अयोध्या: चैत्र नवरात्र के पहले दिन रामलला को नए आसन पर विराजमान कराया जा चुका है. सीएम योगी ने पूरे विधि-विधान के साथ मानस भवन के पास एक अस्थायी मंदिर में रामलला को स्थानांतरित किया. इसके लिए मथुरा, काशी, प्रयागराज, दिल्ली और अयोध्या के पंडितों ने राम जन्मभूमि परिसर में अनुष्ठान किया. इस मौके पर उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए 11 लाख का चेक भी भेंट किया.
नव संवत्सर पर रामलला को नए गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया है. यह अनुष्ठान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में भगवान राम समेत उनके तीनों भाईयों, हनुमान और सालिगराम का विग्रह वैदिक पंडितों ने संपन्न कराया है. रामलला के नए गर्भगृह में प्रवेश के साथ ही राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया का प्रथम चरण शुरू हो गया है.
राम जन्मभूमि परिसर में दो दिन से चल रहा धार्मिक अनुष्ठान भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूरा हो गया है. इसे काशी, मथुरा, प्रयागराज, दिल्ली और अयोध्या के विद्वानों ने संपन्न करवाया है. विद्वानों ने यह अनुष्ठान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिपूर्वक किया. रामलला के साथ सभी 6 विग्रहों को प्राचीन टेंट के मंदिर से बुलेटप्रूफ एसी युक्त गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया है.
ब्रह्म मुहूर्त में हुआ अनुष्ठान
हिन्दू नववर्ष की शुरुआत के साथ ही रामलला को उनके नए घर में स्थापित कर दिया गया. मंगलवार देर रात 11 बजे तक अनुष्ठान की समाप्ति के बाद मध्यरात्रि 2 बजे रामलला का जागरण कराया गया. इसके बाद वैदिक रीति से पूजा-पाठ किया गया. टेंट वाले गर्भगृह से नए गृह को जाने वाले रास्ते का शुद्धिकरण किया गया. इसके बाद भोर में 4 बजे रामलला समेत सभी 6 विग्रहों को अस्थाई गर्भ गृह में स्थापित कर दिया गया.
नए मंदिर में रामलला समेत सभी 6 विग्रह स्थापित
रामलला के नए गर्भगृह में भूमि पूजन, दैवीय शक्ति के आह्वान और उसके बाद प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान किया गया. दो दिन चले इस अनुष्ठान को कुल 15 वैदिक पंडितों ने संपन्न कराया. भगवान राम के साथ उनके भाईयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के साथ हनुमान और सालिगराम का विग्रह नए मंदिर में स्थापित किया गया.
सभी विग्रहों को सिर पर रखकर नए गर्भगृह में पहुंचाया गया
मध्यरात्रि 3 बजे भगवान रामलला का जागरण किया गया. इसके बाद 5 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्राचीन टेंट के मंदिर में स्थापित सभी 6 विग्रहों को नए अस्थाई ढांचे में पहुंचा गया. बारी-बारी से सभी 6 विग्रहों को सिर पर रखकर अत्याधुनिक अस्थाई मंदिर में रखा गया, जहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अभिमंत्रित जल को सभी विग्रहों पर डालकर मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई.
सुबह 5 बजे प्राण प्रतिष्ठा के बाद ढाई घंटे तक हुआ पूजा-पाठ
रामलला को नए गर्भगृह में स्थापित करने के बाद करीब ढाई घंटे तक पूजा-पाठ किया गया. इसके बाद मंदिर में दर्शन प्रारंभ हो गया. मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने रामलला को नवसंवत्सर का पहला भोग अर्पित कराया.
चांदी के सिंहासन पर विराजमान हुए रामलला
रामलला को 9 किलो 500 ग्राम के चांदी के सिंहासन पर विराजमान किया गया. रामलला का यह सिंहासन अयोध्या राजपरिवार के मुखिया व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र की ओर से दान किया गया है. सिंहासन पर सूर्यदेव की मुखाकृति बनी हुई है.
मुख्यमंत्री योगी ने ट्रस्ट को 11 लाख रुपए का किया दान
कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन को देखते हुए सीएम योगी देर शाम अयोध्या पहुंच गए थे. सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम के बाद वह रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में शामिल हुए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय को ट्रस्ट के नाम से 11 लाख रुपए का चेक सौंपा है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण का पहला चरण पूरा हो गया है. रामलला तिरपाल के मंदिर से अब नए आसन पर विराजमान हो चुके हैं.
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन का दिखा असर
रामलला को अस्थाई गर्भगृह में स्थापित करना मंदिर निर्माण के प्रथम चरण का आगाज है. ऐसे में इस अनुष्ठान में देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में संत समाज, वीवीआईपी समेत विहिप और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों को शामिल होना था. कोरोना वायरस संक्रमण और प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति के चलते रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को सीमित रखा गया. कयास लगाए जा रहे थे कि सीएम योगी का आगमन भी नहीं हो पाएगा. प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए इस कार्यक्रम को पूरी तरह गोपनीय रखने का प्रयास किया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक दिन पहले शाम को ही अयोध्या पहुंच गए थे और वह भगवान रामलला की प्राणप्रतिष्ठा अनुष्ठान के साक्षी बने.
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