अयोध्या की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए सड़क पर उतरे लोग अयोध्या: धर्म नगरी के प्रतिष्ठित सनबीम स्कूल की छत से गिरकर हुई छात्रा की मौत के मामले में शहर के लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. सोमवार की शाम शहर के नाका क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोगों ने कैंडल मार्च निकाला. इस कैंडल मार्च में आम शहर के लोगों के अलावा बड़ी संख्या में स्कूली छात्राएं, कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरी के छात्र-छात्राएं भी शामिल रहे. कैंडल मार्च में मासूम बेटी को इंसाफ दिलाने की मांग की गई. जिला प्रशासन को जानकारी देने के बावजूद कैंडल मार्च को रोकने पर पुलिस प्रशासन के बीच नोकझोंक भी हुई.
इंसाफ दिलाने के लिए सड़क पर उतरे लो स्कूल प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप: गौरतलब है 3 दिन पहले जिले के सनबीम स्कूल की तीसरी मंजिल से कक्षा 10 की मासूम छात्रा की नीचे गिरने से दर्दनाक मौत हो गई थी. इस मामले में परिजनों की तहरीर पर स्कूल के प्रबंधक, प्रिंसिपल और गेम टीचर के खिलाफ गैंगरेप हत्या और साक्ष्य मिटाने सहित पाक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था. इन तीनों को पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया है. इस पूरे मामले की सघन जांच के लिए छह सदस्यीय एसआईटी गठित की गई है. जो कि सीओ सिटी शैलेंद्र कुमार के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच कर रही है.इंसाफ दिलाने के लिए सड़क पर उतरे लो वहीं, इस घटना को लेकर शहर के लोगों में बेहद नाराजगी है. शहर के लोगों का कहना है कि अगर स्कूल में हमारे बच्चे सेफ नहीं है, तो हम उन्हें कैसे पढ़ने के लिए भेजें. कैंडल मार्च में शामिल एक महिला ने स्कूल के प्रबंधक और प्रधानाचार्य पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला का कहना है कि उनके बच्चे भी इस स्कूल में पढ़ते थे. उनके बच्चों के साथ भी अन्याय हो रहा था, इसलिए उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल से निकाल लिया. महिला का कहना है कि जब भी इसकी शिकायत प्रिंसिपल से की जाती थी तो वह सुनती नहीं थी. विद्यालय के प्रबंधक भी इस पूरी घटना में जिम्मेदार हैं. वह भी अभिभावकों की नहीं सुनते और उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं.
बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए सड़क पर उतरे लोग ठोस कार्रवाई होनी चाहिए: कैंडल मार्च में शामिल युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष शरद शुक्ला ने कहा कि आज हम सभी अयोध्या की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए सड़क पर उतरे हैं. न ही हम किसी दल से जुड़े हैं न ही किसी जाति से मजहब से. हमारी सिर्फ एक मांग है कि तत्काल इस पूरे मामले का सच जनता के सामने आए और जो भी दोषी हो उन्हें ऐसी सजा दी जाए. जिससे भविष्य में सिर्फ अयोध्या ही नहीं पूरे प्रदेश और देश में किसी भी स्कूल में किसी मासूम बच्ची के साथ ऐसी घटना ना हो. निश्चित रूप से बेरहमी से एक मासूम बच्ची की हत्या की गई है. इस हत्या को छुपाने के लिए स्कूल प्रशासन आखरी समय तक लगा रहा. सीसीटीवी कैमरे ने पूरे सच्चाई को सामने ला दिया. इसमें स्कूल प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है. जब बच्ची स्कूल की छत पर गई पीछे से गेम टीचर भी गया और उसके कुछ ही मिनट बाद बच्ची सिर के बल नीचे आ गिरी. निश्चित रूप से अगर कोई खुद से नीचे कूदेगा तो पहले उसका पैर आएगा ना कि सिर. बच्ची को स्कूल की छत से नीचे फेंका गया है, इस कृत्य को करने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होनी चाहिए.
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