अयोध्या : जिले के बीकापुर इलाके में 13 दिन पहले एक बंदर की मौत हो गई थी. भगवान राम के भक्तों ने बंदर को हनुमान जी का वंशज मानते हुए विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार किया था. रविवार की शाम को सुंदरकांड पाठ के साथ तेरहवीं भी कराई गई. इसमें काफी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया.
आयोजनकर्ता विशाल पांडेय ने बताया कि बंदरों को हनुमान जी के वंशज के रूप में जाना जाता है. लोग समय-समय पर इनकी सेवा भी करते रहते हैं. अयोध्या में इन बंदरों को श्रद्धा की नजर से देखा जाता है. अयोध्या के मंदिरों से इन बंदरों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था भी की जाती रही है. कुछ दिनों पहले बीकापुर में प्रयागराज हाईवे पर वाहन से टकरा कर एक बंदर गंभीर रूप से घायल हो गया था. कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई थी.
बंदर की मौत के बाद विधि विधान से कस्बे के लोगों ने उसका अंतिम संस्कार किया था. मौत के ठीक 13 दिन बाद उसकी याद में शांतिपाठ और तेरहवीं भी कराई गई. इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए और प्रसाद ग्रहण किया. स्थानीय निवासी संतोष कसौधन ने बताया कि आस्था और बंदरों के प्रति प्रेम के नाते काफी लोगों ने आयोजन में सहयाेग किया. हमें बेजुबानों के लिए हमेशा दया का भाव रखना चाहिए. वहीं बंदर की तेरहवीं और उसकी आत्मा की शांति के लिए कराए गए पाठ की लोग सराहना कर रहे हैं.
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