हो जाएंगे.
50 लाख और परिवार को एक नौकरी
धर्मदेव की शहादत की सूचना के बाद गांव में लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. वहीं बेटे की शहादत की खबर सुनने के बाद से ही मां-बाप गमजदा हैं. सूचना पर जिले के आलाधिकारी भी मौके पर देर रात पहुंचे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से सवेंदना व्यक्त की. जिलाधिकारी ने बताया कि सीएम की तरफ से शहीद के परिवार को 50 लाख रुपये आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की घोषणा की गई है.
चंदौली के लाल धर्मदेव कुमार के शहीद होने की खबर सुनते ही डीएम संजीव सिंह, एसपी अमित कुमार, एसडीएम चकिया अजय मिश्र, सीओ प्रीति त्रिपाठी, लेखपाल आकिफ, थानाध्यक्ष वंदना सिंह शहीद के आवास ठेकहा, शहाबगंज पहुंचे. मौजूद अधिकारियों ने धर्मदेव कुमार के अदम्य साहस एवं वीरता को नमन करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. सभी ने परिवार को दुःख की इस घड़ी में सांत्वना दी.