अयोध्या: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने राम मंदिर भूमि पूजन के समय को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम आयोजित करने की अभी आवश्यकता नहीं थी. वहीं प्राचीन मठ तपस्वी जी की छावनी के पूर्व पीठाधीश्वर परमहंस दास ने राज ठाकरे के इस बयान की निंदा की है. परमहंस दास ने ईटीवी भारत से कहा है कि राम मंदिर भूमि पूजन के अनुष्ठान के दौरान दैवीय आपदा निवारण का योग है. ऐसे में कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने में सफलता मिलेगी.
राज ठाकरे की मानसिक संतुलन ठीक नहीं- परमहंस दास
भगवान राम की जन्म स्थली पर पांच अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम होने जा रहा है. इसके लिए हर स्तर पर तैयारियां अंतिम दौर में है. राम मंदिर भूमि पूजन को ऐतिहासिक क्षण बनाने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट जिला प्रशासन और अयोध्या नगर निगम प्रशासन की ओर से अयोध्या को सजाने संवारने का काम किया जा रहा है.
ऐसे में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कोरोना महामारी का हवाला देकर कहा है कि अभी राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता नहीं थी, देश की स्थिति सामान्य होने के बाद इसे आयोजित किया जा सकता था. उन्होंने कहा कि अभी लोगों की मानसिक स्थिति बिल्कुल अलग है. स्थितियां सामान्य होने पर इसे दो महीने बाद भी किया जा सकता था.
राज ठाकरे ने कहा है कि जब स्थिति सामान्य होती, तो इस अनुष्ठान का लोग आनंद उठा पाते. राज ठाकरे के इस बयान को लेकर अयोध्या की संत और धर्माचार्य परमहंस दास ने कहा है कि बाला साहब ठाकरे का राम मंदिर निर्माण के प्रति जो लगाव था, उसे भुलाया नहीं जा सकता है. वहीं अब राज ठाकरे इस सिद्धांत से भटक चुके हैं. उन्होंने कहा कि चाहे मनसे प्रमुख राज ठाकरे हों या शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, दोनों सिद्धांत से भटक चुके हैं. परमहंस दास ने कहा है कि राज ठाकरे का यह बयान निंदनीय है. उन्हें जनता से क्षमा मांगनी चाहिए. अगर वह अपनी गलती का प्रायश्चित नहीं करते तो जनता उन्हें इसकी सजा देगी.
भूमि पूजन के दिन आपदा निवारण योग
परमहंस दास ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि जिस दिन राम मंदिर का भूमि पूजन होना है, उस दिन आपदा निवारण योग बन रहा है. इस अनुष्ठान से कोरोना पर अंकुश लगाने में भी सफलता मिलेगी. मंत्र और आध्यात्मिक शक्तियों के द्वारा कोरोना का नियंत्रण किया जा सकेगा.
5 अगस्त को मनाएंगे सांस्कृतिक आजादी का दिवस
परमहंस दास ने कहा है कि पांच अगस्त को संस्कृति आजादी का दिवस मनाया जाएगा. पिछले वर्ष 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई थी. यह दिन देश की एकता और अखंडता का दिवस है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर भूमि पूजन लोगों को अपने घर में बैठकर इस अनुष्ठान का ऑनलाइन दर्शन करना चाहिए. इससे लोगों को दोगुना लाभ होगा. स्वास्थ्य और आध्यात्मिक अनुष्ठान के फल की प्राप्ति होगी. राम मंदिर भूमि पूजन से ऑनलाइन जुड़कर लोग मानसिक रूप से अयोध्या में ही रहेंगे. परमहंस दास ने कहा कि यह वैश्विक महामारी का समय है. ऐसे में लोगों को संयम बरतने की आवश्यकता है.
राम नगरी में विकास को मिलेगी नई दिशा
परमहंस दास ने कहा कि अयोध्या के राजा राम चक्रवर्ती सम्राट रहे हैं पूरे विश्व का शासन यहां से होता रहा है. यह आध्यात्मिक केंद्र है. ऐसे में वृहद स्तर पर यहां विकास योजनाओं की आवश्यकता है. परमहंस दास ने अयोध्या का विकास ऐसा होना चाहिए कि इस की चौरासी कोस की परिधि में कहीं से भी लोग प्रवेश करें तो उन्हें राम नगरी की भव्यता का एहसास हो.