अयोध्या : बसपा के ब्राह्मण समाज को लामबंद करने की कोशिशों को शुरुआती दौर में ही झटका लग गया है. बसपा सुप्रीमो मायावती इस खास अभियान की शुरुआत अयोध्या से करने वाली थीं.
इसके लिए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को अयोध्या कार्यक्रम में शामिल होने के निर्देश मिले थे लेकिन कार्यक्रम आयोजन को लेकर कोरोना प्रोटोकॉल की बात कहकर इसकी अनुमति नहीं दी गयी है. हालांकि एक छोटी गोष्ठी की अनुमति होगी जिसमें अधिकतम 50 लोग ही शामिल हो पाएंगे.
दरअसल, बसपा सुप्रीमो मायावती के ब्राह्मण सम्मेलन कार्यक्रम के जरिए ब्राह्मण समाज को लामबंद करने की कोशिशें की जा रहीं हैं. इसके लिए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को अयोध्या में आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रम में शामिल होने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन पहले तो जिला प्रशासन ने कार्यक्रम आयोजन की अनुमति देने से मना कर दिया और फिर कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए सिर्फ 50 लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दी.
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ऐसे में बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज को इस कार्यक्रम में बुलाने का बसपा का प्रयास असफल होता नजर आ रहा है. वहीं, अब इस कार्यक्रम का नाम भी ब्राह्मण सम्मेलन की जगह प्रबुद्ध समाज के सम्मान सुरक्षा व तरक्की की संगोष्ठी के रूप में कर दिया गया है.
23 जुलाई को अयोध्या से विधानसभा चुनाव की रणनीति पर शुरू होगा काम
बहुजन समाज पार्टी 23 जुलाई शुक्रवार को अयोध्या से विधानसभा चुनाव की रणनीति का आगाज करेगी. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ब्राह्मण सम्मेलन को संबोधित करेंगे. कार्यक्रम में शामिल नेताओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन व मास्क लगाना अनिवार्य होगा.
बसपा का यह सम्मेलन हाईवे स्थित तारा जी रिजॉर्ट में हो रहा है. 23 जुलाई को एक बजे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा अयोध्या पहुंचेंगे. कार्यक्रम स्थल पर तैयारियों का जायजा ले रहे सम्मेलन आयोजक बसपा नेता करुणाकर पांडे ने कहा कि जब से भाजपा सरकार आई है, तब से ब्राह्मणों पर ज्यादा अत्याचार हुए हैं. अयोध्या भगवान राम की नगरी है. ये असत्य पर सत्य की जीत की नगरी है. इसलिए सत्य के लिए अयोध्या से इसकी शुरुआत की जा रही है.