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हनुमानगढ़ी के पुजारी ने रविशंकर को बताया व्यापारी, कहा- उन्हें अयोध्या के बारे में नहीं जानकारी

अयोध्या मामले में मध्यस्थता की प्रकिया 15 अगस्त तक जारी रहेगी. तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. मध्यस्थता कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट से 15 अगस्त तक का और समय मांगा है, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.

हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास
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Published : May 10, 2019, 6:07 PM IST

Updated : May 10, 2019, 7:10 PM IST

अयोध्या : राम मंदिर मामले को लेकर हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने कहा कि अयोध्या की शास्त्रीय सीमा और 84 कोसी के अंतर्गत किसी भी तरह के बाबर के नाम की कोई चीज साधु-संतों को और हम लोगों को स्वीकार नहीं है. दरअसल, श्रीराम जन्मभूमि मामले में बनी तीन सदस्यीय मध्यस्थता कमेटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. मुस्लिम पक्षकारों ने इस पर विरोक्ष जताया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है. मध्यस्थता कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट से 15 अगस्त तक का और समय मांगा है, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.

राम मंदिर मामले में मध्यस्थता की प्रकिया अपनी राय देते हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास

15 अगस्त तक जारी रहेगी मध्यस्थता की प्रकिया

  • राम जन्मभूमि मंदिर मामले में बनी मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई.
  • कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में सकारात्मक विकास की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कमेटी ने 15 अगस्त तक का और समय मांगा है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल को 15 अगस्त तक का समय दिया है.
  • कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ लोग मध्यस्थता नहीं चाहते हैं.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर क्या बोले राजू दास

  • हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने कहा कि मुस्लिम पक्षकार की तरफ से उनके वकील ने सहमति जाहिर की है.
  • इसके लिए मैं धन्यवाद और आभार करता हूं.
  • सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर मामले को मध्यस्थता के जरिए सुलझाना चाहता है.
  • सुप्रीम कोर्ट भी चाहता है कि जल्द से जल्द राम जन्मभूमि का मामले का हल निकले.
  • राजूदास ने कहा कि राम मंदिर मामले में मध्यस्थता की कोई बात ही नहीं होनी चाहिए थी.
  • दूसरे पक्ष के पास जो एविडेंस, साक्ष्य, आधार, प्रमाण हैं वह बाबरी मस्जिद के लिए उचित नहीं हैं.
  • वहां पर सर्वे के दौरान जो भी साक्ष्य, आधार, शिलालेख मिले हैं, वह सभी राम जन्मभूमि के पक्ष में हैं.
  • राजू दास ने कहा कि हम मध्यस्थता का विरोध नहीं करते हैं.
  • मेरा सुप्रीम कोर्ट से यह निवेदन है कि इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करें.

श्री श्री रविशंकर को राजू दास ने बताया व्यापारी

  • राजू दास ने मध्यस्थता कमेटी द्वारा सुप्रीम कोर्ट से 15 अगस्त तक के मांगे गए समय पर टिप्पणी की.
  • राजू दास ने कहा कि कमेटी सुप्रीम कोर्ट से दिन-ब-दिन समय मांगती चली जा रही है.
  • राजू दास ने कहा कि श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थता पैनल में रखा गया है.
  • श्री श्री रविशंकर एक व्यापारी हैं और उन्हें अयोध्या की भौगोलिक चीजों की जानकारी नहीं है.
  • मध्यस्थता कमेटी में अयोध्या के साधु-संतों को रखना चाहिए था, जिससे मामले में गवाही ली गई थी.
  • यहां के हिंदू और मुस्लिम आपस में सब को जानते, पहचानते और समझते हैं.
  • इस तरह राम मंदिर का मामला और तेजी से हल होता.

हिंदू संगठन नहीं कर रहा विरोध

  • राजू दास ने कहा कि राम मंदिर मामले में किसी तरह से हिंदू संगठन विरोध नहीं कर रहा है.
  • विरोध इस बात का भी नहीं है कि मैं मध्यस्था का विरोध कर रहा हूं.
  • मध्यस्थता की आड़ में जो व्यापार किया जा रहा है, मैं उसका विरोध कर रहा हूं.

अयोध्या की शास्त्रीय सीमा और 84 कोसी के अंतर्गत बाबर के नाम की कोई भी चीज साधु-संतों और हम लोगों को स्वीकार नहीं है, जहां भगवान रामलला विराजमान हैं, वहीं पर भव्य राम मंदिर का निर्माण यहां के सभी साधु-संतों और महंतों की मांग है. इसके नीचे और कुछ भी नहीं.

