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Blood Donation की यूपी में हकीकत बयां करता अयोध्या का एक मामला, पढ़ें पूरी कहानी

पैसों के लालच में गंभीर गुप्त रोग से पीड़ित युवक लगातार अयोध्या जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में करता रहा ब्लड डोनेट. जांच में हुआ खुलासा तो मचा हड़कंप. मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करके युवक की कराई जा रही है काउंसिलिंग.

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Published : Jan 22, 2023, 6:56 PM IST

अयोध्याः श्रीराम की नगरी अयोध्या में खून बेचकर रुपए कमाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में गंभीर गुप्त बीमारी से पीड़ित युवक ने रुपयों के लालच में दो महीने में छह बार ब्लड डोनेट कर दिया. ब्लड बैंक की जांच में जब युवक के सैंपल से गंभीर बीमारी सिफलिस के लक्षण मिले तो ब्लड बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों के भी हाथ पांव फूल गए. तत्काल ब्लड डोनेट करने वाले युवक की तलाश करने के बाद उससे पूछताछ की गई और उसकी काउंसलिंग की जा रही है. वहीं इस पूरे मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक कमेटी गठित कर दी है.

आखिर कैसे बार-बार ब्लड डोनेट करता रहा युवक
एक स्वस्थ व्यक्ति एक साल में अधिकतम चार बार अपना ब्लड डोनेट कर सकता है. लेकिन इस मामले में दो माह में ही छह बार ब्लड डोनेट करने का मामला सामने आया है. ब्लड बैंक के अधिकारियों के अनुसार अस्पताल में घूमने वाले कुछ दलाल यह पूरा रैकेट चला रहे हैं. इस युवक को भी पैसे का लालच देकर डोनेशन के लिए ब्लड बैंक लाया जाता था.

कैसे शुरू होता है ब्लड डोनेशन का खेल
जब किसी को आपात स्थिति में ब्लड की जरूरत पड़ती है तो सगे संबंधी या परिचित ब्लड बैंक में जाकर अपना ब्लड देते हैं और बदले में जिस ग्रुप का ब्लड चाहिए होता है वह ब्लड बैंक द्वारा दिया जाता है. खेल की शुरुआत यहीं से होती है. अस्पताल में घूम रहे दलाल ब्लड के जरूरतमंद से मिलते हैं और ब्लड दिलाने की बात करते हैं. एक बार सौदा तय हो गया तो ऐसे लोगों को बुलाया जाता है जिन्हें पैसे की आवश्यकता होती है. उनसे ब्लड डोनेट कराकर कुछ पैसा उनको दे देते हैं और बाकी पैसा खुद रख लेते हैं. इस मामले में भी यही कुछ निकल कर आया है.

यह भी पढ़ेंः बिहार के मंत्री के बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का रामचरित मानस पर आपत्तिजनक बयान, कहा- चौपाइयों में किया गया दलितों का अपमान

अयोध्याः श्रीराम की नगरी अयोध्या में खून बेचकर रुपए कमाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में गंभीर गुप्त बीमारी से पीड़ित युवक ने रुपयों के लालच में दो महीने में छह बार ब्लड डोनेट कर दिया. ब्लड बैंक की जांच में जब युवक के सैंपल से गंभीर बीमारी सिफलिस के लक्षण मिले तो ब्लड बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों के भी हाथ पांव फूल गए. तत्काल ब्लड डोनेट करने वाले युवक की तलाश करने के बाद उससे पूछताछ की गई और उसकी काउंसलिंग की जा रही है. वहीं इस पूरे मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक कमेटी गठित कर दी है.

आखिर कैसे बार-बार ब्लड डोनेट करता रहा युवक
एक स्वस्थ व्यक्ति एक साल में अधिकतम चार बार अपना ब्लड डोनेट कर सकता है. लेकिन इस मामले में दो माह में ही छह बार ब्लड डोनेट करने का मामला सामने आया है. ब्लड बैंक के अधिकारियों के अनुसार अस्पताल में घूमने वाले कुछ दलाल यह पूरा रैकेट चला रहे हैं. इस युवक को भी पैसे का लालच देकर डोनेशन के लिए ब्लड बैंक लाया जाता था.

कैसे शुरू होता है ब्लड डोनेशन का खेल
जब किसी को आपात स्थिति में ब्लड की जरूरत पड़ती है तो सगे संबंधी या परिचित ब्लड बैंक में जाकर अपना ब्लड देते हैं और बदले में जिस ग्रुप का ब्लड चाहिए होता है वह ब्लड बैंक द्वारा दिया जाता है. खेल की शुरुआत यहीं से होती है. अस्पताल में घूम रहे दलाल ब्लड के जरूरतमंद से मिलते हैं और ब्लड दिलाने की बात करते हैं. एक बार सौदा तय हो गया तो ऐसे लोगों को बुलाया जाता है जिन्हें पैसे की आवश्यकता होती है. उनसे ब्लड डोनेट कराकर कुछ पैसा उनको दे देते हैं और बाकी पैसा खुद रख लेते हैं. इस मामले में भी यही कुछ निकल कर आया है.

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