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अयोध्या: रामलला के अस्थाई गर्भगृह में हनुमान जी की नई प्रतिमा की स्थापना - अयोध्या खबर

यूपी के अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर के अस्थाई भवन में भगवान श्री रामलला के बाद हनुमान जी की प्रतिमा विधि विधान पूर्वक स्थापित कराई गई. पूर्व में स्थापित प्रतिमा को खंडित होने के कारण सरयू नदी में विसर्जित कर दिया गया.

रामलला के अस्थाई गर्भगृह में भगवान हनुमान जी की नई प्रतिमा की स्थापना.
रामलला के अस्थाई गर्भगृह में भगवान हनुमान जी की नई प्रतिमा की स्थापना.
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Published : Apr 12, 2020, 10:00 PM IST

अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के गर्भगृह में विराजमान हनुमान जी के खंडित विग्रह को सरयू नदी में प्रवाहित कर दिया है. उसके स्थान पर नई प्रतिमा की स्थापना की गई है.

रामलला समेत अस्थाई गर्भगृह में कुल छह विग्रह स्थापित किए गए हैं. हनुमान जी की खंडित विग्रह समेत सभी ग्रहों को ट्रस्ट ने एक साथ अस्थाई गर्भगृह में शिफ्ट किया था, जिसके बाद अब हनुमान जी के खंडित विग्रह को यहां से सरयू नदी में प्रवाहित करने के बाद उसके स्थान पर गर्भगृह में नई प्रतिमा स्थापित की गई है.

रामलला के अस्थाई गर्भगृह में भगवान हनुमान जी की नई प्रतिमा की स्थापना.
रामलला के अस्थाई गर्भगृह में भगवान हनुमान जी की नई प्रतिमा की स्थापना.

ट्रस्ट के पदाधिकारियों के अनुसार खंडित प्रतिमा की पूजा नहीं की जा सकती. वहीं सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार जब तक अयोध्या का विवाद चला तब तक इसे हटाया नहीं जा सका था. अब व्यवस्था ट्रस्ट के हाथ में है, तो ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने हनुमान जी के नए विग्रह की स्थापना की है.

इसे भी पढ़ें-लॉकडाउन और रामनवमी को लेकर सोशल मीडिया पर की थी भ्रामक पोस्ट, गिरफ्तार

अयोध्या विवाद की वजह से नहीं बदला जा सका था विग्रह
आपको बता दें कि वर्ष 1992 में अयोध्या विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार यथास्थिति बरकरार रखी गई थी. रामलला के घर में पूजा के अतिरिक्त किसी भी नए कार्य को करने की अनुमति नहीं थी. यहां तक कि केंद्र को भी सुप्रीम कोर्ट के अनुमत के आधार पर ही बदला जाता था. हालांकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खंडित विग्रह की पूजा करना धर्म सम्मत नहीं है, इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर हनुमान जी की खंडित प्रतिमा की पूजा अब तक की जा रही थी.

रामलला के अस्थाई गर्भगृह में भगवान हनुमान जी की नई प्रतिमा की स्थापना.
रामलला के अस्थाई गर्भगृह में भगवान हनुमान जी की नई प्रतिमा की स्थापना.

खंडित विग्रह बदलने से पहले अस्थाई गर्भगृह स्थापित
अयोध्या विवाद का निपटारा होने के बाद अब राम जन्मभूमि परिसर की व्यवस्था श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के हाथ में है. हनुमान जी की खंडित प्रतिमा प्रवाहित करने से पहले ट्रस्ट में अत्याधुनिक अस्थाई गर्भगृह श्री राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित किया है, जिसमें रामलला के नए मंदिर में स्थापित किए जाने वाले सभी विग्रहों को स्थापित किया गया है.

अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला के गर्भगृह में विराजमान हनुमान जी के खंडित विग्रह को सरयू नदी में प्रवाहित कर दिया है. उसके स्थान पर नई प्रतिमा की स्थापना की गई है.

रामलला समेत अस्थाई गर्भगृह में कुल छह विग्रह स्थापित किए गए हैं. हनुमान जी की खंडित विग्रह समेत सभी ग्रहों को ट्रस्ट ने एक साथ अस्थाई गर्भगृह में शिफ्ट किया था, जिसके बाद अब हनुमान जी के खंडित विग्रह को यहां से सरयू नदी में प्रवाहित करने के बाद उसके स्थान पर गर्भगृह में नई प्रतिमा स्थापित की गई है.

रामलला के अस्थाई गर्भगृह में भगवान हनुमान जी की नई प्रतिमा की स्थापना.
रामलला के अस्थाई गर्भगृह में भगवान हनुमान जी की नई प्रतिमा की स्थापना.

ट्रस्ट के पदाधिकारियों के अनुसार खंडित प्रतिमा की पूजा नहीं की जा सकती. वहीं सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार जब तक अयोध्या का विवाद चला तब तक इसे हटाया नहीं जा सका था. अब व्यवस्था ट्रस्ट के हाथ में है, तो ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने हनुमान जी के नए विग्रह की स्थापना की है.

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अयोध्या विवाद की वजह से नहीं बदला जा सका था विग्रह
आपको बता दें कि वर्ष 1992 में अयोध्या विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार यथास्थिति बरकरार रखी गई थी. रामलला के घर में पूजा के अतिरिक्त किसी भी नए कार्य को करने की अनुमति नहीं थी. यहां तक कि केंद्र को भी सुप्रीम कोर्ट के अनुमत के आधार पर ही बदला जाता था. हालांकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खंडित विग्रह की पूजा करना धर्म सम्मत नहीं है, इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर हनुमान जी की खंडित प्रतिमा की पूजा अब तक की जा रही थी.

रामलला के अस्थाई गर्भगृह में भगवान हनुमान जी की नई प्रतिमा की स्थापना.
रामलला के अस्थाई गर्भगृह में भगवान हनुमान जी की नई प्रतिमा की स्थापना.

खंडित विग्रह बदलने से पहले अस्थाई गर्भगृह स्थापित
अयोध्या विवाद का निपटारा होने के बाद अब राम जन्मभूमि परिसर की व्यवस्था श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के हाथ में है. हनुमान जी की खंडित प्रतिमा प्रवाहित करने से पहले ट्रस्ट में अत्याधुनिक अस्थाई गर्भगृह श्री राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित किया है, जिसमें रामलला के नए मंदिर में स्थापित किए जाने वाले सभी विग्रहों को स्थापित किया गया है.

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