अयोध्याः व्याख्यान को संबोधित करते हुए डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने बताया कि पत्रकारिता एक सृजन की विधा है. इसके लिए छात्रों को निरंतर अध्ययन कर सामयिक विषयों से अपडेट रहना होगा. कार्य के प्रति सचेत रहकर मूल्यों का संरक्षण आवश्यक है. पत्रकारिता अन्य कार्य क्षेत्र से बिल्कुल अलग विधा है.
अनुभवी लेखकों, साहित्यकारों, पत्रकारों का अनुसरण करना आवश्यक
इसके लिए विद्यार्थियों को सकारात्मक रहकर अनुभवी लेखकों, साहित्यकारों, पत्रकारों का अनुसरण करना आवश्यक है. तभी परिपक्वता की तरफ बढ़ पाएंगे. स्वयं को ज्ञानवान समझना बड़ी भूल हो सकती है. पत्रकारिता में कड़ी मेहनत ही सफलता का मूल मंत्र है.
पत्रकारिता के क्षेत्र में अवसर के नए परिवेश का नियम का निर्माण
डाॅ. राठौर ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में अवसर के नए परिवेश का नियम का निर्माण हो रहा है. इसके लिए तकनीकी ज्ञान होना आवश्यक है. वर्तमान परिवेश के पत्रकारिता दिनों दिन तकनीक आधारित हो रही है.
पत्रकारिता में निरंतर परिश्रम एवं संकल्प से लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विभाग के समन्वयक डॉ. विजयेन्दु चतुर्वेदी ने कहा कि पत्रकारिता में निरंतर परिश्रम एवं संकल्प से लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है. इसमें कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है. पत्रकारिता के क्षेत्र में हो रहे बदलाव ने अवसरों को जन्म दे रहे हैं.
भाषा विज्ञान पर छात्रों को कठिन परिश्रम कर शाब्दिक त्रुटियों से बचना चाहिए
स्वागत उद्बोधन में डॉ. राजेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि आज की पत्रकारिता में कंप्यूटर ज्ञान एक आवश्यक योग्यता है. भाषा विज्ञान पर छात्रों को कठिन परिश्रम कर शाब्दिक त्रुटियों से बचना चाहिए. कार्यक्रम में अतिथि का स्वागत विभाग के शिक्षक डॉ. राज नारायण पांडे एवं डॉ. अनिल कुमार विश्वा ने स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र प्रदान कर किया. इस अवसर पर अंकिता, आशुतोष, शशांक, अंशुमान, सचिन, गीतांजलि, प्रतिष्ठा, यशू शुक्ला शिवम पांडे, हर्षित मौर्य, चंद्रभूषण, ज्योति, अपराजिता, अभिषेक मिश्र, हिमांशी सिंह, रोशनी सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे.