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अयोध्या: राम के बारातियों को जनकपुर में मिलती हैं गाली, जानिए क्या है मान्यता - ram vivah yatra is being welcomed with grandeur

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले से निकली राम विवाह यात्रा मिथिलांचल पहुंच चुकी है. मिथिलांचल पहुंची राम विवाह यात्रा में शामिल साधु संतों का जगह-जगह भव्यता से स्वागत किया जा रहा है.

राम विवाह यात्रा.
मिथिलांचल पहुंची राम विवाह यात्रा.
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Published : Nov 28, 2019, 9:47 AM IST

अयोध्या: राम नगरी से निकली राम विवाह यात्रा मिथिलांचल में पहुंच चुकी है. मिथिला में इस यात्रा में शामिल संतो का जगह-जगह भव्य स्वागत हो रहा है. 1 दिसंबर को जनकपुर में राम विवाह होना है. यह विवाह मिथिला के पूरे रीति-रिवाज के साथ होता है.

जानकारी देते मिथिला नाट्य कला परिषद कलाकार सुनील कुमार मलिक.

3 दिसंबर को रवाना होगी बारात
अयोध्या के कारसेवक पुरम से रवाना हुई राम बारात 28 नवंबर को जनकपुर पहुंच जाएगी 29 नवंबर को तिलकोत्सव है. तिलकोत्सव के बाद विवाह समारोह 30 नवंबर को होगा. इस अवसर पर कन्या पूजन और मटकोर का कार्यक्रम भी होगा. 2 दिसंबर को राम कलेवा आयोजन होगा. 3 दिसंबर को बारात जनकपुर से अयोध्या के लिए रवाना हो जाएगी.

ईटीवी भारत ने मिथिला नाट्य कला परिषद के कलाकार सुनील कुमार मलिक से बात की. सुनील कुमार गायन का काम करते हैं. उनका कहना है कि मिथिलावासी राम बारात की बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं. भारत आने पर जिस तरह से मिथिलावासी अपनी बेटी की बारात का स्वागत करते हैं उसी तरीके से इस बारात का भव्य स्वागत किया जाता है.

कलेवा के दौरान गाया जाता है गाली गीत
मिथिलावासी सीता को अपनी बहन के रूप में मानते हैं. जिस प्रकार अन्य विवाह समारोह में कलेवा के दौरान मिथिला वासी अपने जमाई को गाली गीत गाते हैं, वैसे ही राम बारात में भी कलेवा के दौरान गाली का गीत गाया जाता है. सुनील मलिक इसे मिथिलावासियों का सौभाग्य मानते हैं.

इसे भी पढ़ें- राम मंदिर ट्रस्ट में योग्य और पुराने लोगों को मिले स्थान: हिन्दू महासभा

सुनील मलिक कहते हैं कि राम भगवान हैं और भगवान को गाली देने का विशेष अधिकार सिर्फ मिथलावासियों का है, क्योंकि वह मिथिलावासियों के जमाई हैं. प्रभु श्री राम मिथिलांचल के लोगों के के गाली गीत बुरा नहीं मानते हैं.

अयोध्या: राम नगरी से निकली राम विवाह यात्रा मिथिलांचल में पहुंच चुकी है. मिथिला में इस यात्रा में शामिल संतो का जगह-जगह भव्य स्वागत हो रहा है. 1 दिसंबर को जनकपुर में राम विवाह होना है. यह विवाह मिथिला के पूरे रीति-रिवाज के साथ होता है.

जानकारी देते मिथिला नाट्य कला परिषद कलाकार सुनील कुमार मलिक.

3 दिसंबर को रवाना होगी बारात
अयोध्या के कारसेवक पुरम से रवाना हुई राम बारात 28 नवंबर को जनकपुर पहुंच जाएगी 29 नवंबर को तिलकोत्सव है. तिलकोत्सव के बाद विवाह समारोह 30 नवंबर को होगा. इस अवसर पर कन्या पूजन और मटकोर का कार्यक्रम भी होगा. 2 दिसंबर को राम कलेवा आयोजन होगा. 3 दिसंबर को बारात जनकपुर से अयोध्या के लिए रवाना हो जाएगी.

