अयोध्या: जब मौसम चुनावों का आता है तो सिर्फ दो ही नाम नेताओं की जुबान पर रहते हैं. एक किसान दूसरे राम. भगवान राम के नाम पर राजनीति दशकों से चली आ रही है. राम मंदिर बनाने के नाम पर जनता से वोट लिए जा रहे हैं. इस पर रामलला के मुख्य पुजारी मंहत सत्येंद्र दास ने कहा है कि मंदिर के नाम पर भाजपा जनता को दोबारा से ठगने की कोशिश कर रही है.
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण की बात की है. भाजपा ने वादा किया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए सार्थक प्रयास किए जाएंगे, जबकि इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कह चुके हैं कि राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर होगा. इसी सिलसिले में ईटीवी भारत ने रामलला के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास से बातचीत की.
ईटीवी से विशेष बातचीत में सत्येंद्र दास जी ने कहा कि अब भाजपा राम मंदिर का नाम न ले तो ही बेहतर होगा. क्योंकि एक बार सत्ता में आने के बाद और पूर्ण बहुमत राज्य सरकार में और केंद्र सरकार में होने पर भी सरकार ने यह स्पष्ट रूप से कह दिया कि कोर्ट के निर्णय से ही मंदिर बनेगा. जो कोर्ट कहेगा वही होगा.
इसलिए अब राम भक्त जनता भाजपा पर विश्वास करने वाली नहीं है. इनको घोषणा में राम मंदिर को लाना ही नहीं चाहिए था. क्योंकि जो बात एक बार असत्य हो जाती है, दोबारा सत्य होने में कठिन समय लगता है. अब राम भक्तों ने यह समझ लिया है कि सरकार का जो घोषणा पत्र 2019 का है वह सिर्फ चुनाव को जीतने के लिए है. यह घोषणा सिर्फ जनता को धोखा देने और ठगने का काम करेगी. राम भक्तों को धोखा देगी और गुमराह करेगी.
उन्होंने कहा कि अब हम मात्र कोर्ट के फैसले पर निर्भर हैं. कोर्ट किस रूप में राम मंदिर से संबंधित घोषणा करती है, उसकी घोषणा के अनुसार ही राम मंदिर बनाएंगे. अब किसी पार्टी से कोई आशा नहीं हैं. विशेष रूप से भाजपा से. अब राम भक्त भाजपा के बहकावे और बातों में नहीं आएंगे. जो राम को छोड़ता है, राम उसको छोड़ देते हैं. राम मंदिर का निर्माण सिर्फ भक्तगण ही करेंगे और कोई नहीं कर सकता. कोई पार्टी यदि किसी चीज को लेकर आश्वासन देती है तो वह सिर्फ सत्ता में आने के लिए यह वादा करती है.