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अयोध्या मामला: बोले महंत नृत्यगोपाल दास, 'जनता की आवाज को न्यायालय भी सुनेगा'

देश के सबसे विवादित मुद्दे राम जन्मभूमि मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. इसी मामले पर ईटीवी भारत ने राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास से खास बातचीत की.

राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास
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Published : Oct 16, 2019, 11:10 PM IST

अयोध्या: सुप्रीमकोर्ट में दशकों से चला आ रहे राम जन्मभूमि मुद्दे की सुनवाई आज पूरी हो चुकी है. ऐसे में बुधवार को महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि न्यायालय जनता की आवाज है. हमें लगता है कि जनता की आवाज को सुन न्यायालय भी राम मंदिर निर्माण के पक्ष में ही फैसला सुनाएगा और यही अंतिम होना चाहिए.

राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास से खास बातचीत.

न्यायालय जनता की आवाज सुनकर ही करेगा अंतिम फैसला
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास से ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत की, जिसमें उन्होने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं और न्यायालय जनता की आवाज होती है. हमारे दृष्टिकोण से न्यायालय जनता की आवाज को सुनकर ही अपना अंतिम फैसला सुनाएगी. हमें पूरा विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर बनाने के पक्ष में ही होगी.

इसे भी पढ़ें-ईटीवी भारत की इकबाल अंसारी से खास बातचीत, बोले - सुप्रीम कोर्ट जो फैसला करेगा, वही मानेंगे

महंत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि अगर राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में नहीं होगा तो आखिर कहां होगा. महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि शिया और सुन्नी दोनों ने ही अपना पक्ष रख दिया है, वह मंदिर निर्माण के लिए राजी हैं. इसलिए मेरा मानना है कि अब सुप्रीम कोर्ट को भी अपने फैसले में देरी नहीं करनी चाहिए और इसके मुताबिक उन्हें अपना फैसला सुना देना चाहिए.

अयोध्या: सुप्रीमकोर्ट में दशकों से चला आ रहे राम जन्मभूमि मुद्दे की सुनवाई आज पूरी हो चुकी है. ऐसे में बुधवार को महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि न्यायालय जनता की आवाज है. हमें लगता है कि जनता की आवाज को सुन न्यायालय भी राम मंदिर निर्माण के पक्ष में ही फैसला सुनाएगा और यही अंतिम होना चाहिए.

राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास से खास बातचीत.

न्यायालय जनता की आवाज सुनकर ही करेगा अंतिम फैसला
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास से ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत की, जिसमें उन्होने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं और न्यायालय जनता की आवाज होती है. हमारे दृष्टिकोण से न्यायालय जनता की आवाज को सुनकर ही अपना अंतिम फैसला सुनाएगी. हमें पूरा विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर बनाने के पक्ष में ही होगी.

इसे भी पढ़ें-ईटीवी भारत की इकबाल अंसारी से खास बातचीत, बोले - सुप्रीम कोर्ट जो फैसला करेगा, वही मानेंगे

महंत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि अगर राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में नहीं होगा तो आखिर कहां होगा. महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि शिया और सुन्नी दोनों ने ही अपना पक्ष रख दिया है, वह मंदिर निर्माण के लिए राजी हैं. इसलिए मेरा मानना है कि अब सुप्रीम कोर्ट को भी अपने फैसले में देरी नहीं करनी चाहिए और इसके मुताबिक उन्हें अपना फैसला सुना देना चाहिए.

Intro:अयोध्या। सुप्रीमकोर्ट में दशकों से चला आ रहा मुद्दा राम जन्मभूमि को लेकर आज आखिरी दौर की सुनवाई पूरी हो चुकी है। ऐसे में आज महंत नृत्य गोपाल दास ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि न्यायालय जनता की आवाज है और हमें लगता है कि जनता की आवाज सुन न्यायालय राम मंदिर निर्माण के पक्ष में ही फैसला सुनाएगी और यही अंतिम होना चाहिए


Body:अयोध्या मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अंतिम दौर है ऐसे में आज मित्र गोपाल दास से ईटीवी भारत ने विशेष बातचीत की जिसमें मित्र गोपाल दास ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं और न्यायालय जनता की आवाज होती है। हमारे दृष्टिकोण से न्यायालय जनता की आवाज को सुनकर ही अपना अंतिम फैसला सुनाएगी। हमें पूरा विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर बनाने के पक्ष में ही होगी। साथ ही नृत्य गोपालदास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि अगर राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में नहीं होगा तो आखिर और कहां होगा। ईटीवी से बात करते हुए नृत्य गोपाल दास ने कहा कि शिया और सुन्नी दोनों ही ने अपना पक्ष रख दिया है कि वह मंदिर निर्माण के लिए राजी हैं। इसलिए मेरा मानना है कि अब सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले में देरी नहीं करनी चाहिए और इसके मुताबिक उन्हें अपना फैसला सुना देना चाहिए।


Conclusion:दिनेश मिश्रा
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