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हनुमानगढ़ी से जुड़े मंदिर के महंत की हत्या का खुलासा, रुपयों के लिए शिष्य ने ही रची थी साजिश - हनुमानगढ़ी मंदिर महंत हत्या

अयोध्या हनुमानगढ़ी से जुड़े मंदिर के महंत की हत्या (Ayodhya Hanumangarhi Mahant murder) कर दी गई थी. पुलिस ने वारदात का खुलासा कर दिया है.

पुलिस ने महंत की हत्या का खुलासा कर दिया.
पुलिस ने महंत की हत्या का खुलासा कर दिया.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 20, 2023, 6:35 PM IST

पुलिस ने महंत की हत्या का खुलासा कर दिया.

अयोध्या : प्रसिद्ध सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी परिसर स्थित चारण मंदिर में गुरुवार की सुबह महंत का शव मिला था. चाकू से वारकर उसकी हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने शुक्रवार को वारदात का खुलासा कर दिया. पुलिस ने बसंतिया पट्टी के महंत राम सहारे दास की हत्या में शामिल शिष्य को गिरफ्तार कर लिया है. शिष्य ने एक नाबालिग संस्कृत विद्यार्थी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उसके पास से चाकू, मोबाइल के अलावा लगभग 108900 रुपये भी बरामद किए हैं. आरोपी ने गुरु के पास मौजूद रुपए हड़पने और मंदिर की महंती के लालच में महंत को मारा था.

बिहार का रहने वाला है मुख्य आरोपी : शुक्रवार की शाम अयोध्या में पत्रकारों से बातचीत करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैयर ने बताया कि राम सहारे दास के शिष्य अंकित दास पुत्र पशुपति पांडे निवासी खेमपुर थाना धनसुई, जनपद बक्सर, बिहार ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह 2017 से हनुमानगढ़ी से जुड़ा हुआ था. पूर्व में वह इसी स्थान से जुड़े सूर्यकुंड स्थित मंदिर पर रहकर पूजा पाठ करता था. कोरोना काल के दौरान वह यहां से अपने घर चला गया था और वारदात से करीब दो माह पूर्व पहले रामसहारे दास के आश्रम पर आकर सेवा पूजा कर रहा था.

पैसे देखकर खराब हुई नीयत : हनुमानगढ़ी से जुड़े महंत को लेकर कुछ दिन पहले ही पूजा हुई थी. इसमें काफी धनराशि प्राप्त हुई थी. धनराशि को महन्त रामसहारे दास ने अपने शिष्यों के हाथ से गिनवाकर अपने पास रखवाए थे. करीब 15 दिन पहले एक अन्य नाबालिग विद्यार्थी भी आ गया था. इतनी धनराशि को देखकर दोनों आरोपियों की नीयत खराब हो गई. उसने नाबालिग विद्यार्थी को पैसे का लालच देकर अपने साथ मिला लिया. वारदात वाली रात सन्नाटा होने पर उसने अपने गुरु की चारण मंदिर परिसर में हत्या कर दी.

आश्रम की महंती के लालच में रची साजिश : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैयर ने यह भी बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि मुख्य आरोपी अंकित दास ने नाबालिग विद्यार्थी के साथ पूरी घटना की प्लानिंग की थी. साजिश थी कि वारदात के बाद नाबालिग शिष्य घटना स्थल से फरार हो जाएगा. पुलिस का पूरा शक उसी के ऊपर रहेगा. महंत की मृत्यु के बाद हनुमानगढ़ी के सभी साधु-संत मिलकर उनके स्थान पर अंकित दास को महन्त बना देंगे. योजना के अनुसार बाद में पैसे के बंटवारे की बात तय हुई थी. इसी कारण उसने हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. आरोपी अंकित दास ने वारदात में इस्तेमाल किए जाने वाले चाकू को भी नाबालिग विद्यार्थी से ही खरीद कर मंगवाया था. पुलिस ने मुख्य आरोपी के अलावा नाबालिग को भी हिरासत में लिया है. आला कत्ल चाकू और नकद रुपए बरामद किए हैं.

यह भी पढ़ें : अयोध्या में साधु की गला दबाकर निर्मम हत्या, पुलिस को शिष्य की तलाश

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पुलिस ने महंत की हत्या का खुलासा कर दिया.

अयोध्या : प्रसिद्ध सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी परिसर स्थित चारण मंदिर में गुरुवार की सुबह महंत का शव मिला था. चाकू से वारकर उसकी हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने शुक्रवार को वारदात का खुलासा कर दिया. पुलिस ने बसंतिया पट्टी के महंत राम सहारे दास की हत्या में शामिल शिष्य को गिरफ्तार कर लिया है. शिष्य ने एक नाबालिग संस्कृत विद्यार्थी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उसके पास से चाकू, मोबाइल के अलावा लगभग 108900 रुपये भी बरामद किए हैं. आरोपी ने गुरु के पास मौजूद रुपए हड़पने और मंदिर की महंती के लालच में महंत को मारा था.

बिहार का रहने वाला है मुख्य आरोपी : शुक्रवार की शाम अयोध्या में पत्रकारों से बातचीत करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैयर ने बताया कि राम सहारे दास के शिष्य अंकित दास पुत्र पशुपति पांडे निवासी खेमपुर थाना धनसुई, जनपद बक्सर, बिहार ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह 2017 से हनुमानगढ़ी से जुड़ा हुआ था. पूर्व में वह इसी स्थान से जुड़े सूर्यकुंड स्थित मंदिर पर रहकर पूजा पाठ करता था. कोरोना काल के दौरान वह यहां से अपने घर चला गया था और वारदात से करीब दो माह पूर्व पहले रामसहारे दास के आश्रम पर आकर सेवा पूजा कर रहा था.

पैसे देखकर खराब हुई नीयत : हनुमानगढ़ी से जुड़े महंत को लेकर कुछ दिन पहले ही पूजा हुई थी. इसमें काफी धनराशि प्राप्त हुई थी. धनराशि को महन्त रामसहारे दास ने अपने शिष्यों के हाथ से गिनवाकर अपने पास रखवाए थे. करीब 15 दिन पहले एक अन्य नाबालिग विद्यार्थी भी आ गया था. इतनी धनराशि को देखकर दोनों आरोपियों की नीयत खराब हो गई. उसने नाबालिग विद्यार्थी को पैसे का लालच देकर अपने साथ मिला लिया. वारदात वाली रात सन्नाटा होने पर उसने अपने गुरु की चारण मंदिर परिसर में हत्या कर दी.

आश्रम की महंती के लालच में रची साजिश : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैयर ने यह भी बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि मुख्य आरोपी अंकित दास ने नाबालिग विद्यार्थी के साथ पूरी घटना की प्लानिंग की थी. साजिश थी कि वारदात के बाद नाबालिग शिष्य घटना स्थल से फरार हो जाएगा. पुलिस का पूरा शक उसी के ऊपर रहेगा. महंत की मृत्यु के बाद हनुमानगढ़ी के सभी साधु-संत मिलकर उनके स्थान पर अंकित दास को महन्त बना देंगे. योजना के अनुसार बाद में पैसे के बंटवारे की बात तय हुई थी. इसी कारण उसने हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. आरोपी अंकित दास ने वारदात में इस्तेमाल किए जाने वाले चाकू को भी नाबालिग विद्यार्थी से ही खरीद कर मंगवाया था. पुलिस ने मुख्य आरोपी के अलावा नाबालिग को भी हिरासत में लिया है. आला कत्ल चाकू और नकद रुपए बरामद किए हैं.

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