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श्रीराम जन्मभूमि पर बहस मूर्खता का परिचय- महंत नृत्य गोपाल दास

उत्तर प्रदेश का चर्चित अयोध्या विवाद सुर्खियों में बना हुआ है. विवाद को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने विवाद की मध्यस्थता के लिए हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों को कहा था लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद अभी तक दोनों पक्षों में बात नहीं बन पाई है. इसी बात को लेकर श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और महंत नृत्य गोपाल दास ने एक बयान दिया है.

महंत नृत्य गोपाल दास .
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Published : Sep 27, 2019, 12:22 PM IST

अयोध्या : सुप्रीम कोर्ट में आए दिन सुन्नी वक्फ बोर्ड अपने बयान बदल रहा है. कभी कहता है कि राम चबूतरा ही जन्मभूमि स्थल है तो अगले ही दिन कोर्ट में अपनी ही कही बात से इनकार कर देता है. इस बात से अयोध्या के संतों में काफी रोष भी है. ऐसे बदलते बयानों से लगने लगा है कि फैसला राम जन्मभूमि के पक्ष में आ सकता है.

ईटीवी भारत से श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष ने की बातचीत.

ईटीवी भारत से श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष ने की बातचीत
इस मामले पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि राम अयोध्या के हर जगह हैं घट-घट में बसे हैं. प्रमाणित है कि राम यहीं जन्में हैं. यदि किसी और के पास कोई प्रमाण हो तो बताएं. उन्होंने कहा श्रीराम से ही दुनिया है उन्हीं के प्रताप से लोग हैं. हमें पूर्ण यकीन है जो लोग जन्मभूमि को बहस बनाते हैं इसे मुद्दा कहते हैं सिर्फ मूर्खता का परिचय देते हैं.

अयोध्य विवाद मामले में अंतिम सुनवाई 18 अक्टूबर को
श्री राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने मामले में अंतिम सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूर्ण कर लेने के लिए डेडलाइन दे दी है. इसके बाद से सभी की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई हैं. इस डेड लाइन में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि हम 18 अक्टूबर के बाद कोई सुनवाई नहीं करेंगे. उसके बाद सिर्फ फैसला होगा. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद से संतों में खास उत्साह है.

अयोध्या : सुप्रीम कोर्ट में आए दिन सुन्नी वक्फ बोर्ड अपने बयान बदल रहा है. कभी कहता है कि राम चबूतरा ही जन्मभूमि स्थल है तो अगले ही दिन कोर्ट में अपनी ही कही बात से इनकार कर देता है. इस बात से अयोध्या के संतों में काफी रोष भी है. ऐसे बदलते बयानों से लगने लगा है कि फैसला राम जन्मभूमि के पक्ष में आ सकता है.

ईटीवी भारत से श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष ने की बातचीत.

ईटीवी भारत से श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष ने की बातचीत
इस मामले पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि राम अयोध्या के हर जगह हैं घट-घट में बसे हैं. प्रमाणित है कि राम यहीं जन्में हैं. यदि किसी और के पास कोई प्रमाण हो तो बताएं. उन्होंने कहा श्रीराम से ही दुनिया है उन्हीं के प्रताप से लोग हैं. हमें पूर्ण यकीन है जो लोग जन्मभूमि को बहस बनाते हैं इसे मुद्दा कहते हैं सिर्फ मूर्खता का परिचय देते हैं.

अयोध्य विवाद मामले में अंतिम सुनवाई 18 अक्टूबर को
श्री राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने मामले में अंतिम सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूर्ण कर लेने के लिए डेडलाइन दे दी है. इसके बाद से सभी की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई हैं. इस डेड लाइन में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि हम 18 अक्टूबर के बाद कोई सुनवाई नहीं करेंगे. उसके बाद सिर्फ फैसला होगा. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद से संतों में खास उत्साह है.

Intro:अयोध्या. सुप्रीम कोर्ट में आए दिन सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड अपने बयान बदल रहा है, कभी कहते हैं कि, राम चबूतरा ही जन्मभूमि स्थल है,तो अगले ही दिन कोर्ट में अपनी ही कही बात से इनकार कर देते हैं। इस बात से अयोध्या के संतों में काफी रोष भी है, और ऐसे बदलते बयानों से लगने लगा है, की फैसला राम जन्मभूमि के पक्ष में आ सकता है। इस मामले पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष और महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि, राम अयोध्या के हर जगह हैं,घट घट में बसे हैं। प्रमाणित है कि, राम यहीं हुए किसी आरके पास कोई प्रमाण हो तो बताए। श्रीराम से ही दुनिया है, उन्हीं के प्रताप से लोग हैं। हमें पूर्ण यकीन है, जो लोग जन्मभूमि को बहस बनाते हैं, इसे मुद्दा कहते हैं,सिर्फ मूर्खता का परिचय देते हैं। Body: गौरतलब है कि श्री राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने मामले में अंतिम सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूर्ण कर लेने के लिए डेडलाइन दे दी है इसके बाद से सभी की निगाहें अब सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई हैं इस डेड लाइन में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है हम 18 अक्टूबर के बाद कोई सुनवाई नहीं करेंगे उसके बाद सिर्फ फैसला होगा ऐसे संतों में काफी खुशियां और जनमानस 1 बड़े फैसले के इंतजार की खुशी साफ देखी जा सकती है वही जो लोग फैसले को हटाना चाहते हैं वह बार-बार बयान बदलते हैं और मध्यस्थता की बातें करने लगे हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस कड़े रुख से अब सभी बैकफुट पर हैं।
Conclusion:Dinesh Mishra
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