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हिन्दी को वैश्विक संवाद की भाषा बनाने का लिया संकल्प

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Published : Jan 11, 2021, 9:02 AM IST

विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान और सांस्कृतिक परिषद की तरफ से आयोध्या के साकेत महाविद्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें वक्ताओं ने अपने विचार रखे.

विश्व हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
विश्व हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

अयोध्या: विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान और सांस्कृतिक परिषद का. सु. साकेत के संयुक्त तत्वावधान में आयोध्या के साकेत महाविद्यालय के राजा जगदम्बिका प्रताप नारायण सिंह सभागार में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें 'राजभाषा हिन्दी, राष्ट्रभाष की राह पर' विषय विचारगोष्ठी के साथ-साथ बृहद कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह भी सम्पन्न हुआ.

विश्व हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
विश्व हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

'हिन्दी को वैश्विक संवाद की भाषा बनाना है'

बस्ती की कप्तानगंज सीट से विधायक सी.ए. चन्द्रप्रकाश शुक्ला ने इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. समारोह का संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दी तो पहले से ही भारतीय जनमानस में राष्ट्रभाषा बन चुकी है. अब इसे वैश्विक संपर्क एवं संवाद की भाषा बनाने का अभियान चल रहा है, जिसे सरकार के प्रयासों से अपेक्षित सफलता भी मिल रहे हैं.

कार्यक्रम में मौजूद लोग
कार्यक्रम में मौजूद लोग
हिन्दी हमारी अभिव्यक्ति, आकांक्षा एवं चेतना का माध्यम
उन्होंने हिन्दी को हिन्दुस्तान के माथे की बिन्दी और भारतीय संस्कृति का आधार बताते हुए कहा कि मातृभाषा हिन्दी हमारी अभिव्यक्ति, आकांक्षा एवं चेतना का माध्यम है, जिसकी उपेक्षा का अर्थ है, अपने सम्पूर्ण अस्तित्व को ही उपेक्षित कर देना. वहीं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद डाॅ. निर्मल खत्री ने कहा कि हिन्दी दुनिया की मात्र एक भाषा है, जिसमें जो कुछ भी लिखा जाता है, वही बोला व पढ़ा भी जाता है. गोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर प्रख्यात वेद भाष्यकार डाॅ. देवी सहाय पाण्डेय 'दीप', विशिष्ट अतिथि बृजमोहन दास, समाजसेवी दीपिका सिंह, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की उपनिदेशक अनुपमा मौर्य, सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डाॅ. प्रणय कुमार त्रिपाठी, हिन्दी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान की राष्ट्रीय सचिव डाॅ. शशि मौर्य सहित अनेक गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
'मन का आंगन' पुस्तक का विमोचन
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार मौर्य एवं संचालन राष्ट्रीय महामंत्री डाॅ. सम्राट अशोक मौर्य ने किया. समारोह के बीच मंचस्थ अतिथियों द्वारा तारकेश्वर मिश्र 'जिज्ञासु' के द्वितीय काव्यसंग्रह 'मन का आंगन' का विमोचन भी किया गया.
कवि सम्मेलन का आयोजन
समारोह के दूसरे सत्र में आशुकवि अशोक टाटम्बरी के संयोजन एवं संचालन में कवि सम्मेलन प्रारम्भ हुआ, जिसमें भानु प्रताप सिंह 'भयंकर', भगीरथ अनुपम, रामानन्द सागर, सत्यनारायण मौर्य, रामअछैवर मौर्य, मनीष मौर्य, शलभजीत, देशराज क्रांति, लक्ष्मी सोनी, कात्यायनी उपाध्याय, पूनम सिंह, सुकृति तिवारी, बाबूराम तिवारी अश्क, स्वदेश रश्मि, कल्याण गोंडवी, जेपी गुप्ता, राजेश नंद, अपूर्वा शुक्ला आदि लगभग दो दर्जन कवियों ने अपनी रचनायें प्रस्तुत कर उपस्थित साहित्यप्रेमियों को आह्लादित किया.

कार्यक्रम में दिनेश सिंह, विंध्यवासिनी शरण पाण्डिया, पवन पाण्डेय, डाॅ. उपेन्द्रमणि त्रिपाठी, अनिरूद्ध शुक्ला, अजय कुमार मौर्य, डाॅ. सोनी शर्मा, सीए चक्रवर्ती मौर्य, प्रेस क्लब अध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी, वैद्य आरपी पाण्डेय, भारती सिंह, डॉ. रामकरन सिंह कुशवाहा, डॉ. सम्राट श्री कृष्ण मनमोहन मौर्य, बजरंग लाल मौर्य आदि रहे.

