अयोध्याः सनातन धर्म की रक्षा और उसके प्रचार-प्रसार के लिए प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर से नागा संत समुदाय जुड़ा है. इनका सबसे बड़ा आयोजन नागापना महोत्सव है. इस बार यह महोत्सव दो दिवसीय ही होगा. इसका कारण देश में कोरोना वायरस का फिर से बढ़ रहा संक्रमण है. इसलिए इस कार्यक्रम को बहुत सूक्ष्म रखा गया है.
सैकड़ों युवा नागापना की शपथ लेंगे
इस कार्यक्रम में सैकड़ों युवा विधि-विधान पूर्वक नागापना की शपथ लेंगे. इसके साथ ही राम नगरी अयोध्या में 12 वर्ष के बाद उज्जैनिया और सागरिया पट्टी में नागा साधु बनाए जाने की परंपरा का निर्वहन किया जाएगा. सामान्यतः नागापना उत्सव 5 दिवसीय होता है, लेकिन वर्तमान में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ने के कारण इस बार यह महोत्सव दो दिवसीय होगा.
26 और 28 मार्च को होगा महोत्सव
इस वर्ष कोरोना के कारण यह महोत्सव मुख्यतः दो दिवसीय 26 और 28 मार्च को रखा गया है. सागरिया पट्टी के लिए चरण पादुका स्थान पर सैकड़ों की तादाद में युवा नागापना का संकल्प लेंगे. उज्जैनिया पट्टी के द्वारा हनुमानगढ़ी संस्कृत पाठशाला में नागापना का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसमें युवा नागापना का संकल्प लेंगे.
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महंत ज्ञानदास की अगुवाई में सरयू नदी में होगा शाही स्नान
अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष और सागरिया पट्टी के महंत ज्ञानदास के उत्तराधिकारी महंत संजय दास के अनुसार नागापना के लिए दो दिवसीय कार्यक्रम होगा. इस दौरान 26 मार्च को महंत ज्ञानदास की अगुवाई में सरयू नदी में शाही स्नान किया जाएगा. 28 मार्च को नागा की उपाधि धारण करने वाले साधु अखाड़े की ध्वज के नीचे जीवनपर्यन्त परम्परा के निर्वहन की शपथ लेंगे.