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EXCLUSIVE : अयोध्या में सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए चयनित जमीन की पहली तस्वीर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का एलान किया है. इसके बाद ईटीवी भारत की टीम सबसे पहले उस जगह पर पहुंची जिस जमीन को आवंटित किया जाना प्रस्तावित है. यह जमीन अयोध्या जिला मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर है.

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मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाने वाली जमीन की पहली तस्वीर.
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Published : Feb 5, 2020, 5:13 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 5:59 PM IST

अयोध्या: श्रीराम मंदिर निर्माण ट्रस्ट बनाने के साथ ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए जमीन तय कर दी है. यह जमीन अयोध्या जिला मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर है. ये जमीन नेशनल हाईवे 28 से जुड़ी हुई है.

सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए प्रस्तावित जमीन.

ईटीवी भारत सबसे पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाने वाली जमीन पर पहुंचा है. सोहावल तहसील की धन्नीपुर ग्राम सभा के प्रधान राकेश कुमार यादव ने बताया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए जमीन मिलने से गांव का भी विकास होगा. यहां धार्मिक स्थल बनने से लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए दी जाने वाली जमीन अयोध्या के धन्नीपुर ग्राम सभा में है. जो एक सरकारी फॉर्म हाउस की जमीन बताई जा रही है. इसका क्षेत्रफल करीब 25 एकड़ का है. वर्तमान में कृषि विभाग इस पर खेती का काम कराता है. वहीं राजस्व विभाग के अधिकारी अभी तक शासनादेश न मिलने के चलते अभी कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं. सूत्रों की मानें तो अयोध्या के धन्नीपुर ग्राम सभा की इस जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया जाना लगभग तय माना जा रहा है.

अयोध्या: श्रीराम मंदिर निर्माण ट्रस्ट बनाने के साथ ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए जमीन तय कर दी है. यह जमीन अयोध्या जिला मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर है. ये जमीन नेशनल हाईवे 28 से जुड़ी हुई है.

सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए प्रस्तावित जमीन.

ईटीवी भारत सबसे पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाने वाली जमीन पर पहुंचा है. सोहावल तहसील की धन्नीपुर ग्राम सभा के प्रधान राकेश कुमार यादव ने बताया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए जमीन मिलने से गांव का भी विकास होगा. यहां धार्मिक स्थल बनने से लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए दी जाने वाली जमीन अयोध्या के धन्नीपुर ग्राम सभा में है. जो एक सरकारी फॉर्म हाउस की जमीन बताई जा रही है. इसका क्षेत्रफल करीब 25 एकड़ का है. वर्तमान में कृषि विभाग इस पर खेती का काम कराता है. वहीं राजस्व विभाग के अधिकारी अभी तक शासनादेश न मिलने के चलते अभी कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं. सूत्रों की मानें तो अयोध्या के धन्नीपुर ग्राम सभा की इस जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया जाना लगभग तय माना जा रहा है.

Intro:अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए मस्जिद बनाने के लिए जमीन तय कर दी है. यह जमीन अयोध्या जिला मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर है. जमीन बेहद पोटेंशियल क्षेत्र में है. सुन्नी वक्फ बोर्ड की जमीन नेशनल हाईवे संख्या 28 से जुड़ी हुई है.

सुनी वह गुड़ के लिए मसीह के लिए दी जाने वाली जमीन अयोध्या के धनी पुर ग्राम सभा की जमीन है. यह एक सरकारी फॉर्म हाउस की जमीन है. जिसका क्षेत्रफल करीब 10 एकड़ का है. कृषि विभाग इस पर खेती का काम कराता है.
धनीपुर ग्राम सभा में कुल आबादी का लगभग 50 प्रतिशत मुस्लिम लोग रहते हैं.


Body:लकी राजस्व विभाग के अधिकारी अभी सरकारी निर्देश नानी के चलते कुछ कहने से बच रहे हैं. फिलहाल सूत्रों की माने तो अयोध्या के धनी पुर ग्राम सभा की जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया जाना लगभग तय है.


Conclusion:ईटीवी भारत ने सबसे पहले अपने कमरे पर सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी जाने वाली जमीन की तस्वीरें कैद की है. धन्नीपुर ग्राम सभा के ग्राम प्रधान राकेश कुमार यादव का कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिए हा जमीन मिलने से गांव का विकास होगा. यहां धार्मिक स्थल बनने से लोगों को रोजगार के भी अवसर उपलब्ध होंगे.

बाइट राकेश कुमार यादव ग्राम प्रधान धन्नीपुर ग्राम सभा अयोध्या
Last Updated : Feb 5, 2020, 5:59 PM IST
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