-राजू दास, मुख्य पुजारी, हनुमानगढ़ी

अयोध्या : राम मंदिर मामले को लेकर हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने कहा कि अयोध्या की शास्त्रीय सीमा और 84 कोसी के अंतर्गत किसी भी तरह के बाबर के नाम की कोई चीज साधु-संतों को और हम लोगों को स्वीकार नहीं है. दरअसल, श्रीराम जन्मभूमि मामले में बनी तीन सदस्यीय मध्यस्थता कमेटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. मुस्लिम पक्षकारों ने इस पर विरोक्ष जताया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है. मध्यस्थता कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट से 15 अगस्त तक का और समय मांगा है, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.

राम मंदिर मामले में मध्यस्थता की प्रकिया अपनी राय देते हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास

15 अगस्त तक जारी रहेगी मध्यस्थता की प्रकिया

  • राम जन्मभूमि मंदिर मामले में बनी मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई.
  • कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में सकारात्मक विकास की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कमेटी ने 15 अगस्त तक का और समय मांगा है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता पैनल को 15 अगस्त तक का समय दिया है.
  • कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ लोग मध्यस्थता नहीं चाहते हैं.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर क्या बोले राजू दास

  • हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने कहा कि मुस्लिम पक्षकार की तरफ से उनके वकील ने सहमति जाहिर की है.
  • इसके लिए मैं धन्यवाद और आभार करता हूं.
  • सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर मामले को मध्यस्थता के जरिए सुलझाना चाहता है.
  • सुप्रीम कोर्ट भी चाहता है कि जल्द से जल्द राम जन्मभूमि का मामले का हल निकले.
  • राजूदास ने कहा कि राम मंदिर मामले में मध्यस्थता की कोई बात ही नहीं होनी चाहिए थी.
  • दूसरे पक्ष के पास जो एविडेंस, साक्ष्य, आधार, प्रमाण हैं वह बाबरी मस्जिद के लिए उचित नहीं हैं.
  • वहां पर सर्वे के दौरान जो भी साक्ष्य, आधार, शिलालेख मिले हैं, वह सभी राम जन्मभूमि के पक्ष में हैं.
  • राजू दास ने कहा कि हम मध्यस्थता का विरोध नहीं करते हैं.
  • मेरा सुप्रीम कोर्ट से यह निवेदन है कि इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करें.

श्री श्री रविशंकर को राजू दास ने बताया व्यापारी

  • राजू दास ने मध्यस्थता कमेटी द्वारा सुप्रीम कोर्ट से 15 अगस्त तक के मांगे गए समय पर टिप्पणी की.
  • राजू दास ने कहा कि कमेटी सुप्रीम कोर्ट से दिन-ब-दिन समय मांगती चली जा रही है.
  • राजू दास ने कहा कि श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थता पैनल में रखा गया है.
  • श्री श्री रविशंकर एक व्यापारी हैं और उन्हें अयोध्या की भौगोलिक चीजों की जानकारी नहीं है.
  • मध्यस्थता कमेटी में अयोध्या के साधु-संतों को रखना चाहिए था, जिससे मामले में गवाही ली गई थी.
  • यहां के हिंदू और मुस्लिम आपस में सब को जानते, पहचानते और समझते हैं.
  • इस तरह राम मंदिर का मामला और तेजी से हल होता.

हिंदू संगठन नहीं कर रहा विरोध

  • राजू दास ने कहा कि राम मंदिर मामले में किसी तरह से हिंदू संगठन विरोध नहीं कर रहा है.
  • विरोध इस बात का भी नहीं है कि मैं मध्यस्था का विरोध कर रहा हूं.
  • मध्यस्थता की आड़ में जो व्यापार किया जा रहा है, मैं उसका विरोध कर रहा हूं.

अयोध्या की शास्त्रीय सीमा और 84 कोसी के अंतर्गत बाबर के नाम की कोई भी चीज साधु-संतों और हम लोगों को स्वीकार नहीं है, जहां भगवान रामलला विराजमान हैं, वहीं पर भव्य राम मंदिर का निर्माण यहां के सभी साधु-संतों और महंतों की मांग है. इसके नीचे और कुछ भी नहीं.

