अयोध्या: अब से 491 वर्ष पहले शुरू हुए ऐतिहासिक विवादित के पटाक्षेप के बाद राम नगरी अपने गौरव को पुनः प्राप्त करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है. अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लगभग एक वर्ष बीत चुका है. इस अवधि में राम नगरी को भव्य रूप देने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाएं बहुत कुछ कहती हैं. राम नगरी विश्व के नक्शे पर सबसे बड़े धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में भरने के साथ ही पूरे प्रदेश के विकास के इंजन के रूप में स्थापित होगी.
1250 एकड़ में नव्य अयोध्या की स्थापना
राम नगरी के पहले दीपोत्सव से ही यह बात स्पष्ट हो गई थी कि इसे भविष्य में एक भारत की ग्रांड इवेंट के रूप में विकसित किया जाएगा. शायद यही वजह है कि गत वर्ष कैबिनेट की बैठक में प्रदेश सरकार ने अयोध्या दीपोत्सव को राजकीय महिला का दर्जा दे दिया. आस्था को बढ़ावा देने के साथ राम नगरी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार की करोड़ों रुपए की योजनाएं संचालित हैं. राम वन गमन मार्ग का विकास, बनारस के लिए फोरलेन सड़क, चित्रकूट तक फोरलेन मार्ग, अंतरराष्ट्रीय श्रीराम एयरपोर्ट, विश्व स्तरीय सुविधा युक्त 1250 एकड़ में नव्य अयोध्या की स्थापना जैसी कई बड़ी कार्य योजनाएं हैं.
कोरोना के बावजूद पहुंच रहे श्रद्धालु
रामनगरी पहुंच रहे 10 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन राम नगरी के प्रति सनातन धर्मियों का बेहद लगाव रहा है. इस बात का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि राम मंदिर का निर्णय आने के बाद रामलला के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में खासी वृद्धि हुई है. वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बावजूद प्रतिदिन करीब 10 हजार लोग रामनगरी पहुंच रहे हैं. भविष्य में राम नगरी में बढ़ती पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश और केंद्र सरकार पर्यटन की वृहद योजनाओं पर कार्य कर रही है.
10 गुना वृद्धि की संभावना
राम नगरी में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए प्रदेश और केंद्र सरकार अयोध्या पर मेहरबान है. राम नगरी के प्रवेश द्वार राम की पैड़ी को भव्य रूप देने के साथ ही गुप्तार घाट को भी सजाया संवारा जा रहा है. पर्यटन विभाग की मानें तो राम मंदिर बनने के बाद राम नगरी आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि होगी. इस संभावना को देखते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से राम नगरी में कार्य कर रही है. अयोध्या मंडल के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि पर्यटन विभाग का आकलन है कि राम मंदिर बनने के बाद राम नगरी में पर्यटकों की संख्या में 10 गुना वृद्धि होगी.
सरयू में आठ किमी का सफर कर करेंगे श्रद्धालु
राम नगरी पहुंचने वाले पर्यटक सरयू की जलधारा में मोटर बोट पर बैठकर दिव्य अयोध्या के दर्शन कर सकेंगे. सरयू में नया घाट से गुप्तार घाट तक खून संचालन की तैयारी है. वाराणसी की तर्ज पर लोग लगभग आठ किलोमीटर का सफर सरयू नदी की जलधारा में बैठकर तय कर सकेंगे. इसके लिए सर्वे पूरा हो चुका है. माना जा रहा है कि शासन से हरी झंडी मिलने के बाद इस पर कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा. केंद्र सरकार की 127 करोड़ की परियोजनाएं संचालित राम नगरी में पर्यटन की मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी कई परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. रेल, रोड और हवाई यात्रा कनेक्टिविटी कि साथ कई अत्याधुनिक होटलों को स्थापित करने पर कार्य किया जा रहा है.
देश-विदेश से आएंगे श्रद्धालु
अयोध्या देवीपाटन मंडल के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरती यादव की माने तो भारत ही नहीं विश्व में जो भी भारतीय प्रवासी हैं वे सारे यहां विजिट करना चाहेंगे. वे अपने जीवन में बार-बार राम नगरी के दर्शन करना चाहेंगे. इस बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने अयोध्या में 127 करोड़ रुपए के पर्यटन विकास की योजनाएं संचालित की हैं. ये योजनाएं पर्यटन विकास से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं से संबंधित हैं. वहीं देश दर्शन फेस-2 के तहत 60 करोड़ रुपए की कार योजना पर चर्चा की जा रही है.
अत्याधुनिक सुविधा युक्त 20 होटल होंगे स्थापित
दुनिया के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए राम नगरी में आधुनिक सुविधा युक्त होटल की व्यवस्था होगी. अयोध्या देवीपाटन मंडल के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव का कहना है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विश्व स्तरीय मूलभूत सुविधाओं और अत्याधुनिक सुविधाओं का होना अत्यधिक आवश्यक है. पर्यटकों के ठहरने के लिए करीब 15 से 20 अत्याधुनिक सुविधा युक्त होटलों के स्थापित करने की दिशा में चर्चा की जा रही है. यह सभी निजी क्षेत्र के होटल होंगे इसके लिए पूंजी निवेश की प्रक्रिया के जा रही है.