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मेरे जैसे गरीब को अवार्ड देकर हर गरीब का सम्मान किया: मोहम्मद शरीफ

उत्तर प्रदेश के अयोध्या निवासी मोहम्मद शरीफ को उनके सामाजिक कार्यों के लिए पद्मश्री अवार्ड के लिए चुना गया है. इसकी जानकारी होने पर मोहम्मद शरीफ ने पीएम मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि मुझ जैसे गरीब को अवार्ड देकर उन्होंने हर गरीब का सम्मान किया.

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Published : Jan 26, 2020, 2:08 AM IST

Updated : Jan 27, 2020, 9:25 PM IST

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मोहम्मद शरीफ को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा.

अयोध्या: लावारिस शवों के वारिस मोहम्मद शरीफ को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा. मोहम्मद शरीफ अब तक 3000 हिन्दू और 2500 मुस्लिम लावारिश शवों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं. वह अयोध्या शहर के अलीबेग में रहते हैं. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनके बेटे की सुल्तानपुर में हत्या हुई थी. उसके बाद 30 साल पहले उन्होंने लावारिश शव के अंतिम संस्कार का प्रण लिया था.


मोहम्मद शरीफ ने पद्मश्री अवार्ड के लिए चुने जाने पर पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जैसा पूरी दुनिया में कोई इंसान नहीं. वह एक फरिश्ते की तरह हैं, जिन्होंने गरीबों के लिए काम किया है. पीएम मोदी के बारे में बताते हुए वह भावुक होते हुए बोले कि पीएम मोदी एकमात्र ऐसे हैं, जिन्होंने हम लोगों के दर्द को समझा है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते मोहम्मद शरीफ.


मोहम्मद शरीफ का कहना है कि उनके बेटे का कुछ साल पहले सुल्तानपुर में कत्ल हो गया था. वह मेडिकल का काम करता था. उसके बाद से मैंने हर एक लावारिस शव का अंतिम संस्कार अपने बेटे को मानकर ही किया है, क्योंकि मैं हर वक्त उसे याद करता हूं. मैं किसी शव का अंतिम संस्कार उसके धर्म को मानकर या देखकर नहीं करता.


उन्होंने बताया कि उनकी साइकिल की छोटी सी दुकान है और उसी से अपनी रोजी रोटी कमाते हैं. उन्होंने कहा कि इस अवार्ड की जानकारी मीडिया के माध्यम से ही हुई है और ईटीवी भारत के माध्यम से ही हुई है. मैं सभी का धन्यवाद देता हूं. अगर मीडिया ने मेरी आवाज वहां तक नहीं पहुंचाई होती, मेरे कामों को नहीं पहुंचाया होता, तो आज मुझे यह अवार्ड नहीं मिलता. मेरे जैसे गरीब व्यक्ति को अवार्ड दे करके उन्होंने हर गरीब का सम्मान किया है.

अयोध्या: लावारिस शवों के वारिस मोहम्मद शरीफ को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा. मोहम्मद शरीफ अब तक 3000 हिन्दू और 2500 मुस्लिम लावारिश शवों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं. वह अयोध्या शहर के अलीबेग में रहते हैं. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनके बेटे की सुल्तानपुर में हत्या हुई थी. उसके बाद 30 साल पहले उन्होंने लावारिश शव के अंतिम संस्कार का प्रण लिया था.


मोहम्मद शरीफ ने पद्मश्री अवार्ड के लिए चुने जाने पर पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जैसा पूरी दुनिया में कोई इंसान नहीं. वह एक फरिश्ते की तरह हैं, जिन्होंने गरीबों के लिए काम किया है. पीएम मोदी के बारे में बताते हुए वह भावुक होते हुए बोले कि पीएम मोदी एकमात्र ऐसे हैं, जिन्होंने हम लोगों के दर्द को समझा है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते मोहम्मद शरीफ.


मोहम्मद शरीफ का कहना है कि उनके बेटे का कुछ साल पहले सुल्तानपुर में कत्ल हो गया था. वह मेडिकल का काम करता था. उसके बाद से मैंने हर एक लावारिस शव का अंतिम संस्कार अपने बेटे को मानकर ही किया है, क्योंकि मैं हर वक्त उसे याद करता हूं. मैं किसी शव का अंतिम संस्कार उसके धर्म को मानकर या देखकर नहीं करता.


उन्होंने बताया कि उनकी साइकिल की छोटी सी दुकान है और उसी से अपनी रोजी रोटी कमाते हैं. उन्होंने कहा कि इस अवार्ड की जानकारी मीडिया के माध्यम से ही हुई है और ईटीवी भारत के माध्यम से ही हुई है. मैं सभी का धन्यवाद देता हूं. अगर मीडिया ने मेरी आवाज वहां तक नहीं पहुंचाई होती, मेरे कामों को नहीं पहुंचाया होता, तो आज मुझे यह अवार्ड नहीं मिलता. मेरे जैसे गरीब व्यक्ति को अवार्ड दे करके उन्होंने हर गरीब का सम्मान किया है.

Intro:भावुक होकर बोले पीएम मोदी ने हर गरीब का सम्मान किया

अयोध्या. लावारिस लाशों के वारिस मोहम्मद शरीफ को मिलेगा पद्मश्री अवार्ड।
अब तक 3000 हिन्दू और 2500 मुस्लिम लावारिश शवों का अंतिम संस्कार करवा चुके हैं। अयोध्या शहर मे अलीबेग में रहते है।
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान बताया उनके बेटे की सुल्तानपुर में हुई थी हत्या।30 साल पहले लावारिश शव के अंतिम संस्कार का प्रण लिया था।
मोहम्मद शरीफ ने पद्मश्री अवार्ड के लिए चुने जाने पर पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जैसा पूरी दुनिया में कोई इंसान नहीं वह एक फरिश्ते की तरह हैं जिन्होंने गरीबों के लिए और काम किया है पीएम मोदी के बारे में बताते हुए वह बहुत गंभीर और भावुक होते हुए कहते हैं कि वह एकमात्र ऐसे हैं जिन्होंने हम लोगों के दर्द को समझा है मोहम्मद शरीफ का कहना है कि उनके बेटे का कुछ साल पहले सुल्तानपुर में कत्ल हो गया था। वह मेडिकल का काम करता था उसके बाद से मैंने हर एक लावारिस लाश का अंतिम संस्कार अपने बेटे को मानकर ही किया है, क्योंकि मैं हर वक्त उसे याद करता हूं मैं किसी लाश का अंतिम संस्कार उसके धर्म को मानकर या देखकर नहीं करता मेरी साइकिल की छोटी सी दुकान है, मैं उसी से अपनी रोजी रोटी कमाता हूं। और काम करता हूं मुझे इस अवार्ड की जानकारी मीडिया के माध्यम से ही हुई है और ईटीवी भारत के माध्यम से ही हुई है, मैं सभी का धन्यवाद देता हूं। अगर मीडिया ने मेरी आवाज वहां तक नहीं पहुंचाई होती मेरे कामों को ने क्यों को नहीं पहुंचाया होता, तो आज मुझे यह अवार्ड नहीं मिलता। मेरे जैसे गरीब व्यक्ति को अवार्ड दे करके उन्होंने हर गरीब का सम्मान किया है।Body:कृपया लीजिए। Conclusion:लाइट नहीं थी ठीक।
Last Updated : Jan 27, 2020, 9:25 PM IST
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