अयोध्या: जनपद की प्रसिद्ध तपस्वी छावनी पीठ के महंत सर्वेश्वर दास के निधन के बाद अब उनकी गद्दी पर कब्जा करने के लिए विवाद खड़ा हो गया है. एक तरफ से परमहंस दास ने खुद को महंत घोषित करते हुए हनुमानगढ़ी के साधुओं का समर्थन लेकर मंदिर पर कब्जे का दावा किया है. वहीं, दूसरी तरफ मंदिर को लेकर बनाए गए ट्रस्ट द्वारा घोषित महंत दिलीप दास के समर्थन में अयोध्या के संतों का दूसरा गुट आमने-सामने है.
मंदिर की गद्दी पर काबिज होने के लिए संतों के दो गुटों का विवाद कभी भी हिंसक रूप धारण कर सकता है. विवाद की आशंका को देखते हुए बुधवार को दिलीप दास के समर्थन में संतों का एक प्रतिनिधिमंडल डीआईजी अयोध्या रेंज अमरेंद्र प्रताप सिंह से मिला. संतों के प्रतिनिधिमंडल ने डीआईजी से मिलकर मंदिर के विषय में पूरी जानकारी दी और सुरक्षा प्रदान करने की मांग की.
हनुमानगढ़ी के नागा साधु परमहंस के समर्थन में आए
संतो ने डीआइजी को बताया कि वर्ष 2019 से तपस्वी छावनी में एक ट्रस्ट काम कर रहा है. जिसके तहत जगन्नाथ मंदिर अहमदाबाद के संत दिलीप दास को तपस्वी छावनी का महंत बनाया जा रहा है. इसलिए दिलीप दास को महंती और चादर देनी है, भंडारा भी किया जाना है. इस कार्यक्रम के अवसर पर संतो ने डीआईजी से सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग की.
वहीं, दूसरी तरफ हनुमानगढ़ी के नागा संतों का गुट तपस्वी छावनी के संत परमहंस को समर्थन दे रहा है. अपने बयानों से चर्चा में आए परमहंस दास अब तपस्वी छावनी के महंत बनना चाहते हैं. परमहंस दास को अब हनुमानगढ़ी के नागा संतो का समर्थन है. संतो के एक गुट को हनुमानगढ़ी समर्थन दे रहा है, तो दूसरे गुट को राम वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास का समर्थन मिल रहा है. माना जाता है कि राजकुमार दास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी हैं. फिलहाल संतो का एक गुट डीआईजी से मिलकर सुरक्षा की मांग कर रहा है तो दूसरा गुट भी परमहंस को महंत बनाने के लिए दावेदारी कर रहा है. समय रहते महंती विवाद को नहीं सुलझाया गया तो संतो-महंतों के दोनों गुटों में संघर्ष तय माना जा रहा है.
जगतगुरु परमहंस दास ने किया महंत होने का दावा
तपस्वी छावनी पीठ का महंती विवाद गहराता जा रहा है. इस मामले में एक तरफ दिलीप दास दावेदारी कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ जगत गुरु परमहंस आचार्य ने महंत होने का दावा किया है. उन्होंने खुद को महंत बताते हुए मीडिया के सामने साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं. परमहंस आचार्य ने कोर्ट जाकर न्याय की गुहार लगाने की बात कही है. बुधवार की शाम को महंत परमहंस दास ने तहसील परिसर में मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा.
जगत गुरु परमहंस आचार्य ने दूसरे पक्ष के कई बड़े महंतो पर गंभीर आरोप लगाए हैं. जगत गुरु परमहंस आचार्य का आरोप है कि जो कथित संत उनके खिलाफ विरोध कर रहे हैं. वह भंडारा खाकर एसी में सोने वाले संत हैं. यह सभी लोग मंदिरों पर और मंदिरों से जुड़ी जमीनों पर कब्जा करने वाले लोग हैं. इन्होंने कभी भी धर्म के लिए आवाज नहीं उठाई है. आचार्य ने कहा कि उन्होंने हमेशा हिंदू धर्म के लिए और राष्ट्र की रक्षा के लिए आवाज उठाई है.
भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर आवाज उठाई है. उन्होंने कहा कि आज मेरी मुहिम को पूरे देश में समर्थन मिल रहा है. इसलिए उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है. परमहंस ने बताया कि तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत और सर्वराकार के रूप में दिवंगत महंत परमेश्वर दास ने उनके नाम से महज्जरनामा लिखा था. बाद में कुछ लोगों ने साजिश के तहत ट्रस्ट का गठन कर लिया, जो कि पूरी तरह से अनुचित है. उन्होंने कहा कि मेरे पास मंदिर के महंत होने के सभी प्रमाण मौजूद हैं.