-राजू दास, मुख्य पुजारी, हनुमानगढ़ी

Intro:अयोध्या। श्री राम जन्मभूमि के मामले में बनी मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है रिपोर्ट में सकारात्मक विकास की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए 15 दिन का और समय मांगा गया है जिसको देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज 15 दिन का और समय दिया है। वही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ लोग मध्यस्थता नहीं चाहते हैं इस बारे में हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास जी ने कहा कि अयोध्या के शास्त्रीय सीमा के अंतर्गत, 84 कोसी के अंतर्गत, किसी भी तरह के , बाबर के नाम की कोई चीज साधु-संतों को, हम लोगों को स्वीकार नहीं है।


Body:अयोध्या की श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मामले में बनी कमेटी की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद अयोध्या के हनुमानगढ़ी मुख्य पुजारी राजू दास जी ने कहा कि जो मुस्लिम पक्षकार की तरफ से उनके वकील ने सहमति जाहिर की है उसके लिए मैं धन्यवाद और आभार करता हूं। और मैं आपके चैनल के माध्यम से यह बताना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्था को राम जन्मभूमि के लिए लेकर आया था क्योंकि वह चाहते थे कि जल्द से जल्द श्री राम जन्मभूमि का मामले का हला-भला हो जाए, लेकिन उस में मध्यस्थता की कोई बात ही नहीं होनी चाहिए थी क्योंकि मुसलमानों का जो एविडेंस है, जो साक्ष्य है, आधार है प्रमाण है, वो बाबरी मस्जिद के लिए उचित नहीं है वहां पर सर्वे के दौरान जो भी साक्ष्य मिले हैं आधार मिले हैं, शिलालेख मिले हैं, वह सभी श्री राम जन्म भूमि के पक्ष में हैं आगे राजू दास जी ने कहा कि चलिए हम मध्यस्थता का विरोध नहीं करते हैं लेकिन मेरा उच्चतम न्यायालय से यह निवेदन है, दरखास्त है कि इस मामले को जल्द से जल्द सुनवाई करें। आगे राजू दास जी ने सुप्रीम कोर्ट के 15 दिन के मांगे गए समय पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट दिन-ब-दिन समय मांगती चली जा रही है क्योंकि जैसे श्री श्री रविशंकर जी को इस मध्यस्था में रखा गया है और श्री श्री रविशंकर जी एक व्यापारी आदमी है और उन्हें अयोध्या के किसी भौगोलिक चीजों की जानकारी नहीं है। और मध्यसत्ता की कमेटी में अयोध्या के साधु संतों को रखना चाहिए था जिससे आप लोगों ने गवाही लिया था क्योंकि यहां के हिंदू और मुस्लिम आपस में सब को जानते हैं, पहचानते हैं, समझते हैं और बूझते हैं, इस तरह यह मामला और तेजी से हल होता। इस के नाते यहां के लोगों को भी इसमें रखना चाहिए था। राजू दास ने कहा कि इस मामले पर किसी तरह से हिंदू संगठन विरोध नहीं कर रहा है। और विरोध इस बात का भी नहीं है कि मैं मध्यस्था का विरोध कर रहा हूं वह तो मैं व्यापार का कर रहा हूं। देखिए मध्यस्था के आड़ में, मैं मानता हूं कि अभी कुछ चैनल ने ऑपरेशन किया था उस में आया था कि किसी को नौकरी चाहिए, किसी को वॉइस चांसलर बनना है, किसी को करोड़ों रुपया चाहिए और फिर जब आपके पास सारे एविडेंस, सारे साक्ष्य, सारे प्रमाण है की जहां भगवान राम लला विराजमान है वहां पर कोई पुराना स्ट्रक्चर रहा है कोई धार्मिक भवन रहा है। वहां से सारे एविडेंस, सारे साक्ष्य रामलला के पक्ष में है तो इसमें मध्यस्थता वाली बात आई कहां से। और मध्यस्थता करोगे क्या आप। वहां बाबरी मस्जिद का निर्माण कराओगे आप। अयोध्या के शास्त्रीय सीमा के अंतर्गत 84 कोसी के अंतर्गत कोई बाबर के नाम की कोई चीज साधु-संतों को, हम लोगों को स्वीकार नहीं है और जहां भगवान राम लला विराजमान है वहीं पर भव्य राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण यह सभी संतो महंतों का मांग है इसके नीचे और कुछ भी नहीं।


Conclusion:
Last Updated : May 10, 2019, 7:10 PM IST
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