अयोध्या: रामायण कॉन्क्लेव के शुभारंभ पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अयोध्या शोध संस्थान द्वारा वैश्विक स्तर पर अयोध्या की पारम्परिक रामलीला का मंचन पर विशेष डाक आवरण का विमोचन किया. उत्तर प्रदेश के चीफ पोस्टमास्टर जनरल कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा ने राष्ट्रपति को विशेष आवरण का प्रथम सेट भेंट किया.
रामायण कॉन्क्लेव शुभारम्भ अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा देश की प्रथम महिला सविता कोविंद, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, प्रभारी मंत्री नीलकन्ठ तिवारी एवं प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की उपस्थिति में भारतीय डाक विभाग और उत्तर प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के अधीन अयोध्या शोध संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में अयोध्या की पारम्परिक रामलीला का मंचन पर विशेष आवरण का विमोचन किया गया.
उत्तर प्रदेश डाक परिमण्डल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा ने बताया कि वैश्विक स्तर पर अयोध्या की पारम्परिक रामलीला का मंचन पर विशेष आवरण न सिर्फ देश के भीतर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सांस्कृतिक सन्देशवाहक का कार्य करेगा. रामायण पर जारी डाक टिकटों को इस आवरण पर लगाकर और भी महत्वपूर्ण बनाया गया है.
उन्होंने कहा कि डाक टिकट और विशेष आवरण सदैव सांस्कृतिक संदेशवाहक की भूमिका निभाते हैं, ऐसे में इस आवरण से पूरे विश्व में अयोध्या की पारम्परिक रामलीला का मंचन का प्रसार होगा और पर्यटन को बढ़ावा होगा. पीएमजी दक्ष ने बताया कि दुनिया भर के डाक टिकट संग्राहकों के लिए यह एक अमूल्य निधि की तरह है. वहीं, प्रवर अधीक्षक श्री यादव ने बताया कि इस विशेष आवरण का मूल्य रु.30/ रखा गया है. जिसे प्रधान डाकघर फैजाबाद से बिक्री की जाएगी.
पारम्परिक रामलीला का होगा प्रसार
डाक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस विशेष आवरण से विश्व में अयोध्या की पारंपरिक लीला का प्रसार होगा. जिससे भगवान राम की कथा को और अच्छे ढंग से लोग समझ सकेंगे कार्यक्रम के दौरान पोस्टमास्टर जनरल विवेक कुमार दक्ष, प्रवर अधीक्षक डाकघर आर.एन. यादव, मुख्य विपणन अधिकारी सत्येन्द्र प्रताप सिंह, अयोध्या शोध संस्थान निदेशक डॉ. लवकुश द्विवेदी भी मौजूद रहे.