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भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए 12 अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठेंगे महंत परमहंस दास

पांच दिवसीय चलने वाले 'मोदी की चाय' कार्यक्रम का बुधवार को समापन किया गया. कार्यक्रम के समापन के अवसर पर साधु संतों ने केंद्र सरकार से मांग की कि काशी और मथुरा पर प्रयास तेज करें और उसे भी मुक्त कराया जाना चाहिए.

अनशन पर बैठेंगे महंत परमहंस दास
अनशन पर बैठेंगे महंत परमहंस दास
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Published : Sep 23, 2020, 2:30 PM IST

अयोध्या: धर्मनगरी अयोध्या में बुधवार को जगतगुरु परमहंस आचार्य द्वारा किए जा रहे पांच दिवसीय 'मोदी की चाय' कार्यक्रम का समापन हुआ. इस खास आयोजन में 5 दिनों तक अलग-अलग स्थानों पर साधु संतों और स्थानीय लोगों को चाय पिलायी गयी. संतों ने चाय पीकर इस पांच दिवसीय अनोखे आयोजन का समापन किया. इस दौरान संतों ने मांग की है कि अब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू हो गया है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अब मथुरा और काशी के बारे में सोचना चाहिए और उसे भी मुक्त कराया जाना चाहिए.

अनशन पर बैठेंगे महंत परमहंस दास
बातचीत के दौरान जगदगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि सदियों से हमारी संस्कृति को कुचलने का कुचक्र किया गया. हमारे मंदिरों को, हमारे धार्मिक स्थलों को क्षति पहुंचाई गई. जिस प्रकार से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन करना पड़ा, तब जाकर राम मंदिर का निर्माण शुरू हो सका. उसी प्रकार से मथुरा काशी के लिए भी संघर्ष ना करना पड़े इसके लिए जरूरी है कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए. इस विषय को लेकर वह स्वयं 12 अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठेंगे. इस विषय की जानकारी उन्होंने पत्र द्वारा देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को दे दी है. यह आमरण अनशन 12 अक्टूबर से तपस्वी छावनी में शुरू होगा.बता दें कि जगतगुरु परमहंस दास इससे पूर्व भी राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में 12 दिन तक और प्रयाग महाकुंभ में 17 दिन तक आमरण अनशन कर चुके हैं. अयोध्या में अनशन के दौरान उनका यह कार्यक्रम बेहद चर्चा में रहा और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को स्वयं दखल देकर इस अनशन को समाप्त कराना पड़ा था. वहीं उनके इस नए अनशन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.

अयोध्या: धर्मनगरी अयोध्या में बुधवार को जगतगुरु परमहंस आचार्य द्वारा किए जा रहे पांच दिवसीय 'मोदी की चाय' कार्यक्रम का समापन हुआ. इस खास आयोजन में 5 दिनों तक अलग-अलग स्थानों पर साधु संतों और स्थानीय लोगों को चाय पिलायी गयी. संतों ने चाय पीकर इस पांच दिवसीय अनोखे आयोजन का समापन किया. इस दौरान संतों ने मांग की है कि अब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू हो गया है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अब मथुरा और काशी के बारे में सोचना चाहिए और उसे भी मुक्त कराया जाना चाहिए.

अनशन पर बैठेंगे महंत परमहंस दास
बातचीत के दौरान जगदगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि सदियों से हमारी संस्कृति को कुचलने का कुचक्र किया गया. हमारे मंदिरों को, हमारे धार्मिक स्थलों को क्षति पहुंचाई गई. जिस प्रकार से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन करना पड़ा, तब जाकर राम मंदिर का निर्माण शुरू हो सका. उसी प्रकार से मथुरा काशी के लिए भी संघर्ष ना करना पड़े इसके लिए जरूरी है कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए. इस विषय को लेकर वह स्वयं 12 अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठेंगे. इस विषय की जानकारी उन्होंने पत्र द्वारा देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को दे दी है. यह आमरण अनशन 12 अक्टूबर से तपस्वी छावनी में शुरू होगा.बता दें कि जगतगुरु परमहंस दास इससे पूर्व भी राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में 12 दिन तक और प्रयाग महाकुंभ में 17 दिन तक आमरण अनशन कर चुके हैं. अयोध्या में अनशन के दौरान उनका यह कार्यक्रम बेहद चर्चा में रहा और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को स्वयं दखल देकर इस अनशन को समाप्त कराना पड़ा था. वहीं उनके इस नए अनशन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.
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