अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद सोमवार की दोपहर एयर एम्बुलेंस से अयोध्या पहुंचे. अयोध्या एयरपोर्ट पर जिलाधिकारी अनुज कुमार झा सहित जिला प्रशासन के तमाम अधिकारियों और साधु-संतों ने महंत नृत्य गोपाल दास का स्वागत किया. नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास सहित संघ और विहिप के कई अन्य नेता भी इस दौरान मौजूद रहे.
महंत नृत्य गोपाल दास को एम्बुलेंस से ही उनके आश्रम मणिराम दास छावनी सकुशल पहुंचा दिया गया है. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे. मीडिया को दूर ही रखा गया.
- श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं महंत नृत्य गोपाल दास.
- 13 अगस्त को मथुरा में हुए थे कोरोना से संक्रमित.
- गुरुग्राम के के मेदांता अस्पताल में चल रहा था इलाज.
- अयोध्या पहुंचने पर महंत नृत्य गोपाल दास का साधु-संतों ने किया स्वागत.
मणिराम दास छावनी के महंत और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास बीते 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अयोध्या में राम जन्मभूमि के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इसके 2 दिन बाद वह कृष्ण जन्माष्टमी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मथुरा गए थे. इसी दौरान वे कोरोना संक्रमित हो गए और 13 अगस्त को स्वास्थ्य खराब होने के बाद उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मेदांता अस्पताल में करीब 3 हफ्ते तक स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से अयोध्या पहुंचाया गया. एयरपोर्ट पर विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के नेतृत्व में अयोध्या के वरिष्ठ संतों ने महंत नृत्य गोपाल दास की अगुवाई की, जिसके बाद उन्हें एंबुलेंस के द्वारा ही उनके आश्रम मणिराम दास पहुंचा दिया गया.
महंत नृत्य गोपाल दास स्वस्थ होकर अयोध्या लौटे हैं. उनकी आयु को देखते हुए अभी उन्हें कुछ और दिन आइसोलेट रखा जाएगा. स्वास्थ्य विभाग उनके स्वास्थ्य का परीक्षण करता रहेगा.
-अनुज कुमार झा, जिलाधिकारी
बताते चलें कि राम मंदिर निर्माण की शुरुआत को लेकर राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र सोमवार देर शाम अयोध्या पहुंचेंगे, जिसके बाद वह महंत नृत्य गोपाल दास से भी मुलाकात कर सकते हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि इसी सप्ताह में एल एंड टी के इंजीनियरों के साथ वार्तालाप के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए नींव की खुदाई का काम भी शुरू हो सकता है.