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भारत और कोरिया के प्रगाढ़ रिश्ते का साक्षी बनेगी अयोध्या, खुलेगा कोरियाई संस्कृति अध्ययन केंद्र - कोरियाई संस्कृति केंद्र की स्थापना

अयोध्या और कोरिया के रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं. शायद इसी के चलते अयोध्या में कोरिया की महारानी हौ के स्मारक का विकास किया जा रहा है. इसी क्रम में भारत कोरिया के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में कोरियाई संस्कृति केंद्र खुलने जा रहा है.

राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय
राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय
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Published : Jan 3, 2020, 8:36 AM IST

अयोध्याः भारत और कोरियो के रिश्तों को और मजबूत करने के लिए कोरिया अवध विश्वविद्यालय में कोरियाई संस्कृत केंद्र खोलने जा रहा है. अवध विश्वविद्यालय के कार्य परिषद के सदस्य ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि विश्वविद्यालय की ओर से की गई पहल पर कोरियाई सरकार ने रिस्पांस दिया है. अगले महीने कोरिया के सांस्कृतिक प्रतिनिधि अवध विश्वविद्यालय आएंगे और कुलपति से मुलाकात करेंगे. अवध विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय होगा, जो कोरिया से संस्कृति विषय पर एमओयू करेगा.

अवध विश्वविद्यालय में खुलेगा कोरियाई संस्कृति केंद्र.

राजकुमारी सुरी रत्ना के विवाह को लेकर मान्यता
कोरिया के साथ अयोध्या का संबंध प्रगाढ़ रहा है. कोरियावासी मानते हैं कि अयोध्या की राजकुमारी हौ ने कोरिया में कारक राज्य के संस्थापक किम सूरो से विवाह किया था. मान्यता है कि अयोध्या (साकेत) राजकुमारी सुरी रत्ना आज से करीब 2 हजार वर्ष पूर्व दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांग प्रांत के किमहरे शहर पहुंची थीं. उन्होंने वहां के राजा किम सूरो से विवाह कर लिया था.

चीनी भाषा दस्तावेज में अयोध्या और कोरिया के संबंध का जिक्र
चीनी भाषा में दर्ज दस्तावेज सामगुक युसा में इस बात का जिक्र है कि राजकुमारी सुरीरत्ना के पिता के स्वप्न में आकर ईश्वर ने निर्देश दिया था कि वे अपनी बेटी को दक्षिण कोरिया भेजें, जहां उसका विवाह राजा सूरो से होगा. ईश्वर के निर्देश पर राजकुमारी सुरीरत्ना दक्षिण कोरिया पहुंची.

अयोध्या राजवंश से जुड़े किसी दस्तावेज में संबंध का प्रमाण नहीं
अयोध्या के राजवंश के प्राप्त दस्तावेजों में इस बात कोई जिक्र नहीं है कि यहां की किसी राजकुमारी ने कोरिया में विवाह किया था. वहीं कोरिया से एक दल हर वर्ष अयोध्या पहुंचता है और सरयू नदी के किनारे बने महारानी हौ के स्मारक पर मत्था टेककर उन्हें याद करता है.

कोरिया की मान्यता पर सरकार ने दिया बल
कोरिया की मान्यता को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने महारानी हौ के स्मारक स्थल को विकसित करने का बीड़ा उठाया है. स्मारक स्थल के सामने कोरियाई पार्क बनाया जा रहा है. राजधानी दिल्ली स्थित कोरियाई संस्कृति केंद्र की सहायता से अब डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय परिसर में कोरियाई संस्कृति केंद्र स्थापित किया जाएगा. इस संबंध में विश्विविद्यालय के अकादमिक सलाहकार डॉ. अरुण कुमार पाण्डेय ने कोरियाई सरकार के संस्कृति अध्ययन केंद्र के निदेशक कुम प्योंग से मुलाकात की है.

अयोध्याः भारत और कोरियो के रिश्तों को और मजबूत करने के लिए कोरिया अवध विश्वविद्यालय में कोरियाई संस्कृत केंद्र खोलने जा रहा है. अवध विश्वविद्यालय के कार्य परिषद के सदस्य ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि विश्वविद्यालय की ओर से की गई पहल पर कोरियाई सरकार ने रिस्पांस दिया है. अगले महीने कोरिया के सांस्कृतिक प्रतिनिधि अवध विश्वविद्यालय आएंगे और कुलपति से मुलाकात करेंगे. अवध विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय होगा, जो कोरिया से संस्कृति विषय पर एमओयू करेगा.

अवध विश्वविद्यालय में खुलेगा कोरियाई संस्कृति केंद्र.

राजकुमारी सुरी रत्ना के विवाह को लेकर मान्यता
कोरिया के साथ अयोध्या का संबंध प्रगाढ़ रहा है. कोरियावासी मानते हैं कि अयोध्या की राजकुमारी हौ ने कोरिया में कारक राज्य के संस्थापक किम सूरो से विवाह किया था. मान्यता है कि अयोध्या (साकेत) राजकुमारी सुरी रत्ना आज से करीब 2 हजार वर्ष पूर्व दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांग प्रांत के किमहरे शहर पहुंची थीं. उन्होंने वहां के राजा किम सूरो से विवाह कर लिया था.

चीनी भाषा दस्तावेज में अयोध्या और कोरिया के संबंध का जिक्र
चीनी भाषा में दर्ज दस्तावेज सामगुक युसा में इस बात का जिक्र है कि राजकुमारी सुरीरत्ना के पिता के स्वप्न में आकर ईश्वर ने निर्देश दिया था कि वे अपनी बेटी को दक्षिण कोरिया भेजें, जहां उसका विवाह राजा सूरो से होगा. ईश्वर के निर्देश पर राजकुमारी सुरीरत्ना दक्षिण कोरिया पहुंची.

