अयोध्याः मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन जन्मस्थली अयोध्या में 22 नवंबर की मध्यरात्रि अक्षय नवमी तिथि के मौके पर शुरू होने वाली 14 कोसी परिक्रमा के लिए जिला प्रशासन ने यातायात प्रतिबंध और रूट डायवर्जन व्यवस्था तय कर ली है. इस वर्ष कोविड-19 प्रोटोकॉल के कारण शहर के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को परिक्रमा करने की अनुमति नहीं है. ऐसे में अयोध्या में प्रवेश के कई मार्गों पर प्रतिबंध लगाया गया है.
इन रास्तों पर प्रवेश होगा प्रतिबंधित
- गोरखपुर से अयोध्या होकर बाराबंकी या लखनऊ जाने वाले वाहन हाइवे से होंगे रवाना. जरूरत के मुताबिक बस्ती बाईपास से उतरौला रोड पर हो सकता है डायवर्जन.
- लखनऊ से गोरखपुर जाने वाले वाहन हाइवे के जरिए करेंगे यात्रा. जरूरत पड़ने पर रामनगर चौराहा बाराबंकी से गोण्डा मार्ग पर हो सकता है डायवर्जन.
- लखनऊ-अयोध्या रोड पर सभी वाहन बूथ नंबर 1 सहादतगंज से शहर की ओर प्रवेश रहेगा पूरी तरह से प्रतिबंधित. थाना रौनाही के सामने रोके जाएंगे भारी वाहन.
- रायबरेली-अयोध्या रोड पर अग्रसेन चौराहे से शहर की ओर प्रवेश रहेगा प्रतिबंधित. सभी वाहन हाइवे से होकर गुजरेंगे.
- सुलतानपुर-अयोध्या रोड पर वाहनों को शांति चौक से शहर की ओर प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. पूरा कलंदर के सामने आवश्यकता पड़ने पर रोके जाएंगे भारी वाहन.
- अंबेडकर नगर अयोध्या रोड पर महाराजगंज से कूड़ा केशवपुर दर्शन नगर की ओर प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. देवकाली चौराहा से दर्शन नगर की ओर सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित होगा.
- कुढ़ा केशवपुर चौराहा से बूथ नंबर 4 की तरफ सभी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित होगा.
- साकेत पेट्रोल पंप से नया घाट एवं लकड़मंडी से नया घाट की तरफ सभी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा.
पुलिस ने की अपील कम से कम लोग हों परिक्रमा में शामिल
परिक्रमा को लेकर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए हैं. एसपी सिटी विजय पाल सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वह कम से कम संख्या में परिक्रमा में शामिल हों, जिससे कोरोना संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके.
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ परिक्रमा संपन्न कराना बड़ी चुनौती
अक्षय नवमी तिथि पर राम नगरी अयोध्या के चतुर्दिक करीब 45 किलोमीटर के लंबे परिपथ पर होने वाली 14 कोसी परिक्रमा के लिए जिला प्रशासन ने सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं. इस बार जिला प्रशासन ने योजना बनाई है कि कोविड-19 के खतरे को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ परिक्रमा को संपन्न कराया जाए, लेकिन परिक्रमा कर रहे लाखों श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाना शायद जिला प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा.