अयोध्या: सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की परेशानियां बढ़ गयी हैं. वहीं दूसरी ओर रुक-रुक कर हो रही बारिश के चलते कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया है. कई गांवों का मुख्य मार्गों से संपर्क टूट गया है. हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं.
रामनगरी के माझा क्षेत्र समेत सभी निचले इलाकों में लगातार बारिश के चलते जलभराव हो गया है. रुदौली विकासखंड स्थित सड़री, पसैया, नैपुरा, मुतौली, जैथरी, उधरौरा और रसूलपुर जैसे कई गांव है, जहां हर वर्ष की तरह बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. इन गांवों में हजारों एकड़ फसलें जलभराव से नष्ट हो रही हैं. यह पहली बार नहीं हुआ है. यहां हर बार ग्रामीणों को ऐसी मुसीबत का सामना करना पड़ता है, लेकिन प्रशासन की ओर से इनकी कोई मदद नहीं की जाती है.
नहीं ले रहा कोई सुध
ग्रामीणों का आरोप है प्रशासन और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि उनकी मदद के लिए नहीं आते हैं. इससे हर साल कई बीघा फसलें बर्बाद हो जाती हैं और इसके लिए मुआवजा भी नहीं दिया जाता. चुनाव के मौसम में स्थानीय जनप्रतिनिधि वोट के लिए हमारे पास आते हैं. इस दौरान वे हमारी समस्याओं को दूर करने के वादे भी करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद अगले पांच साल तक यहां कोई नजर नहीं आता.
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार के तत्कालीन जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र प्रताप सिंह का अयोध्या दौरा हुआ था. उन्होंने इसको लेकर संबंधित अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी तब मार्ग पर पुल बनाने का कार्य शुरू हुआ. लेकिन पुल का काम पूरा होता इससे पहले ही बारिश शुरु हो गई. इससे खेत और सड़के सब जलमग्न हो गए. जलजमाव होने से नौनिहाल और बुजुर्ग काफी समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
ग्रामीणों की समस्या की अनदेखी
उपजिलाधिकारी रुदौली विपिन सिंह बताया कि पीडब्ल्यूडी की ओर से यह सड़क बनाई जा रही है. ग्रामीणों की समस्या को लेकर विभाग से बात की जा चुकी है. पीडब्ल्यूडी के एई बीके सिंह ने कहा है कि अधिशासी अभियंता इसकी जानकारी दे पाएंगे. ग्रामीणों की समस्या को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है, इसका अंदाजा अधिकारियों के बयानों से साफ लगाया जा सकता है. सारे अधिकारी मामले में पल्ला झाड़ते नजर आए. वहीं जलभराव के कारण ग्रामीणों का मुख्य सड़कों से कनेक्शन टूट गया है.