अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीले पर विराजमान भगवान शशांक शेखर का अभिषेक बेहद महत्वपूर्ण है. धर्माचार्य और संतों की मानें तो बिना महादेव की पूजा के फल की प्राप्ति नहीं होती. कुबेर टीला पर स्थित भगवान शशांक शेखर की आराधना शुरू हो गई है. यह अनुष्ठान अहम माना जा रहा है. रामलला के भव्य मंदिर के लिए तैयारी पहले से ही की जा रही है. मंदिर निर्माण कार्यशाला में तराशे गए पत्थर रखे हैं. परिसर में चल रहे समतलीकरण के बाद फाउंडेशन बनाने को लेकर L&T (लार्सन एंड टूब्रो) कंपनी ने परिसर में डेरा डाल दिया है.
कुबेर टीले पर 2 घंटे तक चलेगा अनुष्ठान-
श्री मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत व राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य महंत कमल नयन दास के साथ अन्य संतों ने पूजन आरंभ कर दिया है.
भगवान शशांक शेखर की विधिवत आराधना की जा रही है. श्री मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास के साथ साधु-संत अभिषेक कर रहे. इसके लिए काली गाय के 11 लीटर दूध की व्यवस्था की गई है.
महादेव की आराधना के बिना फल प्राप्ति संभव नहीं: कमल नयन दास
भगवान राम भी लंका पर विजय प्राप्ति से पहले भगवान रामेश्वर की स्थापना कर यहां अभिषेक किया था. बताया जाता है कि लंका विजय से पहले भगवान राम ने भगवान शिव की आराधना की थी. श्री मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास का कहना है कि राम जन्मभूमि परिसर में प्रतिदिन विघ्न निवारण के लिए पूजा-पाठ हो रहा है. करोड़ों अनुष्ठान हों, लेकिन बिना शिव आराधना के फल की प्राप्ति संभव नहीं. ऐसे में मंदिर निर्माण से पहले कुबेर टीले पर स्थित भगवान शशांक शेखर का अभिषेक करना आवश्यक है.