अयोध्या: कैप्टन अफजाल अहमद खान (captain afzal ahmed) का सोमवार देर रात अयोध्या के लक्ष्मण पुरी कालोनी में स्थित आवास पर निधन हो गया. खान का स्वास्थ्य बीते कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रहा था. कैप्टन अफजाल अहमद अयोध्या के सोहावल तहसील क्षेत्र के धन्नीपुर गांव में प्रस्तावित मस्जिद के लिए गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (indo-islamic cultural foundation) के ट्रस्टी थे. उन्हें राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा द्वारा समाज रत्न का पुरस्कार भी प्रदान किया गया था.
भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान के युद्ध में थल सेना के कैप्टन थे अफजाल अहमद
कैप्टन अफजाल अहमद के बेटे और वरिष्ठ पत्रकार अरशद अफजाल अहमद के मुताबिक, उनके पिता थल सेना में कैप्टन थे. उन्होंने 1965 के भारत-चीन युद्ध और 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में अपनी सक्रिय भूमिका अदा की थी. उनके बेहतर कार्यो के कारण उन्हें सेना मेडल से भी सम्मानित किया गया था. सेवानिवृत्त होने के बाद वह समाज सेवा के कार्य में लगे रहे. अफजाल अहमद 81 वर्ष के थे और पिछले साल ही मस्जिद निर्माण ट्रस्ट में दसवें सदस्य के तौर पर शामिल हुए थे. कैप्टन अफजाल मस्जिद निर्माण ट्रस्ट में सबसे उम्रदराज व्यक्ति थे. कैप्टन अफजाल अहमद का अंतिम संस्कार मंगलवार को जोहर की नमाज के बाद अमानीगंज के बक्शी बाबा कब्रिस्तान में किया जाएगा. उनके निधन पर अयोध्या के संभ्रांत नागरिकों ने शोक जताया है.
इसे भी पढ़ें- संजय सिंह बोले- भाजपा राम मंदिर निर्माण में घोटाले का मुद्दा क्यों नहीं उठा रही ?
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के सदस्यों ने व्यक्त किया शोक
धन्नीपुर में मौलवी अहमदुल्ला शाह फैजाबादी के नाम पर बनने वाली मस्जिद और अन्य भवनों के निर्माण के लिए गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने मंगलवार को अपातकालीन बैठक बुलाई. यह बैठक अयोध्या के निवासी और ट्रस्ट के ट्रस्टी कैप्टन अफजाल अहमद के निधन की सूचना पर बुलाई गई. इस वर्चुअल बैठक में ट्रस्ट के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी समेत सभी ने कैप्टन अफजाल के निधन पर शोक व्यक्त किया. ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने कहा कि कैप्टन अफजाल अहमद इस ट्रस्ट और पूरे प्रोजेक्ट के लिए एक अहम शख्सियत थे और उनके योगदान से ट्रस्ट तेज़ी से इस काम में आगे बढ़ रहा था. उनका अचानक जाना, ट्रस्ट के साथ पूरे प्रोजेक्ट के लिए एक बड़ा नुक़सान है.