अयोध्या: पोंजी कंपनियों ने अयोध्यावासियों को भारी चपत लगाई है. निवेशकों के करोड़ों रुपये हड़पने वाली कंपनी शिवाजी ग्रुप का संचालक गिरफ्तार किया जा चुका है. कंपनी अनी बुलियन के एमडी समेत सात लोगों के विरुद्ध कोतवाली नगर में मामला दर्ज किया गया है. कंपनी के पदाधिकारियों पर निवेशकों के पैसे हड़पने और उन्हें धमकाने का आरोप है.
मार्केटिंग में पैसा लगाने के नाम पर फ्रॉड
मार्केटिंग में पैसा लगाने के नाम पर फ्रॉड करने वाली कंपनी अनी बुलियन ग्रुप, अनी बुलियन इंडस्ट्रीज प्रा. लि. कंपनी व सिस्टर कन्सर्न आई विजन इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लि. अयोध्या के कुमारगंज कस्बे में संचालित है. इस पोंजी कंपनी के खिलाफ पहले से ही कुमारगंज थाने में कई मुकदमे दर्ज हैं.
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
इसी कड़ी में 2 जुलाई 2020 को कोतवाली नगर में गांधी नगर नाका निवासी अनुपम अग्रवाल ने कंपनी के वासदेव गोस्वामी, शिव कुमार गोस्वामी, अजय कुमार उपाध्याय निवासी बवां अकमा कुमारगंज, विष्णु गुप्ता, अजीत कुमार गुप्ता, निहारिका सिंह निवासी विराट खण्ड गोमतीनगर लखनऊ और एक अज्ञात के खिलाफ कोतवाली नगर में आईपीसी की धारा 420, 406, 467, 468 व 471 में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
पीड़ित लेंगे न्यायालय का सहारा
पीड़ित अनुपम का कहना है कि कंपनी द्वारा उन्हें कई प्रलोभन देकर अपनी ओर आकर्षित किया गया. अपने झांसे में लेकर उनका करीब 21 लाख रुपये कंपनी ने इन्वेस्टमेंट के नाम पर लिया. यही नहीं उनके मित्र गौरव पांडेय, जिनके पिता हाल ही में बैंक से रिटायर हुए थे, उनका भी करीब 25 लाख रुपये इसी कंपनी में जमा कराया था. अवधि पूरी होने पर जब उपभोक्ताओं ने अपना पैसा मांगा तो कंपनी के लोग देने में हीलाहवाली कर रहे हैं. पीड़ितों ने बताया कि अगर कंपनी उनका पैसा नहीं देती है तो वह मजबूरन न्यायालय का सहारा लेंगे.
मामले की हो निष्पक्ष जांच
वहीं अधिवक्ता चंदन त्रिपाठी ने बताया कि पोंजी अनी बुलियन के विरुद्ध पहले भी मुकदमा दर्ज हुआ है. ताजे मामले में नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है. कंपनी की पदाधिकारी निहारिका अपने को आईएफएस बताती हैं. कई जनप्रतिनिधियों के साथ अपनी फोटो दिखा कर निवेशकों को विश्वास दिलाने का प्रयास किया जाता है. ऐसे मामले की निष्पक्ष जांच आवश्यक है.
संसद में भी उठ चुका है मामला
बता दें कि अयोध्या में लॉकडाउन से पहले कई पूंजी कंपनियां सक्रिय थीं. इन्होंने जनपद के कई क्षेत्रों से निवेशकों के करोड़ों रुपये जमा कराए, लेकिन अब पैसे वापस देने के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है. मामले को अयोध्या सांसद लल्लू सिंह संसद में भी उठा चुके हैं.