अयोध्या: उत्तर प्रदेश रोडवेज एम्पलाइज यूनियन के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया है. उन्होंने सरकार पर रोडवेज कर्मियों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है. यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा है कि ऐसा रोडवेज कर्मचारियों के साथ किया जा रहा है, जो कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को घरों तक सुरक्षित पहुंचाने में लगे हैं.
परिवहन निगम उत्तर प्रदेश के पास 6.7 प्रतिशत राष्ट्रीय मार्ग है. उसमें 25 प्रतिशत परमिट निजी बस ऑपरेटर को दिए जाने की मंशा उत्तर प्रदेश सरकार ने बना ली है. वहीं परिवहन निगम डग्गामार की तुलना में 4 गुना अधिक टैक्स राज्य सरकार को देती है. सरकार के इस निर्णय का उत्तर प्रदेश रोडवेज एम्पलाइज यूनियन विरोध कर रहा है. संगठन का मानना है कि सरकार के इस निर्णय से नियमित और संविदा पर नियुक्त रोडवेज कर्मियों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा.
रोडवेज एम्पलाइज यूनियन के क्षेत्रीय मंत्री विमलेश अवस्थी ने बताया कि निगम एवं कर्मचारी हितों के विपरीत उत्तर प्रदेश शासन की ओर से राष्ट्रीयकृत मार्गों पर निजी बसों के चलाए जाने की मंशा है. उत्तर प्रदेश रोडवेज इंप्लाइज यूनियन इसका विरोध करता है. उन्होंने कहा कि अगर यूनियन की मांगें नहीं मानी जाती तो कर्मचारी सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे.
इसी क्रम में सोमवार को रोडवेज बस स्टेशन अयोध्या डिपो के कार्यशाला गेट पर एकत्र होकर गेट मीटिंग की गई. इस बैठक के जरिए रोडवेज कर्मचारियों को उनके हितों के प्रति सचेत किया गया. इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से क्षेत्रीय मंत्री विमलेश अवस्थी, हरी प्रसाद यादव, सुनील मिश्रा, अरविंद बहादुर, निगम और अतुल पांडेय समेत यूनियन की कई सदस्य मौजूद रहे.