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दो विकास मॉडलों के जरिये होगा अयोध्या का विकास, जारी हुए ग्लोबल टेंडर

भव्य राम मंदिर निर्माण के साथ ही पौराणिक नगरी अयोध्या को वैश्विक स्वरूप देने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार दो अलग-अलग मॉडल पर काम करने जा रही है. इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण ने ग्लोबल टेंडर भी जारी कर दिया है.

दो विकास मॉडलों के जरिये होगा अयोध्या का विकास
दो विकास मॉडलों के जरिये होगा अयोध्या का विकास
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Published : Dec 11, 2020, 12:40 PM IST

Updated : Dec 11, 2020, 2:15 PM IST

अयोध्याः रामनगरी अयोध्या को वैश्विक स्वरूप देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दो अलग-अलग मॉडल पर काम करने जा रही है. इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण ने ग्लोबल टेंडर भी जारी कर दिया है.

दो अलग-अलग मॉडल

इन दो मॉडलों में पहले 35 वर्ग किलोमीटर के दायरे में धार्मिक नगरी अयोध्या में होने वाले विकास कार्यों का प्रोजेक्ट होगा. जबकि दूसरे मॉडल में 195 किलोमीटर के दायरे में चौरासी कोस में आने वाले धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण और विकास योजना शामिल है.
22 जनवरी तक संस्थाएं कर सकती हैं ऑनलाइन आवेदन
केंद्र और राज्य सरकार कि इस संयुक्त योजना में काम शुरू करने के लिए बुधवार को कंसलटेंट कंपनी के साथ अपर आवास आयुक्त डॉक्टर नीरज शुक्ला ने निरीक्षण भी किया था. योजना पर जल्द काम शुरू हो इसके लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए गये हैं. जिसमें निर्माण से जुड़े डिजाइन को तैयार किया जाएगा. जिसका काम विश्वस्तरीय संस्था के जरिए ही होगा. 22 जनवरी तक इसके लिए संस्थाएं ऑनलाइन टेंडर डाल सकती हैं. ग्लोबल टेंडर के जरिए अयोध्या और अयोध्या से जुड़े धार्मिक स्थलों के विकास को लेकर मानक तय किया गया है. इसमें जो भी कंपनी विकास के मॉडल बनाएगी, वो दूसरे धर्मनगरों से अलग विकास मॉडल को डिजाइन करेगी. जाहिर तौर पर इस योजना के धरातल पर आने से रामनगरी अयोध्या की शास्त्रीय सीमा से लेकर 84 कोसी की धार्मिक सीमा का चतुर्दिक विकास होगा.

अयोध्याः रामनगरी अयोध्या को वैश्विक स्वरूप देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दो अलग-अलग मॉडल पर काम करने जा रही है. इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण ने ग्लोबल टेंडर भी जारी कर दिया है.

दो अलग-अलग मॉडल

इन दो मॉडलों में पहले 35 वर्ग किलोमीटर के दायरे में धार्मिक नगरी अयोध्या में होने वाले विकास कार्यों का प्रोजेक्ट होगा. जबकि दूसरे मॉडल में 195 किलोमीटर के दायरे में चौरासी कोस में आने वाले धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण और विकास योजना शामिल है.
22 जनवरी तक संस्थाएं कर सकती हैं ऑनलाइन आवेदन
केंद्र और राज्य सरकार कि इस संयुक्त योजना में काम शुरू करने के लिए बुधवार को कंसलटेंट कंपनी के साथ अपर आवास आयुक्त डॉक्टर नीरज शुक्ला ने निरीक्षण भी किया था. योजना पर जल्द काम शुरू हो इसके लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए गये हैं. जिसमें निर्माण से जुड़े डिजाइन को तैयार किया जाएगा. जिसका काम विश्वस्तरीय संस्था के जरिए ही होगा. 22 जनवरी तक इसके लिए संस्थाएं ऑनलाइन टेंडर डाल सकती हैं. ग्लोबल टेंडर के जरिए अयोध्या और अयोध्या से जुड़े धार्मिक स्थलों के विकास को लेकर मानक तय किया गया है. इसमें जो भी कंपनी विकास के मॉडल बनाएगी, वो दूसरे धर्मनगरों से अलग विकास मॉडल को डिजाइन करेगी. जाहिर तौर पर इस योजना के धरातल पर आने से रामनगरी अयोध्या की शास्त्रीय सीमा से लेकर 84 कोसी की धार्मिक सीमा का चतुर्दिक विकास होगा.

Last Updated : Dec 11, 2020, 2:15 PM IST
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