अयोध्या: विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान और सांस्कृतिक परिषद का. सु. साकेत के संयुक्त तत्वावधान में आयोध्या के साकेत महाविद्यालय के राजा जगदम्बिका प्रताप नारायण सिंह सभागार में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें 'राजभाषा हिन्दी, राष्ट्रभाष की राह पर' विषय विचारगोष्ठी के साथ-साथ बृहद कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह भी सम्पन्न हुआ.

विश्व हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
विश्व हिन्दी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

'हिन्दी को वैश्विक संवाद की भाषा बनाना है'

बस्ती की कप्तानगंज सीट से विधायक सी.ए. चन्द्रप्रकाश शुक्ला ने इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. समारोह का संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दी तो पहले से ही भारतीय जनमानस में राष्ट्रभाषा बन चुकी है. अब इसे वैश्विक संपर्क एवं संवाद की भाषा बनाने का अभियान चल रहा है, जिसे सरकार के प्रयासों से अपेक्षित सफलता भी मिल रहे हैं.

कार्यक्रम में मौजूद लोग
कार्यक्रम में मौजूद लोग
हिन्दी हमारी अभिव्यक्ति, आकांक्षा एवं चेतना का माध्यम
उन्होंने हिन्दी को हिन्दुस्तान के माथे की बिन्दी और भारतीय संस्कृति का आधार बताते हुए कहा कि मातृभाषा हिन्दी हमारी अभिव्यक्ति, आकांक्षा एवं चेतना का माध्यम है, जिसकी उपेक्षा का अर्थ है, अपने सम्पूर्ण अस्तित्व को ही उपेक्षित कर देना. वहीं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद डाॅ. निर्मल खत्री ने कहा कि हिन्दी दुनिया की मात्र एक भाषा है, जिसमें जो कुछ भी लिखा जाता है, वही बोला व पढ़ा भी जाता है. गोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर प्रख्यात वेद भाष्यकार डाॅ. देवी सहाय पाण्डेय 'दीप', विशिष्ट अतिथि बृजमोहन दास, समाजसेवी दीपिका सिंह, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की उपनिदेशक अनुपमा मौर्य, सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डाॅ. प्रणय कुमार त्रिपाठी, हिन्दी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान की राष्ट्रीय सचिव डाॅ. शशि मौर्य सहित अनेक गणमान्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
'मन का आंगन' पुस्तक का विमोचन
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार मौर्य एवं संचालन राष्ट्रीय महामंत्री डाॅ. सम्राट अशोक मौर्य ने किया. समारोह के बीच मंचस्थ अतिथियों द्वारा तारकेश्वर मिश्र 'जिज्ञासु' के द्वितीय काव्यसंग्रह 'मन का आंगन' का विमोचन भी किया गया.
कवि सम्मेलन का आयोजन
समारोह के दूसरे सत्र में आशुकवि अशोक टाटम्बरी के संयोजन एवं संचालन में कवि सम्मेलन प्रारम्भ हुआ, जिसमें भानु प्रताप सिंह 'भयंकर', भगीरथ अनुपम, रामानन्द सागर, सत्यनारायण मौर्य, रामअछैवर मौर्य, मनीष मौर्य, शलभजीत, देशराज क्रांति, लक्ष्मी सोनी, कात्यायनी उपाध्याय, पूनम सिंह, सुकृति तिवारी, बाबूराम तिवारी अश्क, स्वदेश रश्मि, कल्याण गोंडवी, जेपी गुप्ता, राजेश नंद, अपूर्वा शुक्ला आदि लगभग दो दर्जन कवियों ने अपनी रचनायें प्रस्तुत कर उपस्थित साहित्यप्रेमियों को आह्लादित किया.

कार्यक्रम में दिनेश सिंह, विंध्यवासिनी शरण पाण्डिया, पवन पाण्डेय, डाॅ. उपेन्द्रमणि त्रिपाठी, अनिरूद्ध शुक्ला, अजय कुमार मौर्य, डाॅ. सोनी शर्मा, सीए चक्रवर्ती मौर्य, प्रेस क्लब अध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी, वैद्य आरपी पाण्डेय, भारती सिंह, डॉ. रामकरन सिंह कुशवाहा, डॉ. सम्राट श्री कृष्ण मनमोहन मौर्य, बजरंग लाल मौर्य आदि रहे.

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