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रामलला के मुख्य पुजारी ने कहा, भाजपा मंदिर के नाम पर राम भक्तों को धोखा दे रही है

राम मंदिर निर्माण की बात कहकर भाजपा पांच साल पहले सत्ता में आई. पांच साल बीत गए और राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं सुनाया. वहीं पीएम मोदी ने भी कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार काम करेगी. अब अयोध्या में भाजपा का विरोध शुरू हो गया है. रामलला के मुख्य महंत ने भाजपा को धोखा देने वाला कहा है.

रामलला के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने भाजपा पर हमला बोला है.
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Published : Apr 8, 2019, 5:00 PM IST

अयोध्या: जब मौसम चुनावों का आता है तो सिर्फ दो ही नाम नेताओं की जुबान पर रहते हैं. एक किसान दूसरे राम. भगवान राम के नाम पर राजनीति दशकों से चली आ रही है. राम मंदिर बनाने के नाम पर जनता से वोट लिए जा रहे हैं. इस पर रामलला के मुख्य पुजारी मंहत सत्येंद्र दास ने कहा है कि मंदिर के नाम पर भाजपा जनता को दोबारा से ठगने की कोशिश कर रही है.

भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण की बात की है. भाजपा ने वादा किया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए सार्थक प्रयास किए जाएंगे, जबकि इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कह चुके हैं कि राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर होगा. इसी सिलसिले में ईटीवी भारत ने रामलला के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास से बातचीत की.

ईटीवी से विशेष बातचीत में सत्येंद्र दास जी ने कहा कि अब भाजपा राम मंदिर का नाम न ले तो ही बेहतर होगा. क्योंकि एक बार सत्ता में आने के बाद और पूर्ण बहुमत राज्य सरकार में और केंद्र सरकार में होने पर भी सरकार ने यह स्पष्ट रूप से कह दिया कि कोर्ट के निर्णय से ही मंदिर बनेगा. जो कोर्ट कहेगा वही होगा.

रामलला के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने भाजपा पर हमला बोला है.

इसलिए अब राम भक्त जनता भाजपा पर विश्वास करने वाली नहीं है. इनको घोषणा में राम मंदिर को लाना ही नहीं चाहिए था. क्योंकि जो बात एक बार असत्य हो जाती है, दोबारा सत्य होने में कठिन समय लगता है. अब राम भक्तों ने यह समझ लिया है कि सरकार का जो घोषणा पत्र 2019 का है वह सिर्फ चुनाव को जीतने के लिए है. यह घोषणा सिर्फ जनता को धोखा देने और ठगने का काम करेगी. राम भक्तों को धोखा देगी और गुमराह करेगी.

उन्होंने कहा कि अब हम मात्र कोर्ट के फैसले पर निर्भर हैं. कोर्ट किस रूप में राम मंदिर से संबंधित घोषणा करती है, उसकी घोषणा के अनुसार ही राम मंदिर बनाएंगे. अब किसी पार्टी से कोई आशा नहीं हैं. विशेष रूप से भाजपा से. अब राम भक्त भाजपा के बहकावे और बातों में नहीं आएंगे. जो राम को छोड़ता है, राम उसको छोड़ देते हैं. राम मंदिर का निर्माण सिर्फ भक्तगण ही करेंगे और कोई नहीं कर सकता. कोई पार्टी यदि किसी चीज को लेकर आश्वासन देती है तो वह सिर्फ सत्ता में आने के लिए यह वादा करती है.

अयोध्या: जब मौसम चुनावों का आता है तो सिर्फ दो ही नाम नेताओं की जुबान पर रहते हैं. एक किसान दूसरे राम. भगवान राम के नाम पर राजनीति दशकों से चली आ रही है. राम मंदिर बनाने के नाम पर जनता से वोट लिए जा रहे हैं. इस पर रामलला के मुख्य पुजारी मंहत सत्येंद्र दास ने कहा है कि मंदिर के नाम पर भाजपा जनता को दोबारा से ठगने की कोशिश कर रही है.

भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण की बात की है. भाजपा ने वादा किया है कि राम मंदिर निर्माण के लिए सार्थक प्रयास किए जाएंगे, जबकि इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कह चुके हैं कि राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर होगा. इसी सिलसिले में ईटीवी भारत ने रामलला के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास से बातचीत की.

ईटीवी से विशेष बातचीत में सत्येंद्र दास जी ने कहा कि अब भाजपा राम मंदिर का नाम न ले तो ही बेहतर होगा. क्योंकि एक बार सत्ता में आने के बाद और पूर्ण बहुमत राज्य सरकार में और केंद्र सरकार में होने पर भी सरकार ने यह स्पष्ट रूप से कह दिया कि कोर्ट के निर्णय से ही मंदिर बनेगा. जो कोर्ट कहेगा वही होगा.

रामलला के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने भाजपा पर हमला बोला है.

इसलिए अब राम भक्त जनता भाजपा पर विश्वास करने वाली नहीं है. इनको घोषणा में राम मंदिर को लाना ही नहीं चाहिए था. क्योंकि जो बात एक बार असत्य हो जाती है, दोबारा सत्य होने में कठिन समय लगता है. अब राम भक्तों ने यह समझ लिया है कि सरकार का जो घोषणा पत्र 2019 का है वह सिर्फ चुनाव को जीतने के लिए है. यह घोषणा सिर्फ जनता को धोखा देने और ठगने का काम करेगी. राम भक्तों को धोखा देगी और गुमराह करेगी.