ईटीवी भारत ने मिथिला नाट्य कला परिषद के कलाकार सुनील कुमार मलिक से बात की. सुनील कुमार गायन का काम करते हैं. उनका कहना है कि मिथिलावासी राम बारात की बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं. भारत आने पर जिस तरह से मिथिलावासी अपनी बेटी की बारात का स्वागत करते हैं उसी तरीके से इस बारात का भव्य स्वागत किया जाता है.

कलेवा के दौरान गाया जाता है गाली गीत
मिथिलावासी सीता को अपनी बहन के रूप में मानते हैं. जिस प्रकार अन्य विवाह समारोह में कलेवा के दौरान मिथिला वासी अपने जमाई को गाली गीत गाते हैं, वैसे ही राम बारात में भी कलेवा के दौरान गाली का गीत गाया जाता है. सुनील मलिक इसे मिथिलावासियों का सौभाग्य मानते हैं.

इसे भी पढ़ें- राम मंदिर ट्रस्ट में योग्य और पुराने लोगों को मिले स्थान: हिन्दू महासभा

सुनील मलिक कहते हैं कि राम भगवान हैं और भगवान को गाली देने का विशेष अधिकार सिर्फ मिथलावासियों का है, क्योंकि वह मिथिलावासियों के जमाई हैं. प्रभु श्री राम मिथिलांचल के लोगों के के गाली गीत बुरा नहीं मानते हैं.

Intro:अयोध्या: राम नगरी से निकली राम विवाह यात्रा मिथिलांचल में पहुंच चुकी है. मिथिला में इस यात्रा मैं शामिल संतो का जगह-जगह भव्य स्वागत हो रहा है. 1 दिसंबर को जनकपुर में राम विवाह होना है. यह विवाह मिथिला के पूरे रीति-रिवाज के साथ होता है. हम आपको बताने जा रहे हैं कि मिथिला वासी क्यों भगवान राम और उनके कुल को गाली देने का अपना विशेष अधिकार रखते हैं.


Body:अयोध्या के कारसेवक पुरम से रवाना हुई राम बारात 28 नवंबर को जनकपुर पहुंच जाएगी 29 नवंबर को तिलकोत्सव है. जिसके बाद विवाह समारोह 30 नवंबर को होना है. इस अवसर पर कन्या पूजन और मटकोर का कार्यक्रम भी होगा. 2 दिसंबर को राम कलेवा आयोजित किया जाना है. 3 दिसंबर को बारात जनकपुर से अयोध्या के लिए रवाना हो जाएगी.

ईटीवी भारत ने मिथिला नाट्य कला परिषद के कलाकार सुनील कुमार मल्लिक से बात की. सुनील कुमार गायन का काम करते हैं. उनका कहना है कि मिथिला वासी राम बारात का बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं. भारत आने पर जिस तरह मिथिला वासी अपनी बेटी की बारात किस का स्वागत करते हैं उसी तरीके से इस बारात का भव्य स्वागत किया जाता है. मिथिलावासी सीता को अपनी बहन के रूप में मानते हैं. जिस प्रकार अन्य विवाह समारोह में कलेवा के दौरान मिथिला वासी अपने जमाई को गाली गीत गाते हैं, वैसे ही राम बारात में भी कलेवा के दौरान गाली का गीत गाया जाता है.


Conclusion:सुनील मलिक इसे मिथिला वासियों का सौभाग्य मानते हैं. वह कहते हैं कि राम भगवान हैं और भगवान को गाली देने का विशेष अधिकार सिर्फ मिथला वासियों का है क्योंकि वह मिथिलावासियों के जमाई हैं. प्रभु श्री राम मिथिलांचल के लोगों के के गाली गीत बुरा नहीं मानते हैं.

बाइट- सुनील कुमार मल्लिक, गायक, मिथिला नाट्य कला परिषद, नेपाल
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