अयोध्या: श्रीराम वल्लभाकुंज मंदिर, कनक भवन, मंत्रार्थ मंडपम, दशरथ महल, रंगमहल, लक्ष्मण किला, विअहुति भवन व जानकी महल आदि मंदिरों में कलेवा उत्सव का आयोजन पूरे धूमधाम से किया गया. यहां पर गीत-संगीत का संगम दिखाई दिया तो वहीं भगवान श्रीराम और सीता जी को कलेवा के दौरान 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया.
जानकी घाट स्थित प्रसिद्ध वैष्णव पीठ श्रीरामवल्लभा कुंज में श्रीरामविवाह व रामकलेवा के दौरान लोगों ने भगवान राम के जयघोष लगाए. लोगों के जयकारों से वातावरण गुंजायमान रहा. मिथिलानियों (जनकपुरीवासियों) ने मधुर पदों का गायन कर श्रीराम के प्रति अपना प्रेम अर्पित किया. जानकीघाट स्थित प्रसिद्ध वैष्णव पीठ श्रीराम वल्लभाकुंज में रामकलेवा का आनन्द छाया रहा.
अयोध्या एडवर्ड तीर्थ विवेचना सभा के अध्यक्ष व दैनिक सरयू आरती के संरक्षक स्वामी राजकुमार दास, सिद्धपीठ नाका हनुमानगढ़ी के महन्त रामदास, प्रेममूर्ति कथावाचक प्रेमभूषण महाराज, शशिकांत दास, ज्योतिषाचार्य राकेश तिवारी, राजेंद्र शास्त्री सहित संतों का समूह मौजूद रहा. मन्दिर के रामशंकर दास वेदांती, स्वामी राजकुमार दास ने कलेवा खिलाया.
अनेक मंदिरों में रही धूम
दशरथ महल में विंदुगद्याचार्य महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य की देखरेख में यह उत्सव मना. रंगमहल में महंत रामशरण दास, लक्ष्मण किला में महंत मैथिलीरमण शरण की अगुवाई में घंटों तक यह उत्सव आकर्षण का केंद्र बना रहा. मंत्रार्थ मंडपम में महंत अयोध्या दास की देखरेख में उत्सव की धूम रही. यहां कथावाचक मणिरामदास, राघव दास आदि मौजूद रहे.
जानकी महल में रही भव्यता
जानकी महल ट्रस्ट में ट्रस्टी दिलीप सुल्तानिया, आदित्य सुल्तानिया, प्रबंधक नरेश पोद्दार, रामकुमार शर्मा की देखरेख में कलेवा की धूम रही. इस अवसर पर मंदिर के गर्भगृह को भव्य रूप से सजाया गया था. जगमोहन को विविध पुष्पों से सजाया गया था. इस तरह कई दिनों से चल रहा रामविवाहोत्सव सम्पन्न हुआ. कोरोना काल मे यह अयोध्या का सर्वाधिक उल्लास का पर्व साबित हुआ. कई दिनों तक रामनगरी श्रद्धालुओं से गुलजार रही. गलियों में भी श्रद्धालुओं का समूह आनंद व उल्लास में घूमता रहा.