अयोध्याः 14 वर्षों के वनवास के बाद माता जानकी और भ्राता लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे मर्यादा पुरुषोत्तम राम के स्वागत में अयोध्या का कण-कण उल्लसित हो उठा है. सरयू हिलोरे लेने लगी है तो यहां की वनस्पतियां हरी-भरी हो गई हैं. सरयू स्नान घाटों से लेकर रामलला की चौखट तक हजारों मंदिरों में लाखों की संख्या में दीपक जलाए गए हैं. मंदिरों में भगवान राम, जानकी, लक्ष्मण आदि देव विग्रहों की भव्य सजावट की गई है.
मंदिरों की देव विग्रहों की भव्य सजावट
सरयू स्नान घाटों से लेकर रामलला की चौखट तक हजारों मंदिरों में लाखों की संख्या में दीपक जलाए गए हैं. मंदिरों में भगवान राम, जानकी, लक्ष्मण आदि देव विग्रहों की भव्य सजावट की गई है. श्रीराम जन्मभूमि मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने रामलला के दरबार में परंपरागत दीप जलाए गए. इसी तरह मणिराम छावनी, श्रीरामवल्लभा कुंज, कनक भवन, हनुमानगढ़ी, दशरथ महल, सियाराम किला, लक्ष्मण किला, अशर्फी भवन, उत्तर तोताद्रि मठ, गोकुल भवन, विजय राघव मंदिर, राम हर्षण कुंज, मन्त्रार्थ मंडपम, तिवारी जी का मंदिर, सनकादिक आश्रम, वेद मन्दिर, भगवान रामचरितमानस भवन आदि मंदिरों में भव्य सजावट के बीच लाखों दीपों के आलोक में अनुपम छटा बिखेर रही है.
सप्त रंगों से विभूषित अयोध्या
धरती से आसमान तक सप्त रंगों से विभूषित अयोध्या का कोना-कोना उल्लास से भर उठा है. इस बीच कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में हनुमान जयंती धूमधाम से मनाई गई. मध्य रात्रि होते ही घंटे घड़ियाल और शंखध्वनि के बीच श्री हनुमान जी का प्राकट्य हुआ. नाका हनुमानगढ़ी में महंत रामदास की देखरेख में यह पर्व मनाया गया. इसी तरह अयोध्या के दर्जनों हनुमान मंदिर हनुमान वाटिका श्रीरामवल्लभाकुंज में पर्व की धूम रही.
अयोध्या एडवर्ड तीर्थ विवेचिनी सभा के अध्यक्ष और श्रीरामवल्लभा कुंज मंंदिर के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास ने बताया कि भगवान श्रीराम के अयोध्या पहुंचने के उपलक्ष में संतों-गृहस्थों द्वारा दिवाली मनाई गई. भगवान के स्वागत में सोमवार को सभी मंदिरों में अन्नकूट का पर्व मनाया जाएगा. इस अवसर पर भगवान को विविध प्रकार के व्यंजनों का भोग परंपरागत लगाया जाएगा. श्रद्धालु भगवान का प्रसाद पाने के लिए आतुर हैं.