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पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी का आयोजन

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर अवध विश्वविद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस मौके पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने कहा कि पंडित दीनदयाल के सिद्धांत के आधार पर ही अंत्योदय तक का समाधान निहित है. उनका मानना था कि समाजवाद का उदय करने के लिए सभी को समान समझना होगा. पंडित दीनदयाल का व्यक्तित्व सरल था. वे दूसरे के प्रति सम्माननीय व्यवहार करते थे.

seminar organized at avadh university
विचार गोष्ठी का आयोजन
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Published : Feb 12, 2021, 4:06 PM IST

अयोध्या : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में गुरुवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इसके साथ ही 'दीनदयाल उपाध्याय: जीवन एवं व्यक्तित्व' विषय पर विचार गोष्ठी भी आयोजित की गई. विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. अनिल कुमार मिश्र, ट्रस्टी, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या रहे. डॉ. मिश्र ने कहा कि पंडित दीनदयाल महान व्यक्तित्व के धनी थे. राजनीति में राष्ट्रवाद की भावना विकसित करना उनका ध्येय था.

seminar organized at avadh university
विचार गोष्ठी में शामिल लोग.
'दीनदयाल जी ने राष्ट्र को समर्पित किया अपना जीवन'डॉ. अनिल मिश्र ने कहा कि पंडित दीनदयाल के सिद्धांत के आधार पर ही अंत्योदय तक का समाधान निहित है. उनका मानना था कि समाजवाद का उदय करने के लिए सभी को समान समझना होगा. पंडित दीनदयाल का व्यक्तित्व सरल था. दूसरे के प्रति सम्माननीय व्यवहार करते थे. वे राजनीतिक जगत की अनूठी मिसाल थे. उन्होंने सत्य की स्वीकारोक्ति और गलत को कभी स्वीकार नहीं किया. पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया.'दीनदयाल उपाध्याय समाज की एकजुटता के लिए प्रतिबद्ध थे'विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मुख्य नियंता प्रो. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय मेंपंडित दीनदयाल शोध पीठ की स्थापना सौभाग्य का विषय है. पंडित दीनदयाल की विचारधारा सर्व कल्याण की थी. उन्होंने उच्च से लेकर अंतिम व्यक्ति के अधिकारों के लिए संघर्ष किया. समाज की एकजुटता और एकता के लिए प्रतिबद्ध थे. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के समन्वयक प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल का व्यक्तित्व संघर्षपूर्ण रहा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दीनदयाल के विषय में कहा था कि वे समस्याओं के निदान करने में पारंगत थे.कार्यकम में ये गणमान्य व्यक्ति रहे मौजूद कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं गणमान्य शिक्षकों द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया. कार्यक्रम का संचालन प्रो. शैलेंद्र कुमार ने किया. धन्यवाद ज्ञापन प्रो. विनोद कुमार श्रीवास्तव ने किया. इस अवसर पर प्रो. आरके तिवारी, प्रो. के के वर्मा, प्रो. जसवंत सिंह, प्रो. राजीव गौड़, प्रो. सिद्धार्थ शुक्ल, प्रो. आरके सिंह, डाॅ. अभिषेक कुमार सिंह, डाॅ. विनय मिश्र, पल्लवी सोनी, डाॅ. सरिता द्विवेदी, रीमा सिंह, डाॅ. रंजन सिंह, डाॅ. मणिकांत त्रिपाठी, आशुतोष त्रिपाठी सहित अन्य शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें.

अयोध्या : डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में गुरुवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इसके साथ ही 'दीनदयाल उपाध्याय: जीवन एवं व्यक्तित्व' विषय पर विचार गोष्ठी भी आयोजित की गई. विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. अनिल कुमार मिश्र, ट्रस्टी, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या रहे. डॉ. मिश्र ने कहा कि पंडित दीनदयाल महान व्यक्तित्व के धनी थे. राजनीति में राष्ट्रवाद की भावना विकसित करना उनका ध्येय था.

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विचार गोष्ठी में शामिल लोग.
'दीनदयाल जी ने राष्ट्र को समर्पित किया अपना जीवन'डॉ. अनिल मिश्र ने कहा कि पंडित दीनदयाल के सिद्धांत के आधार पर ही अंत्योदय तक का समाधान निहित है. उनका मानना था कि समाजवाद का उदय करने के लिए सभी को समान समझना होगा. पंडित दीनदयाल का व्यक्तित्व सरल था. दूसरे के प्रति सम्माननीय व्यवहार करते थे. वे राजनीतिक जगत की अनूठी मिसाल थे. उन्होंने सत्य की स्वीकारोक्ति और गलत को कभी स्वीकार नहीं किया. पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया.'दीनदयाल उपाध्याय समाज की एकजुटता के लिए प्रतिबद्ध थे'विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मुख्य नियंता प्रो. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय मेंपंडित दीनदयाल शोध पीठ की स्थापना सौभाग्य का विषय है. पंडित दीनदयाल की विचारधारा सर्व कल्याण की थी. उन्होंने उच्च से लेकर अंतिम व्यक्ति के अधिकारों के लिए संघर्ष किया. समाज की एकजुटता और एकता के लिए प्रतिबद्ध थे. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के समन्वयक प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल का व्यक्तित्व संघर्षपूर्ण रहा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने दीनदयाल के विषय में कहा था कि वे समस्याओं के निदान करने में पारंगत थे.कार्यकम में ये गणमान्य व्यक्ति रहे मौजूद कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं गणमान्य शिक्षकों द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया. कार्यक्रम का संचालन प्रो. शैलेंद्र कुमार ने किया. धन्यवाद ज्ञापन प्रो. विनोद कुमार श्रीवास्तव ने किया. इस अवसर पर प्रो. आरके तिवारी, प्रो. के के वर्मा, प्रो. जसवंत सिंह, प्रो. राजीव गौड़, प्रो. सिद्धार्थ शुक्ल, प्रो. आरके सिंह, डाॅ. अभिषेक कुमार सिंह, डाॅ. विनय मिश्र, पल्लवी सोनी, डाॅ. सरिता द्विवेदी, रीमा सिंह, डाॅ. रंजन सिंह, डाॅ. मणिकांत त्रिपाठी, आशुतोष त्रिपाठी सहित अन्य शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें.
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