लखनऊ: भगवान राम को न्याय के लिए वर्षों इंतजार करना पड़ा. लंबे समय बाद न्यायालय के फैसले पर मंदिर निर्माण की बेला आ गई है. अयोध्या नगरी हो या फिर संपूर्ण भारतवर्ष, खुशहाली का चारों तरफ माहौल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को जन्मभूमि स्थल पर मंदिर के लिए भूमि पूजन करने से पहले हनुमानगढ़ी में पूजा-अर्चना करेंगे. हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने ईटीवी भारत के साथ प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम, अयोध्या के विकास, राम मंदिर को लेकर सियासत, संतों के बीच की सियासत जैसे मुद्दों पर खुलकर बातचीत की.
स्वरूपानंद सरस्वती कांग्रेस के प्रवक्ता
राजू दास ने कहा कि स्वरूपानंद सरस्वती कांग्रेस के प्रवक्ता के तौर पर बोलते हैं. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि 70 वर्षों तक कांग्रेस ने राज किया. उसके कार्यकाल में मंदिर का निर्माण क्यों नहीं करा दिया गया. उन्होंने रामालय ट्रस्ट बनाकर तमाम धनराशि एकत्र की. वह धनराशि कहां है. प्रधानमंत्री मोदी के तन में, मन में राम रचते-बसते हैं. इस वजह से ईश्वर ने उन्हें यह सौभाग्य प्रदान किया है. उनके कार्यकाल में कोर्ट ने फैसला सुनाया. मंदिर निर्माण होने जा रहा है.
बाबर के नाम पर मस्जिद बर्दास्त नहीं
अयोध्या के संतों में बाबर के नाम पर मस्जिद बनाने की योजना को लेकर भी नाराजगी बताई जा रही है. न्यायालय के फैसले पर मस्जिद बनाने के लिए भी दूसरे पक्ष को भूमि दी गई है. वे लोग बाबर के नाम पर ही मस्जिद बनाने की बात कर रहे हैं. बाबर एक आक्रांता था. अगर बाबर के नाम पर मस्जिद बनाई गई तो इसे अयोध्या के संत बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसके खिलाफ हम आंदोलन करेंगे. बाबर के नाम को लेकर अयोध्या के संतों में बड़ी नाराजगी है. अयोध्या के संतों का मानना है कि बाबर ने उनके आराध्य भगवान राम का मंदिर तोड़कर मस्जिद निर्माण कराया था.
अयोध्या के विकास पर भी चिंता
अयोध्या के विकास को लेकर भी चिंता की जा रही है. सरकार के स्तर पर अयोध्या में विकास की कई योजनाएं शुरू की गई हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि चंदे से मंदिर का निर्माण होगा. अयोध्या का विकास सरकार कराएगी. राजू दास कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या के विकास को लेकर खुद बेहद गंभीर हैं. उन्होंने अयोध्या का अब तक 20 बार दौरा किया है. पहले के मुख्यमंत्री अयोध्या आने की बात छोड़िए नाम भी नहीं लेना चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री से मेरी मांग है कि राम नगरी के विकास के साथ-साथ अयोध्या के हजारों युवाओं को रोजगार की व्यवस्था की जाए. युवाओं को रोजगार मिलने के लिए अयोध्या या आसपास के क्षेत्रों में उद्योग धंधे स्थापित किए जाएं.