अयोध्या राजवंश से जुड़े किसी दस्तावेज में संबंध का प्रमाण नहीं
अयोध्या के राजवंश के प्राप्त दस्तावेजों में इस बात कोई जिक्र नहीं है कि यहां की किसी राजकुमारी ने कोरिया में विवाह किया था. वहीं कोरिया से एक दल हर वर्ष अयोध्या पहुंचता है और सरयू नदी के किनारे बने महारानी हौ के स्मारक पर मत्था टेककर उन्हें याद करता है.

कोरिया की मान्यता पर सरकार ने दिया बल
कोरिया की मान्यता को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने महारानी हौ के स्मारक स्थल को विकसित करने का बीड़ा उठाया है. स्मारक स्थल के सामने कोरियाई पार्क बनाया जा रहा है. राजधानी दिल्ली स्थित कोरियाई संस्कृति केंद्र की सहायता से अब डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय परिसर में कोरियाई संस्कृति केंद्र स्थापित किया जाएगा. इस संबंध में विश्विविद्यालय के अकादमिक सलाहकार डॉ. अरुण कुमार पाण्डेय ने कोरियाई सरकार के संस्कृति अध्ययन केंद्र के निदेशक कुम प्योंग से मुलाकात की है.

Intro:अयोध्या: राम नगरी और कोरिया का रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं. शायद इसी के चलते अयोध्या में कोरिया की महारानी हौ को स्मारक का विकास किया जा रहा है. यह पार्क बनकर तैयार नहीं हुआ कि भारत कोरिया के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए एक और कदम बढ़ा रहा है. अब अयोध्या स्थित राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में कोरियाई संस्कृति केंद्र खुलने जा रहा है.
Body:अयोध्या की राजकुमारी सुरी रत्ना के विवाह को लेकर मान्यता
कोरिया के साथ अयोध्या का प्रगाढ़ संबंध रहा है. यह बात कोरियावासी मानते हैं. उनके धार्मिक मान्यताओं मे अयोध्या का प्रमुख स्थान दिया जाता है. कोरियावासी मानते हैं कि अयोध्या की राजकुमारी हौ ने कोरिया में कारक राज्य के संस्थापक किम सूरो से विवाह किया था. वहां की मान्यता है कि अयोध्या (साकेत) राजकुमारी सुरी रत्ना आज से करीब 2 हजार वर्ष पूर्व दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांग प्रांत के किमहरे शहर पहुंची थी. उन्होंने वहां के राज किम सूरो से विवाह कर लिया था.

चीनी भाषा के दस्तावेज में अयोध्या और कोरिया के संबंध का है जिक्र
चीनी भाषा में दर्ज दस्तावेज सामगुक युसा में इस बात का जिक्र है कि राजकुमारी सुरीरत्ना के पिता के स्वप्न में आकर ईश्वर ने निर्देश दिया था कि वे अपनी बेटी को दक्षिण कोरिया भेजें. जहां उसका विवाह राजा सूरो से होगा. ईश्वर के निर्देश पर राजकुमारी सुरीरत्ना दक्षिण कोरिया पहुंची और उन्होंने कारक वंश के राजा किम सूरो से विवाह किया.

अयोध्या के राजवंश से जुड़े किसी दस्तावेज में अयोध्या और दक्षिण को बीच संबंध का प्रमाण नहीं
अयोध्या के राजवंश के प्राप्त दस्तावेजों में इस बात कोई जिक्र नहीं है कि यहां की किसी राजकुमारी ने कोरिया में विवाह किया mnथा. वहीं कोरिया से एक दल हर वर्ष अयोध्या पहुंचता है और सरयू नदी के किनारे बने महारानी हौ के स्मारक पर मत्था टेककर उन्हें याद करता है.

कोरिया की मान्यता पर सरकार ने दिया बल
कोरिया की मान्यता को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने महारानी हौ के स्मारक स्थल को विकसित करने का बीड़ा उठाया है. स्मारक स्थल के सामने कोरियाई पार्क बनाया जा रहा है. यह पार्क बनकर अभी तैयार नहीं हुआ है कि भारत ने कोरिया के साथ अपने रिश्तों को मजबूती देने के लिए एक और कदम बढ़ाया है. राजधानी दिल्ली स्थित कोरियाई संस्कृति केंद्र की सहायता से अब डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय परिसर में कोरियाई संस्कृति केंद्र स्थापित किया जाएगा. इस संबंध में विश्विद्यालय के अकादमिक सलाहकार डॉ. अरुण कुमार पाण्डेय ने कोरियाई सरकार के संस्कृति अध्ययन केंद्र के निदेशक कुम प्योंग से मुलाकात की है.
Conclusion:अवध विश्वविद्यालय के कार्य परिषद के सदस्य ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि विवि की ओर से की गई इस पहल पर कोरियाई सरकार ने त्वरित रिस्पांस दिया है. अगले महीने कोरिया की सरकार के सांस्कृतिक प्रतिनिधि अवध विश्वविद्यालय आएंगे. यह टीम विवि के कुलपति से मुलाकात करेगी. उनके स्वागत के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. विवि कार्य परिषद के सदस्य ओम प्रकाश सिंह ने कहा की यह अयोध्या के लिए गौरव की बात है कि अवध विश्वविद्यालय प्रदेश का ऐसा पहल विवि होगा जो कोरिया से सांस्कति विषय पर एमओयू करेगा.

बाइट- ओम प्रकाश सिंह, कार्य परिषद सदस्य, अवध विश्वविद्यालय
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