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कोरोना: अयोध्या की मस्जिदों में जुमे की नमाज स्थगित - lockdown in ayodhya

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में मुस्लिम धर्म गुरुओं ने लोगों से विशेष और समान्य नमाज अपने-अपने घरों में ही अदा करने की अपील की हैं.

zuma namaaz of mosques postponed
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Published : Apr 3, 2020, 11:06 PM IST

अयोध्या: कोरोना वायरस महामारी को लेकर सभी जाति समुदाय के धर्मगुरु अपने-अपने अनुयायियों और विचारधारा के लोगों से लॉकडाउन में पूर्णरूप से सहयोग करने की अपील कर रहे हैं. जिससे कि अधिक संख्या में लोगों को इन वायरस से संक्रमित होने से बचाया जा सके. इसी सिलसिले में जिले में मुस्लिम धर्म गुरुओं ने लोगों से विशेष और समान्य नमाज अपने-अपने घरों में ही अदा करने की अपील की हैं.


लॉकडाउन के चलते अयोध्या की सभी मस्जिदों में अब नवाजियों का प्रवेश बंद कर दिया गया है. शहर की सभी छोटी बड़ी मस्जिदों समेत ग्रामीण क्षेत्र की मस्जिदों को मौलवियों ने मुस्लिम समाज के लोगों से जुमे की नमाज न अदा करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि लोग अपने घरों पर जौहर की नमाज अदा करें. मौलवियों ने घोषणा की है कि नमाजियों को मस्जिद में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसी के साथ उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग (सामाजिक दूरी) भी बनाए रखने को कहा है.

लोगों से अपील करते मुस्लिम धर्म गुरू.
अयोध्या की टाटशाह मस्जिद के इमाम मौलाना मुफ्ती समसुल कादरी का कहना है कि वर्तमान समय में फैली महामारी से समाज की सुरक्षा करना सबका कर्तव्य है. ऐसे में लोगों को शासन और प्रशान के आदेश का पालन करना चाहिए. शरिया भी इस बात का समर्थन करता है. वहीं नूरानी मस्जिद के इमाम मौलाना इनायतुल्ला का कहना है कि स्वयं को बचाने से बढ़कर कोई भी इबादत नहीं है. उन्होंने कहा है कि मुस्लिम समाज को अपने घरों में रहना चाहिए. लोग जुमे के दिन जुमे नमाज न अदा करें.

इसे भी पढ़ें-यूपी में मिले कोरोना के 34 नए मरीज, 12 राजधानी लखनऊ से


बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकाबाल अंसारी ने कहा कि अगर सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों और भीड़भाड़ से दूर रहेंगे तो इस महामारी से मुक्ति मिल सकती है. शासन और प्रशासन दिन रात जनता की सुरक्षा में काम कर रहा है. ऐसे में समाज के लोगों का कर्तव्य बनता है कि वे अपने घरों में रहें और महामारी से देश को मुक्त करने में अपनी भूमिका अदा करें.

अयोध्या: कोरोना वायरस महामारी को लेकर सभी जाति समुदाय के धर्मगुरु अपने-अपने अनुयायियों और विचारधारा के लोगों से लॉकडाउन में पूर्णरूप से सहयोग करने की अपील कर रहे हैं. जिससे कि अधिक संख्या में लोगों को इन वायरस से संक्रमित होने से बचाया जा सके. इसी सिलसिले में जिले में मुस्लिम धर्म गुरुओं ने लोगों से विशेष और समान्य नमाज अपने-अपने घरों में ही अदा करने की अपील की हैं.


लॉकडाउन के चलते अयोध्या की सभी मस्जिदों में अब नवाजियों का प्रवेश बंद कर दिया गया है. शहर की सभी छोटी बड़ी मस्जिदों समेत ग्रामीण क्षेत्र की मस्जिदों को मौलवियों ने मुस्लिम समाज के लोगों से जुमे की नमाज न अदा करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि लोग अपने घरों पर जौहर की नमाज अदा करें. मौलवियों ने घोषणा की है कि नमाजियों को मस्जिद में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसी के साथ उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग (सामाजिक दूरी) भी बनाए रखने को कहा है.

लोगों से अपील करते मुस्लिम धर्म गुरू.
अयोध्या की टाटशाह मस्जिद के इमाम मौलाना मुफ्ती समसुल कादरी का कहना है कि वर्तमान समय में फैली महामारी से समाज की सुरक्षा करना सबका कर्तव्य है. ऐसे में लोगों को शासन और प्रशान के आदेश का पालन करना चाहिए. शरिया भी इस बात का समर्थन करता है. वहीं नूरानी मस्जिद के इमाम मौलाना इनायतुल्ला का कहना है कि स्वयं को बचाने से बढ़कर कोई भी इबादत नहीं है. उन्होंने कहा है कि मुस्लिम समाज को अपने घरों में रहना चाहिए. लोग जुमे के दिन जुमे नमाज न अदा करें.

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बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकाबाल अंसारी ने कहा कि अगर सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों और भीड़भाड़ से दूर रहेंगे तो इस महामारी से मुक्ति मिल सकती है. शासन और प्रशासन दिन रात जनता की सुरक्षा में काम कर रहा है. ऐसे में समाज के लोगों का कर्तव्य बनता है कि वे अपने घरों में रहें और महामारी से देश को मुक्त करने में अपनी भूमिका अदा करें.

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