उन्होंने कहा कि अब हम मात्र कोर्ट के फैसले पर निर्भर हैं. कोर्ट किस रूप में राम मंदिर से संबंधित घोषणा करती है, उसकी घोषणा के अनुसार ही राम मंदिर बनाएंगे. अब किसी पार्टी से कोई आशा नहीं हैं. विशेष रूप से भाजपा से. अब राम भक्त भाजपा के बहकावे और बातों में नहीं आएंगे. जो राम को छोड़ता है, राम उसको छोड़ देते हैं. राम मंदिर का निर्माण सिर्फ भक्तगण ही करेंगे और कोई नहीं कर सकता. कोई पार्टी यदि किसी चीज को लेकर आश्वासन देती है तो वह सिर्फ सत्ता में आने के लिए यह वादा करती है.

Intro:अयोध्या। लोकसभा चुनाव 2019 में जीत को सुनिश्चित करने के लिए सभी पार्टियां अपने-अपने वादों को घोषणापत्र का रूप देती हैं और उन्हें जारी करती हैं पिछले दिनों कांग्रेस ने भी घोषणा पत्र जारी किया और आज भाजपा ने भी अपना घोषणापत्र जारी करते हुए तमाम वादे किए भाजपा घोषणा पत्र आज इसलिए अहम है क्योंकि पिछले 5 सालों में भाजपा के ही केंद्र में सरकार है। भाजपा के घोषणा पत्र में ₹6000 साल में किसानों को देने की बात कही। तो वही राम मंदिर निर्माण का राग एक बार फिर से छेड़ा गया है। ऐसा राग जिसमें न सुर है ना ताल है। क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है इस बात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी स्वीकार कर चुके हैं। और जो संवैधानिक प्रक्रिया के तहत ही निर्णय आना है ऐसे में भाजपा ने फिर से कहा है कि हम इन कोशिशों को जारी रखेंगे और आने वाले समय में राम मंदिर पर सार्थक प्रयास किए जाएंगे इस मामले पर ईटीवी से विशेष बातचीत में रामलीला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र जी ने कहा कि यह भाजपा सिर्फ बातें करती है इन्हें सिर्फ अपना विकास चाहिए 5 साल सत्ता का सुख भोगने के बाद अब इन्हें एक बार फिर से रामलला याद आ रहे हैं जबकि रामलला आज भी टेंट में है और इनकी बड़ी-बड़ी कोठियां और महल बन कर तैयार हो गए हैं हमारा विश्वास राम मंदिर मामले को लेकर भाजपा पर नहीं है।


Body:2019 लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा का घोषणापत्र जारी हो चुका है। ईटीवी के विशेष बातचीत में सत्येंद्र जी ने कहा कि अब भाजपा राम मंदिर का नाम ना ले, तो ही बेहतर होगा। क्योंकि एक बार सत्ता में आने के बाद और पूर्ण बहुमत राज्य सरकार में और केंद्र सरकार में होने पर भी सरकार ने यह स्पष्ट रूप में कह दिया कि कोर्ट के निर्णय से ही मंदिर बनेगा। जो कोर्ट कहेगा वही होगा। इसलिए अब जनता राम भक्त भाजपा पर विश्वास करने वाले नहीं है इनको घोषणा में राम मंदिर को लाना ही नहीं चाहिए था। क्योंकि जो बात एक बार असत्य हो जाती है दोबारा सत्य होने में कठिन समय लगता है। अब राम भक्तों ने यह समझ लिया है कि सरकार का जो घोषणा पत्र 2019 का है वह सिर्फ चुनाव को जीतने के लिए है। यह घोषणा सिर्फ जनता को धोखा देने और ठगने का काम करेगी। और पुनः राम भक्तों को धोखा देगी और गुमराह करेगी। अब हम मात्र कोर्ट के फैसले पर निर्भर है। कोर्ट किस रूप में राम मंदिर से संबंधित घोषणा करती है और उसकी घोषणा के अनुसार ही राम मंदिर बनाएंगे। अब किसी पार्टी से कोई आशा नहीं हैं, और विशेष करके भाजपा से अब राम भक्त भाजपा के बहकावे और बातों में नहीं आएंगे अर्थात यह समझ ले जो राम को छोड़ता है राम उनको छोड़ देते हैं। राम मंदिर का निर्माण सिर्फ भक्तगण ही करेंगे और कोई नहीं कर सकता। कोई पार्टी यदि किसी चीज को लेकर आश्वासन देती है तो वह सिर्फ सत्ता में आने के लिए यह वादा करती हैं।
जहां तक गंगा नदी को 100% साफ करने की बात है स्वच्छ रखने की बात है तो इसमें बहुत प्रयास किए गए हैं। वैसे गंगा अभी 100% स्वच्छ तो नहीं हुई है। लेकिन कुछ अंशों में इसमें परिवर्तन आया है क्योंकि इस बार प्रयाग में आयोजित कुंभ मेले में गंगा के पानी को लेकर कोई भी शिकायत नहीं आई है ना ही वहां पर जाने वाली लोगों ने कोई शिकायत की और ना ही किसी संत महंत ने ही गंगा के जल को लेकर कोई बात कही। गंगा को लेकर के मोदी जी ने बहुत काम किए हैं अब जो वह कह रहे हैं कि 100% स्वच्छ किया जाएगा तो हो सकता है की हो। लेकिन घोषणापत्र घोषणा पत्र होता है यह विश्वास में तभी आएगा जब पूर्ण रूप से धरातल पर उतारा जाए और यदि गंगा पूर्ण रूप से स्वच्छ हो जाती है तो हम सरकार को धन्यवाद देंगे।



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